मशहूर जियो सिम उत्पादक रिलायंस का सफर

रामपुर

 15-09-2018 02:26 PM
नगरीकरण- शहर व शक्ति

आज भारत के सर्वश्रेष्‍ठ उद्योगपतियों के बारे में बात हो तो सर्वप्रथम दिमाग में अंबानी परिवार आता है। विश्‍व स्‍तर पर कार्य करने वाली भारत की पहली सर्वश्रेष्‍ठ रिलायंस कंपनी का सफर काफी संघर्षपूर्ण और रूचिकर रहा है। इस कंपनी की नींव 1960 के दशक में गुजरात के मध्‍यम वर्गीय परिवार में जन्‍में धीरू भाई अंबानी द्वारा रिलायंस टेक्‍सटाइल्‍स इंडस्‍ट्री प्राइवेट लिमिटेड के रूप में मुंबई (महाराष्‍ट्र) में रखी गयी थी।

भजिया बेचकर अपना सफर शुरू करने वाले धीरू भाई 16 साल की उम्र में मैट्रिक पास कर एडेन, यमन चले गए। वहां उन्होंने ए. बेस्सी एंड कंपनी (A. Besse & Co.) में 300 रुपये महीने में काम किया। 1958 में, वह 50,000 रुपये के साथ भारत लौटे और अपने चचेरे भाई चंपकलाल दमानी के साथ ‘मैजिन’ नाम की कपड़ा व्यापार कंपनी की स्थापना की। लेकिन 1965 में आपसी मतभेद के चलते, ये दोनों भाई अलग हो गए। 1966 में उन्होंने अपनी रिलायंस टेक्सटाइल्स इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड की स्थापना की और पहले चरण में पॉलिएस्टर कपड़े आयात और मसालों का निर्यात शुरू किया। 1970-80 के दशक में उनके ‘विमल’ के ब्रांड ने काफी लोकप्रियता हासिल की, जिसके बाद उन्होंने पॉलिएस्टर व्यवसाय का विस्तार किया और पॉलिएस्टर बनाने के लिए आवश्यक चीजों (पेट्रोकेमिकल्स) का उत्पादन भी शुरू किया।

कुछ आलोचकों के अनुसार इनकी इतनी तीव्रता से प्रसिद्धि के पीछे का कारण राजनीतिक सहयोग और अपनी चतुराई से लोगों द्वारा काम लेने की कला थी साथ ही उन्‍होंने बॉम्बे डाइंग (वस्‍त्र उद्योग) कंपनी जो इनकी सबसे बड़ी प्रतिद्वंदी थी, के मालिक नुस्ली वाडिया के मुकाबले भी व्यवसाय में बढ़त हासिल कर ली थी। उसके बाद से रिलायंस को भारत में तीव्र सफलता मिलनी प्रारंभ हो गयी। इन्‍होंने सर्वप्रथम भारत के खुदरा निवेशकों को शेयर बाज़ार की ओर आकर्षित किया। आज रिलायंस कंपनी के तीन लाख से भी अधिक शेयर धारक हैं।

2002 में इनकी मृत्‍यु के बाद इनके बच्‍चों (मुकेश अंबानी और अनिल अंबानी) ने रिलायंस की बागडोर संभाली। किंतु 2006 में मुकेश अंबानी और अनिल अंबानी के मध्‍य गहरे मतभेद के कारण रिलायंस ग्रुप का विभाजन हो गया। आज रिलायंस कंपनी बहुमुखी क्षेत्रों (पेट्रोरसायन, वस्‍त्र और संचार उद्योग, बिजली उत्‍पादन और वितरण आदि) में व्‍यवसाय कर रही है। चलिए जानें रिलायंस की कुछ उपलब्धियां:

