औपनिवेशिक काल तक भारत में मदिरा की कोई प्राथमिकता नहीं थी, जिस कारण यह इतनी प्रसिद्ध नहीं हो पायी। ब्रिटिश द्वारा भारत में इसका आगमन कराया गया और 90 के दशक में बेहतर प्रौद्योगिकी ने भारत में इसको लोकप्रिय बना दिया। इस लोकप्रिय मदिरा का इतिहास भी इसी की भांति रोचक है।
"एल्कोहॉल(Alcohol)" शब्द अरबी भाषा के "अल-कुहल" से आता है जिसका अर्थ है "शरीर खाने वाली आत्मा", तथा अंग्रेजी भाषा में "पिशाच"। मध्य पूर्वी लोककथाओं में, "पिशाच" एक दुष्ट राक्षस था, जो कि मृत मानव शरीर को चुराकर या बच्चों को खाता था। जेसन क्रिस्टोफ (लेखक और स्वास्थ्य उत्साही) का कहना है कि "शराब पीने के बाद मनुष्य की पवित्र आत्मा उसे छोड़ देती है। इसलिए जो इसका सेवन करता है उसे कुछ याद नहीं रहता है, कि वो क्या कर रहा है और क्या करने जा रहा है। उनकी आत्मा में कोई दूषित बाहरी इकाई प्रवेश कर लेती है।"
व्हिस्की (Whisky) का इतिहास आयरलैंड और स्कॉटलैंड दोनों ही जगहों में मिलता है। क्योंकि दोनों देश इसकी उत्पत्ति का दावा करते हैं, लेकिन केट हॉपकिंस (Kate hopkins) नें अपनी पुस्तक 99 ड्राम्स ऑफ व्हिस्की (Drams of Whiskey) में लिखा है कि दोनों ही देशों के पास इसका कोई निश्चित प्रमाण नहीं है। शराब बनाने की प्रक्रिया 800 ईस्वी के समय की मानी गयी है, जब अबू मुसा जबीर इब्न हैयान (अरब के रसायनज्ञ) आसवन (किण्वन के माध्यम से बने पेय पदार्थों का शुद्धिकरण) कर रहे थे।
आमतौर पर व्हिस्की को बनाने की प्रक्रिया कुछ इस प्रकार है :- पहले घान बनाने के लिए अनाज (जौ, मक्का, राई, गेहूं, आदि) को पीसा जाता है। फिर मिश्रण बनाने के लिए इसमें पानी मिलाया जाता है। इस मिश्रण को उबालकर ठंडा किया जाता है। उसके बाद इसमें खमीर (जो किण्वन के माध्यम से शक़्क़र को खाकर एल्कोहॉल बनाता है) डाला जाता है। परिणामी तरल को निकालकर, जो अब बीयर (Beer) है से शराब को खींचा जाता है। तैयार तरल को लकड़ी के पीपे में रखा जाता है।
ये तो हमने आपको बताया व्हिस्की बनाने की प्रक्रिया, अब हम आपको बताते हैं कि व्हिस्की विभिन्न प्रकार से कैसे बनायी जाती है:
स्कॉच व्हिस्की (scotch whisky) पानी और माल्ट की जौ से बनती है। इसे 94.8% एल्कोहॉल में आसवन किया जाता है और तीन वर्ष के लिए बाँज के पीपे में रखा जाता है। नियम के अनुसार, यदि यह इस प्रक्रिया से बनती हो और स्कॉटलैंड में बनायी गयी हो तो ही इसे स्कॉच कहा जा सकता है ।
आयरिश व्हिस्की (Irish whisky) को 94.8 % एल्कोहॉल में आसवन किया जाता है और कम से कम 3 वर्ष के लिए लकड़ी के पीपे में रखा जाता है। क़ानून के अनुसार, आयरिश व्हिस्की का उत्पादन आयरलैंड में ही होना चाहिए।
बोरबॉन व्हिस्की (Bourbon whisky) एक ऐसे मिश्रण से तैयार होती है जिसमें कम से कम 51% मकई शामिल होती है, 80% अल्कोहोल (alcohol) से आसवित, 62.5% शराब की मात्रा तक पहुचने केलिए इसमें पानी मिलाकर बोतल में बंद करके रखा जाता है ।
टेनेसी व्हिस्की (Tennessee whisky) की प्रक्रिया लगभग बोरबॉन व्हिस्की के समान होती है। इसे चीनी-मैपल काठकोयला (sugar-maple charcoal) के माध्यम से छाना जाता है।
सिंगल माल्ट व्हिस्की (Single Malt whisky) माल्टेड जौ के किण्वित मिश्रण से आसवित होती है। सिंगल माल्ट व्हिस्की स्कॉटिश परंपरा से जुड़ी है, हालांकि आयरिश और अन्य सिंगल माल्ट भी हैं। दुनिया की सबसे प्रसिद्ध सिंगल माल्ट व्हिस्की जॉनी वॉकर की व्हिस्की है जो की जॉनी वॉकर के बेटे अलाक्सेंदर वॉकर नें रेड लेबल (Red Label) और ब्लैक लेबल (Black Label) के नाम से लॉन्च (launch) किया । आपको ये जानकर हैरानी होगी की जॉनी वॉकर खुद कभी शराब नहीं पीते थें और उनकी चाय की दुकान थी पर उनके बेटे नें उनके नाम से दुनिया की सबसे प्रसिद्ध व्हिस्की निकली जो की विश्व भर में काफी लोकप्रिय हुआ । वहीं भारत में अमृत फ्यूज़न द्वारा सिंगल माल्ट व्हिस्की को 2004 में पहली बार नीलकंट राव जगडेल द्वारा बनवाया गया। और यह विश्व में सर्वश्रेष्ठ तीन व्हिसकियों में से एक है।
संदर्भ:
1.https://thecostaricanews.com/spiritual-consequences-alcohol-consumption/
2.http://www.bbc.com/travel/story/20110318-travelwise-a-guide-to-the-lingo-and-history-of-whiskey
3.https://vinepair.com/wine-blog/a-visual-history-of-johnnie-walkers-striding-man-logo/
4.https://www.firstpost.com/india/amrut-the-story-of-the-first-indian-single-malt-to-cause-a-stir-in-the-world-of-whisky-3817413.html
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