रामपुर ब्रिटिश भारत की 15 बंदूकों की सलामी वाली रियासत थी। रामपुर की स्थापना 7 अक्टूबर 1774 को ब्रिटिश कमांडर कर्नल चैंपियन की उपस्थिति में नवाब फैज़ुल्ला खान द्वारा अवध से संधि के परिणामस्वरूप हुई थी, जिसके बाद रामपुर ब्रिटिश संरक्षण के तहत एक विशाल राज्य बना। ब्रिटिश संरक्षण में होने के कारण यहां अक्सर ब्रिटिश अधिकारियों का आना जाना लगा ही रहता था। उनमें से एक थे लार्ड हेंस्टिंग्स। उन्होंने भारत में ब्रिटिश संपत्तियों का निरीक्षण करने और विशेष रूप से नेपाल के साथ युद्ध के समय भारतीय शासकों से मिलने के लिए यात्रा शुरू की। इस यात्रा में उनकी पत्नी, बच्चों, सचिवों, सिपाहियों सहित, 10,000 लोगों का अनुमान लगाया गया था जो उनके साथ यात्रा करते थे।
लार्ड हेंस्टिंग्स अपनी पत्नी के साथ जब पंजाब से बंगाल (1814-15 में) लौट रहे थे तब उन्होंने काफी सारे भारतीय, ब्रिटिश और चीनी चित्रकारों को हर जगह की खूबसूरती और खूबियाँ अभिलिखित करने के लिये अपने साथ रखा था। उनमें से एक थे उल्लेखनीय कलाकार सीताराम।
सीता राम द्वारा चित्रित दस एल्बम हैं जो भारत में हेंस्टिंग्स की यात्रा का वर्णन करते हैं। सीता राम के चित्रों में छोटी से छोटी बारीकियां आसानी से दिखाई दे जाती है। उस समय में कैमरे ना होने के बावजूद भी हम उस समय के दृश्यों की बारीकियां या बनावट को इन चित्रों के माध्यम से देख सकते हैं, जो शायद सर्वप्रथम निर्मित कैमरे द्वारा भी नहीं ली जा सकती थी। आईए उनमें से कुछ चित्रों पर नज़र डालते हैं:-
1. रोहिल्ला घुड़सवार: यह दृश्य सीता राम जी द्वारा पानी के रंगों से लार्ड हेंस्टिंग्स की एल्बम के लिये चित्रित किया था। इसमें सामने एक रोहिल्ला घुड़सवार और उनके पीछे दो और घुड़सवारों को दर्शाया गया है। अफगान रोहिल्ला, 18वीं शताब्दी की शुरुआत में उत्तर प्रदेश के उत्तरी हिस्से में बस गये थे, जिसे रोहिलखंड नाम से जाना गया। भारतीय इतिहास में रोहिल्ला क्षत्रिय एक गौरवशाली वंश परम्परा है, जिसे सीता राम जी ने बखूबी दर्शाया है।
2. मुरादाबाद में लॉर्ड मोइरा का शिविर: उत्तर प्रदेश में मुरादाबाद की स्थापना 1625 के आसपास गवर्नर रुस्तम खान ने की थी। इस चित्र में सीता राम जी में मोइरा का शिविर का पूरा दृश्य दर्शाया है। सन 1740 में अफ़ग़ान रोहिल्लाओं ने मुरादाबाद पर कब्ज़ा कर लिया था और सन 1773 तक उन्होंने वहाँ राज किया, जिसके बाद यह अवध के नवाब के नियंत्रण में आ गया।
3. एक हाथी पर बैठे लॉर्ड मोइरा के यूरोपीय कर्मचारी: इस चित्र में यूरोपीय कर्मचारी एक हाथी पर बैठे हैं और एक महावत हाथी को आगे चला रहा है और दूसरा नीचे से हाथी का मार्ग दर्शन कर रहा है।
4. नजीबाबाद के बाहर पत्थरगढ़ का किला: इस चित्र में पत्थरगढ़ के किले का बड़ा ही मनमोहक दृश्य दर्शाया गया है, किले के पीछे पहाड़ों की उपस्थिति उसे और भी सुंदर बनाती है।
सीता राम जी के कई चित्रों में स्थानों, स्मारकों, यहां तक कि गांवों का चित्रण भी किया गया है, जो अब मौजूद नहीं हैं। उदाहरण के लिए नदियों के किनारे गांवों के चित्रण जिन्हें अब ज्वारों और धाराओं के कारण हमने खो दिया है। इनकी एक पेंटिग में मथुरा के विश्राम घाट के बगल में स्थित एक विशाल मुगल तोप दिखाई देती है, वहीं आगरा की एक पेंटिग में एक मंदिर, और नदी के किनारे मिट्टी के बर्तन बेचने वाले लोगों का एक छोटा सा समूह दिखता है। जो अब रेलवे लाइन के निर्माण के कारण गायब हो गया है। इस एल्बम के ये चित्र इतिहास के दृश्यों और उस समय की परिस्थितियों की यादों को पुनर्जीवित करने में बहुत उपयोगी सिद्ध हुए हैं।
लार्ड हेस्टिंग्स के भारत भ्रमण में रामपुर की भूमिका को और समझने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें- http://rampur.prarang.in/180212901
संदर्भ:
1.http://www.bl.uk/onlinegallery/onlineex/apac/addorimss/a/019addor0004765u00000000.html
2.http://www.bl.uk/onlinegallery/onlineex/apac/addorimss/l/019addor0004767u00000000.html
3.http://www.rarebooksocietyofindia.org/postDetail.php?id=196174216674_10151516925181675
4.http://www.bl.uk/onlinegallery/onlineex/apac/addorimss/p/019addor0004777u00000000.html
5.http://www.openthemagazine.com/article/art-culture/india-enchanted
6.https://www.outlookindia.com/outlooktraveller/see/story/44296/warren-hastings-travels-in-india-as-illustrated-by-sita-ram
7.https://wikivisually.com/wiki/Rampur_State
8.चित्र स्रोत: अमित पसरीचा https://www.facebook.com/IndiaLostFound/photos/a.653506534832641/926056377577654/?type=3&theater
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