1. 2001-2002 में रियलांयस इन्‍डस्‍ट्री और रिलायंस पेट्रोलियम (भारत की सबसे बड़ी कंपनी) एक साथ मिल गयी।
2. कृष्‍णा गोदावरी बेसिन में गैस खोजने के पश्‍चात, वर्ष 2002 में विश्‍व की सबसे बड़ी गैस खोजक कंपनियों में से एक होने की घोषणा की।
3. RIL (रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड) ने वर्ष 2002-03 में भारत सरकार की दूसरी सबसे बड़ी पेट्रोकेमिकल कंपनी IPCL (इंडियन पेट्रोकेमिकल्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड) में भारी हिस्‍सेदारी को खरीद लिया तथा 2008 में यह RIL के साथ मिल गयी।
4. वर्ष 2010 में IBSL (इंफोटेल ब्रॉडबैंड सर्विसेज लिमिटेड) को खरीदने के पश्‍चात, रिलायंस ने ब्रॉडबैण्‍ड सेवा बाज़ार में प्रवेश किया। जिसमें इन्‍होंने 4G सेवा प्रदान शुरू किया।
5. 2017-18 में RIL ने रूसी कंपनी सिबुर के साथ संयुक्‍त व्‍यवसाय के रूप में जामनगर (गुजरात) में ब्‍युटाइल रबर संयंत्र स्‍थापित करने की योजना बनाई है।
6. फॉर्च्यून ग्लोबल की 500 विश्‍व की सबसे बड़ी कंपनियों की सूची में RIL को 203वां स्‍थान प्राप्‍त हुआ।
7. RIL की जामनगर रिफाइनरी स‍बसे बड़ी रिफाइनरीयों में से है, जो दनिया के कई देशों को रिफाइनरी तेल उपलब्‍ध कराती है।

अपनी इस अप्रतिम सफलता के लिए RIL को अनेक राष्‍ट्रीय और अंतराष्‍ट्रीय पुरूस्‍कारों से सम्‍मानित किया गया है। आज RIL लाखों लोगों को व्‍यवसाय देने के साथ ही, भारतीय आर्थिक विकास में बहुत बड़ा योगदान दे रही है। आज रिलायंस का बाज़ार पूंजीकरण 7.5 लाख करोड़ के करीब है, जो तीव्रता से आगे बढ़ रहा है।

बाज़ार पूंजीकरण (Market Capitalization) = कंपनी के शेयरों का बाजार मूल्‍य × कंपनी के आउटस्टैंडिंग शेयरों की संख्‍या।
(आउटस्टैंडिंग शेयर- कंपनी के वे सभी शेयर जो वर्तमान में निवेशकों, कंपनी अधिकारियों और अंदरूनी सूत्रों के अधिकार में हैं।)

संदर्भ:
1.https://www.quora.com/How-was-Dhirubhai-Ambani-able-to-build-his-enormous-empire-without-any-entrepreneurship-background-at-all
2.https://topyaps.com/dhirubhai-ambani-rags-to-riches
3.https://en.wikipedia.org/wiki/Reliance_Industries
4.http://www.ril.com/TheRelianceStory.aspx



RECENT POST

  • आइए आनंद लें, फ़ुटबॉल से जुड़े कुछ मज़ेदार चलचित्रों का
    य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला

     22-12-2024 09:23 AM


  • मोरक्को में मिले 90,000 साल पुराने मानव पैरों के जीवाश्म, बताते हैं पृथ्वी का इतिहास
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     21-12-2024 09:31 AM


  • आइए जानें, रामपुर के बाग़ों में पाए जाने वाले फूलों के औषधीय लाभों और सांस्कृतिक महत्व को
    गंध- ख़ुशबू व इत्र

     20-12-2024 09:19 AM


  • वैश्विक हथियार निर्यातकों की सूची में, भारत कहाँ खड़ा है?
    हथियार व खिलौने

     19-12-2024 09:22 AM


  • रामपुर क्षेत्र के कृषि विकास को मज़बूत कर रही है, रामगंगा नहर प्रणाली
    नदियाँ

     18-12-2024 09:24 AM


  • विविध पक्षी जीवन के साथ, प्रकृति से जुड़ने का एक अनूठा अवसर प्रदान करता है रामपुर
    पंछीयाँ

     17-12-2024 09:26 AM


  • आइए जानें, कैसे हम, बढ़ते हुए ए क्यू आई को कम कर सकते हैं
    जलवायु व ऋतु

     16-12-2024 09:31 AM


  • आइए सुनें, विभिन्न भारतीय भाषाओं में, मधुर क्रिसमस गीतों को
    ध्वनि 1- स्पन्दन से ध्वनि

     15-12-2024 09:34 AM


  • आइए जानें, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर दी गईं स्टार रेटिंग्स और उनके महत्त्व के बारे में
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     14-12-2024 09:27 AM


  • आपातकालीन ब्रेकिंग से लेकर स्वायत्त स्टीयरिंग तक, आइए जानें कोलिझन अवॉयडेंस सिस्टम के लाभ
    य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला

     13-12-2024 09:24 AM






  • © - , graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id