काली मिर्च की खोज में निकले कोलंबस ने ढूंढ निकाली शिमला मिर्च

रामपुर

 22-10-2018 01:43 PM
निवास स्थान

खाद्य पदार्थ प्राचीन काल से ही भारत और अन्य देशों के बीच सांस्कृतिक आदान प्रदान के कई उदाहरण पेश करते हैं। जब भी व्यापारी और मुसाफिर किसी नए देश में जाते थे जाने अनजाने वहां नयी फसलों के बीज बो आते थे। आलू, टमाटर और कई अन्य फसलों की तरह, शिमला मिर्च वास्तव में पुर्तगालियों द्वारा भारत में 16वीं सदी में लायी गयी थी, और इसकी अच्छी गुणवत्ता वाली पहली खेती को बड़े पैमाने पर शिमला (हिमाचल प्रदेश) पहाड़ी क्षेत्र में उगाया गया था। यहीं से इसे पूरे भारत में शिमला मिर्च के नाम से जाना जाने लगा। आज रामपुर कैप्सिकम का एक प्रमुख उत्पादक भी है।

शिमला मिर्च, मिर्च की एक प्रजाति है, अंग्रेज़ी मे इसे कैप्सिकम (जो इसका वंश भी है) कहा जाता है। कैप्सिकम सोलेनेसी (Solanaceae) कुल का एक सदस्य है। माना जाता है कि कैप्सिकम का जन्म स्थान अमेरिका है जहाँ से यह पूरे विश्व में फैली। इनका उपयोग सब्जियों, दवाओं और मसाले जैसे कई उद्देश्यों के लिए किया जाता है। कैप्सिकम के प्रकार और स्थान के आधार पर इसे कई नामों से जाना जाता है। यह भारत, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया में कैप्सिकम कहलाता है। ब्रिटेन में, इसे रेड पेपर या हरी पेपर या पेपर कहा जाता है। यू.एस. और कनाडा में, बड़े कैप्सिकम को “बेल पेपर” के रूप में जाना जाता है।

दरसल कैप्सिकम को पेपर नाम से संबोधित करने का श्रेय क्रिस्टोफर कोलंबस को जाता है, और इसके पीछे एक बड़ी ही रोचक कहानी है जिसमें अमेरिका की खोज से लेकर भारत की खोज के कई रोचक तथ्य जुड़े हैं।

एक समय था जब यूरोपीय देशों के लिए भारत एक अनजान देश था उस समय यूरोपीय देश अरब देशों के साथ व्यापार करते थे। यूरोप अरब जगत से मसाले, खासकर काली मिर्च खरीदता था। दरसल “पाइपर नाइग्रम” फूलों की बेल द्वारा उत्पादित काली मिर्च का इस्तेमाल संभवतः 4-3 सहस्राब्दी ईसा पूर्व से भारत में हो रहा है और साथ ही इसकी उत्पति भारत में ही हुई थी। कई सदियों तक इसका भारत से बहार कहीं उपयोग नहीं किया गया था। परंतु भारतीय-आर्यों के व्यापार और प्रवासन से काली मिर्च का विस्तार भारत से बाहर भी होने लगा। लेकिन अरब कारोबारी उन्हें ये नहीं बताते थे कि ये मसाले कहां पैदा होते हैं। बाद में यूरोपियों को पता चला कि पूर्व में एक अलग संस्कृति वाला मासालों से समृद्ध देश है। हालांकि यहां तक के लिये एक जमीनी रास्ता जो तुर्कस्तान (तुर्की), अफगानिस्तान और ईरान से होता हुआ भारत आता था, परंतु सारे क्षेत्र पर तुर्क साम्राज्य के उदय के बाद ये रास्ता यूरोपीय देशों के लिये बंद हो गया। फिर उसके बाद भारत को खोजने के लिये बड़ी संख्या में यूरोप के नाविक निकल पड़े। इनमें एक नाम था इटली के क्रिस्टोफर कोलंबस का।

कोलंबस की यात्रा का पूरा खर्च स्पेन के राजा फ़र्डिनांड और रानी इसाबेला ने उठाया था, जिनसे कोलंबस ने वादा किया था की वे उनके लिये काली मिर्च और अन्य मसालों के साथ- साथ सोना भी ढूंढ कर लायेंगे। भारत खोजने निकले कोलंबस अटलांटिक महासागर में भटक गए और अमेरिका की तरफ पहुंच गए। कोलंबस को शुरुआत में लगा कि उन्होंने भारत खोज लिया है। उस समय यूरोप में "पेपर" शब्द मुख्य रूप से उन पौधों की सभी प्रजातियों के लिए इस्तेमाल किया गया था जो गर्म होते थे और इनका स्वाद तीखा होता था। क्रिस्टोफर कोलंबस काली मिर्च कि खोज के लिए इतने उत्सुक थे कि उन्होंने अपनी यात्रा से पहले कुछ कलि मिर्च के दाने साथ रख लिए थे। जब 1492 में कैरेबियन द्वीप पहुंचे और उन्होंने वह काली मिर्च के दाने वहा के स्थानीय लोगो को दिखाई तो उन्होंने उन्हें वहा कि एक गोल मिर्च (जिसे आज’ जमैका की गोल मिर्च से जाना जाता है) से उन्हें वाकिफ कराया। यह स्थानीय मिर्च लगभग काली मिर्च कि तरह ही थी और कोलंबस ने उन्हें मिर्च की तुलना में भी पसंद किया। यात्रा के दौरान उन्हें ग्रीन मिर्च(Capsicum) का पता चला, और उन्होंने इसे चखा तो इसके तीखेपन के कारण उन्हें लगा की ये काली मिर्च है।

एक किताब के अनुसार कहा गया है कि कोलंबस को पता था कि यह काली मिर्च नहीं है लेकिन फिर भी उन्होंने यह जानते हुए भी इसे पेप्पर का नाम दिया हुर यूरोप भिजवाना शुरू कर दिया।

कोलंबस की पहली यात्रा के करीब पांच साल बाद जुलाई 1498 में पुर्तगाल के युवा नाविक वास्को डी गामा भारत की खोज में निकले। पुर्तगाली वास्को डी गामा ने समुद्र के रास्ते कालीकट पहुंचकर यूरोपावासियों के लिये भारत पहुंचने का एक नया मार्ग खोज लिया था। 20 मई 1498 को वास्को डा गामा कालीकट तट पहुंचे और वहां के राजा से कारोबार के लिए हामी भरवा ली। उसके बाद ग्रीन मिर्च की एक प्रजाति कैप्सिकम को पुर्तगाली 16वीं सदी में भारत लेकर आए। भारत में पुर्तगाली द्वारा हरी मिर्च लाने के बाद काली मिर्च का उपयोग कम हो गया।

संदर्भ

1.https://www.quora.com/Why-is-capsicum-bell-pepper-called-Shimla-Mirch-in-hindi-Is-it-anyhow-related-to-Shimla-the-capital-city-of-the-state-of-Himachal-pradesh
2.https://www.atlasobscura.com/articles/why-called-pepper?fbclid=IwAR3eiiGPnqZ35ZWuv7QKeLab4_pOkGBZwjxfMDy72sh97D72Pd6ep5vd3gM
3.https://dailyhistory.org/index.php?title=How_Did_Black_Pepper_Spread_in_Popularity%3F&mobileaction=toggle_view_mobile
4.https://heritage-india.com/black-pepper-flavour-centuries/
5.https://en.wikipedia.org/wiki/Bell_pepper



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