इण्‍डोनेशिया में विरासत के रूप में श्री कृष्ण की लीला

रामपुर

 03-09-2018 04:22 PM
विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

सनातन धर्म और संस्कृति का प्रभाव न केवल भारत में वरन् पूरे विश्व में फैला हुआ है। विश्वभर में (विशेषकर इंडोनेशिया में) बने हिंदु मंदिर हमारे धर्म और संस्कृति के गौरवमयी गाथा दर्शाते हैं और साथ ही साथ पर्यटकों को भी लुभाते हैं।

भारत में कई पुरातात्विक और इतिहासकारों द्वारा मथुरा के पास पुरातात्विक स्थलों और यहां तक कि दक्षिण भारत के मथुरा यानी मदुरा या मदुरै के पत्थर पर कई कृष्ण की उकेरी गयी मुर्तियां प्राप्‍त की गयी हैं। परंतु जिनमें कृष्ण लीला के श्लोकों के वर्णन सहित उनकी पूर्ण छवि की मुर्तियां विश्‍व में केवल एक ही मंदिर देखी गई है। वह है इंडोनेशिया के केंद्रीय जावा द्वीप के योग्याकार्टा शहर का "प्रम्बनन (परम ब्रह्मा)" मंदिर, जहाँ पर हमारे बांके बिहारी के जीवन का अद्दभुत वर्णन किया गया है। प्रम्बनन मंदिर में भी श्री कृष्ण और बलराम की बाल लीलाओं को शिलाओं में उकेरा है। यह मंदिर त्रिदेव (भगवान शिव, भगवान विष्णु, भगवान ब्रह्मा) को समर्पित है। इस मंदिर की विशेष बात यह है कि यह एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां त्रिदेवों के वाहनों के भी मंदिर बने हुए हैं तथा ये युनेस्‍को द्वारा विश्‍व धरोहर की सूची में शामिल किया गया है। आइये चलो जानते हैं कृष्‍ण बाल लिलाओं की उन उकेरी गयी मुर्तियों के बारे में।

यहां भगवान श्री कृष्‍ण को यमुना नदी में कालिया के शीर्ष पर नृत्‍य करते हुए दर्शाया गया है। केन्‍द्र में कृष्‍ण को किसी व्‍यक्‍ति का वध (संभवतः वो उनके दुष्ट चाचा, कंस होंगे) करते हुए दर्शाया गया है। तथा दाहिनी ओर बलराम ने गधे राक्षस धेनुकासुरा का वध करते हुए दर्शाया गया है।


भारत के कई इतिहास हमें इंडोनेशिया में देखने को मिलेंगे उन में से एक है प्रम्बनन मंदिर यह भगवान शिव का बहुत सुंदर मंदिर है, जिसे 10वीं शताब्दी में बनाया गया था। यह जावा में स्थित यह मंदिर इंडोनेशियाई मुसलमानों द्वारा खूबसूरती से सजाये रखा जाता है और वे रामायण और महाभारत की इस विरासत पर गर्व महसूस करते हैं। यहाँ पर हिंदु धर्म के अधिकतम सारे भगवानों की छवि शामिल है। यहाँ पर श्री कृष्ण की लीला का बहुत खुबसुरत वरण भी देखने को मिलता है ।

जैसा कि हम सभी जानते हैं भारत और इंडोनेशिया पिछले 2000 वर्षों से व्यापार और सांस्कृतिक संबंध से जुड़े हुए हैं, तभी वहाँ आज भी एक जहाज उड़ीसा में बाली से परदीप बंदरगाह से शुरू होता है। यह यात्रा बाली यात्रा के रूप में जानी जाती है।

संदर्भ :

1.https://en.wikipedia.org/wiki/Prambanan
2.https://nerdnomads.com/hindu-masterpiece-prambanan-temple
3.http://www.art-and-archaeology.com/indonesia/prambanan/lj06.html
4.https://www.esamskriti.com/e/History/Indian-Influence-Abroad/Historical-Ties-India-And-Indonesia-1.aspx



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