ज़हरीला क्लोरीन कैसे कर रहा है जल का शुद्धिकरण

रामपुर

 02-09-2018 12:23 PM
नगरीकरण- शहर व शक्ति

मनुष्य का शरीर पंचतत्‍वों से मिल कर बना हुआ है जिनमें जल भी शामि‍ल है। हम जानते हैं हर पानी पीने लायक नहीं होता तो हम जल को पेयजल बनाने के लि‍ये कई उपाय अपनाते हैं। उन्हीं उपायों में से एक है जल का क्लोरीनीकरण। पीने के पानी में क्लोरीन डाला जाता है ताकि उसे मानव द्वारा पीने के अनुकूल बनाया जा सके। क्लोरीन पानी में मौजूद सूक्ष्मजीवों और जीवाणुओं को मार देता है। इसके उपयोग सरल, सुगम, सस्ते एवं प्रभावी होने के कारण बड़े पैमाने तथा घरेलू स्तर में पानी के रोगाणुओं को नष्ट करने के एक उत्तम तरीका है।

क्लोरीन व्यापक रूप से कीटनाशकों, उर्वरकों, सॉल्वैंट्स, दवाइयों, डिटर्जेंट, प्लास्टिक, पॉलीविनायल क्लोराइड आदि के उत्पादन में उपयोग किया जाता है। आज, लगभग 85 प्रतिशत सभी औषधियों में क्लोरीन का उपयोग किया जाता है, उनमें हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, कैंसर, एड्स, गठिया, निमोनिया, मधुमेह, और अल्सर का इलाज करने वाली दवाएं भी शामिल हैं। हालांकि क्‍लोरीन से पानी में मिलाने से माइक्रो बैक्टीरिया एवं कैलीफार्म बैक्टीरिया मर तो जाते हैं, वहीं दूसरी ओर जल में क्लोरीन की अधिक मात्रा से कैंसर, कोशिका क्षति, अस्थमा, आंतों और गुर्दे में ट्यूमर, हृदय की समस्याएं जैसी बीमारियां भी हो सकती है। साथ-साथ क्लोरीनयुक्त जल बच्चो के लिये भी हानिकारक होता है। अब प्रश्न यह उठता है कि हम क्‍लोरीन का उपयोग कर ही क्यों रहे है जब यह इतना हानिकारक है।

दरसल पेयजल में क्लोरीन का उपयोग 1800 के दशक में शुरू हुआ, जल क्लोरीनीकरण को लागू करने के शुरुआती प्रयास 1893 में जर्मनी के हैम्बर्ग में किए गए थे और 1904 तक जल उपचार में यह विश्व भर में बड़े पैमाने पर उपयोग किया जाने लगा। दुर्भाग्य से, हम क्लोरीन का उपयोग इसलिये नहीं करते हैं क्योंकि यह कीटाणुशोधन का सबसे सुरक्षित और सबसे प्रभावी माध्यम है, बल्कि इसलिये करते है क्योंकि यह सबसे सस्ता तरीका है। अभी तक पानी को कीटाणुमुक्त करने के लिए अधिकतर वाटर प्यूरीफायर्स में क्लोरीन नामक रसायन या इसके उप-उत्पाद (क्लोरीनेटेड हाइड्रोकार्बन्स, सोडियम हाइपोक्लोराइट) को एक किफायती, प्रभावी कीटाणुनाशक के रूप में प्रयोग में लाया जाता है। परंतु इनमें से कई म्यूटेजेनिक और या कार्सिनोजेनिक होते हैं। कई देशों में जल शुद्धिकरण में जहरीली गैस क्लोरीन का प्रयोग बंद तक कर दिया है।

हाल में ही रामपुर के जिला अस्पताल में एक बड़ा हादसा होने से बचा। वार्ड के पीछे पंप हाउस में रखे क्लोरीन के सिलेंडर से गैस का रिसाव हो गया। जैहरीली गैस कई वार्डों में घुस गई, जिससे अफरा-तफरी मच गई।

जहां तक संभव हो सके क्लोरीन के उपयोग से बचें, पानी कीटाणुशोधन के लिए क्लोरीन के आलावा वैकल्पिक तरीकों का उपयोग भी किया जा सकता है जैसे ओजोनेशन, ब्रोमिनेशन और आयोडीनीकरण, होम फ़िल्ट्रेशन, UV विकिरण, आयनीकरण विकिरण आदि

संदर्भ:

1.https://en.wikipedia.org/wiki/Water_chlorination
2.http://www.filterwater.com/t-articles.harmfuleffectsofchlorine.aspx
3.https://chlorine.americanchemistry.com/Chlorine/Front-Line/
4.https://timesofindia.indiatimes.com/videos/city/lucknow/chlorine-gas-leaks-at-rampur-district-hospital-25-patients-affected/videoshow/63263366.cms
5.https://en.wikipedia.org/wiki/Chlorine_gas_poisoning



RECENT POST

  • मेहरगढ़: दक्षिण एशियाई सभ्यता और कृषि नवाचार का उद्गम स्थल
    सभ्यताः 10000 ईसापूर्व से 2000 ईसापूर्व

     21-11-2024 09:26 AM


  • बरोट घाटी: प्रकृति का एक ऐसा उपहार, जो आज भी अनछुआ है
    पर्वत, चोटी व पठार

     20-11-2024 09:27 AM


  • आइए जानें, रोडिन द्वारा बनाई गई संगमरमर की मूर्ति में छिपी ऑर्फ़ियस की दुखभरी प्रेम कहानी
    म्रिदभाण्ड से काँच व आभूषण

     19-11-2024 09:20 AM


  • ऐतिहासिक तौर पर, व्यापार का केंद्र रहा है, बलिया ज़िला
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     18-11-2024 09:28 AM


  • इस अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस पर चलें, ऑक्सफ़र्ड और स्टैनफ़र्ड विश्वविद्यालयों के दौरे पर
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     17-11-2024 09:27 AM


  • आइए जानें, विभिन्न पालतू और जंगली जानवर, कैसे शोक मनाते हैं
    व्यवहारिक

     16-11-2024 09:15 AM


  • जन्मसाखियाँ: गुरुनानक की जीवनी, शिक्षाओं और मूल्यवान संदेशों का निचोड़
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     15-11-2024 09:22 AM


  • जानें क्यों, सार्वजनिक और निजी स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों में संतुलन है महत्वपूर्ण
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     14-11-2024 09:17 AM


  • आइए जानें, जूट के कचरे के उपयोग और फ़ायदों के बारे में
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     13-11-2024 09:20 AM


  • कोर अभिवृद्धि सिद्धांत के अनुसार, मंगल ग्रह का निर्माण रहा है, काफ़ी विशिष्ट
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     12-11-2024 09:27 AM






  • © - , graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id