अक्सर लोग गणित का नाम सुनते ही डर जाते हैं। पर क्या आपने कभी सोचा है कि यदि गणित न होती तो हमारी दिनचर्या काफी कठिन हो सकती थी। जी हाँ, बिना गणित के हमारी दिनचर्या नहीं चल सकती है। यह एक मात्र ऐसा विषय है, जो हमारे दैनिक जीवन का हिस्सा है, हम सुबह उठने से लेकर रात को सोने के समय तक गणित से ही होकर गुज़रते हैं। तो चलिए जानें गहनता से अपनी दिनचर्या को और समझें कैसे है गणित हमारे जीवन का एक अहम हिस्सा:
1. प्रारंभ करें हमारे जीवन का अभिन्न अंग "समय" से, क्या आप बिना संख्या के समय बता सकते हैं? समय का सारा खेल गणित की संख्याओं पर ही टिका है, जिसका हमें कई बार ध्यान नहीं रहता कि वह हम गणित में बता रहे हैं। समय बताने के लिए हमें ज़रूरत है यह पता होने की कि एक दिन में 24 घंटे होते हैं, हर घंटे में 60 मिनट और हर मिनट में 60 सेकंड। इन सभी अंकों के मिश्रण से समय बताना गणित नहीं तो और क्या है।
2. एक तनाव मुक्त जीवन का राज़ है अपनी ज़रूरतों के अनुसार आय होना। यदि आप दिन भर काम करके बस उम्मीद करें कि यह काम मेरी ज़रूरतों को पूरा करने वाली आय चुका दे, तो बात बिगड़ सकती है। अपने काम और उससे जुड़ी आय का मूल्यांकन गणित के बिना नहीं किया जा सकता।
3. आए दिन आप कुछ ना कुछ खरीददारी करते हैं, ज़रा सोचिए बिना माप आकृति या अनुपात के खरीददारी करने के विषय में। क्या आप यह कर सकते हैं? हर वह व्यक्ति जो अपनी आय को योजना बनाकर खर्च करता है, वह खरीददारी के समय काफी चीज़ों का ध्यान रखता है, जैसे, कितने प्रतिशत डिस्काउंट (Discount) पर कोई चीज़ कितनी सस्ती हो जाएगी। अतः यहां भी आप गणित का प्रयोग करते हैं।
4. जीवन की मूलभूत आवश्यकता भोजन, यह भी आप बिना संख्याओं के अनुपात (अनाज, जल और मसाले आदि) से तैयार नहीं कर सकते हैं। कई बार भोजन की विधि में बताया माप का बर्तन हमारे पास उपलब्ध नहीं होता है, तथा ऐसे समय में हमें उपलब्ध संसाधनों का उचित उपयोग करना होता है जिसके लिए गणित अत्यंत आवश्यक है।
5. वाहन चलाते समय आप दूरी और गति के आधार पर अपनी मंज़िल तक पहुँचने का अनुमान लगाते हैं जिसके लिए आप गणित का प्रयोग करते हैं। और हर भारतीय के लिए वाहन से सम्बंधित एक सवाल का जवाब जानना तो सबसे ज़रूरी होता है, ‘कितना देती है’। अर्थात आपका वाहन कितने ईंधन में औसतन कितना चल जाता है। इसके लिए भी गणित का प्रयोग ही किया जाता है।
6. हम घर का निर्माण करवाते समय या उस पर डिजाइन बनाते समय भी गणितीय माप और अनुपातों का सहारा लेते हैं।
7. एक वैज्ञानिक, डॉक्टर, संगीतकार, जादूगर, दुकानदार, यहां तक कि एक श्रमिक भी एक हद तक गणित का ज्ञान तो रखता ही है।
8. अक्सर बच्चे गणित के विषय से बचने का प्रयास करते हैं, किंतु फिर भी वे स्कूल जाने आने के समय तथा अपनी प्रत्येक घंटी का अनुमान गणित में ही लगाते हैं।
9. आप किसी को पार्टी देते हैं तथा उसके लिए तैयारी करते हैं तब भी गणित आपकी सबसे अच्छी मित्र होती है। मेहमानों की संख्या, भोजन की आवश्यक मात्रा, आदि सबका अंदाज़ा लगाने में गणित मददगार साबित होती है।
10. आपके दिमाग में प्रति क्षण आने वाले विचारों में भी कोई ना कोई आंकड़े होते हैं, जो आपके दिमाग को क्रियाशील बनाते हैं। तथा जीवन में कई महत्वपूर्ण कदम भी गणित के आधार पर ही उठाये जाते हैं।
उपरोक्त विवरण से आपको यह ज्ञात हो ही गया होगा कि, हमारे जीवन का कोई भी पहलू गणित से अछूता नहीं है। यदि हम यह कहें कि आधुनिक दुनिया गणित के ऊपर ही टिकी है, तो उसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी।
संदर्भ:
1.https://www.mathnasium.com/glendale-math-everyday
2.https://timesofindia.indiatimes.com/city/guwahati/The-importance-of-maths-in-everyday-life/articleshow/48323205.cms
3.https://sciencing.com/the-use-of-mathematics-in-everyday-life-9893609.html
4.http://www.mathscareers.org.uk/article/use-maths-everyday-life/
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