महीना चल रहा है माघ का और इसी के साथ जुदा है भारत का एक बहुत ही प्राचीन मेला जिसका नाम आपने ज़रूर सुना होगा, और वो है कुम्भ का मेला। इस वर्ष इलाहबाद में अर्ध कुम्भ का मेला 15 जनवरी से शुरू होकर 4 मार्च तक चलने वाला है। तो आइये पाप धोने से जुड़े इस एक मेले के बारे में लें थोड़ी और जानकारी और वो भी एक वीडियो के माध्यम से।
ऊपर दिया गया वीडियो सन 1989 के दौरान आयोजित हुए पूर्ण कुम्भ मेले को प्रदर्शित करता है। वीडियो की शुरुआत होते ही आप देख सकेंगे उत्तर प्रदेश सरकार का चिह्न। यह एक ऐसा वीडियो है जिसमें मेले के दृश्य दिखाने के साथ-साथ एक कथावाचक दिखाए गए दृश्यों का वर्णन भी करते हैं। सबसे पहले जीवनदायिनी गंगा नदी का दृश्य दिखाया जाता है और भागीरथ शिला दिखाई जाती है जिसके बारे में माना जाता है कि इसी पर बैठकर राजा भागीरथ ने तपस्या की थी। कुछ आगे चलकर गंगा नदी का पानी शिवलिंग का अभिषेक करता है और फिर आगे बढ़ जाता है।
संगम से होते सूर्योदय का दृश्य दिखाते हुए कहा गया है कि यह सूर्योदय मनुष्य को आत्मचिंतन और आत्मदर्शन की प्रेरणा देता है और इसी आत्मचिंतन का एक प्रयास है भारत में सदियों से होता आ रहा कुम्भ का मेला। साथ ही वीडियो में बताया गया है कि कितने लोग आम तौर पर इस मेले का भाग बनते हैं और उनसे जुड़े सभी इन्तेज़ामों के बारे में भी काफी सटीक जानकारी दी गयी है। अब यदि हम आपको सब कुछ यहीं बता देंगे तो वीडियो देखने में आपको वो आनंद नहीं आएगा। इसलिए तुरंत क्लिक कीजिये ऊपर दिए गए वीडियो पर और बनाइये अपने इस रविवार को ज्ञानवर्धक।
सन्दर्भ:
1. https://www.youtube.com/watch?v=k4Lrsng-2Vs© - , graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.