राखी एक व्‍यवसाय के रूप में

रामपुर

 26-08-2018 11:34 AM
नगरीकरण- शहर व शक्ति

भाई बहन के पवित्र रिश्‍ते का प्रतीक रक्षाबंधन त्‍यौहार भारतीय उपमहाद्वीप में बड़े हर्षोल्‍लास के साथ मनाया जाता आ रहा है। इस त्‍यौहार में बहने सामान्‍यतः भाईयों को प्‍यार का बंधन राखी बांधकर अपनी रक्षा का वचन लेती हैं। प्‍यार और विश्‍वास के इस बंधन की डोर राखी का प्रचलन रक्षाबंधन के दौरान अपने चरम पर होता है। इसके उत्‍पादन और विक्रय का भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था का बहुत प्रभाव पड़ता है। यदि आप भारतीय बाजारों में निकलते हैं, तो वह आपको विभिन्‍न रंग बिरंगी राखियों से सजा हुआ दिखता है। इस समय राखी के छोटे बड़े व्‍यापारियों के लिए बहुत अच्‍छा अवसर होता है। राखियों का निर्माण पहले हाथों से ही किया जाता था किंतु समय के साथ इसके उत्‍पादन के लिए भी विभिन्‍न प्रकार की मशीनों को प्रयोग किया जा रहा है। यदि हम भारतीय राज्‍यों की दृष्टि से देखें, तो अलग अलग राज्‍यों में भिन्‍न भिन्‍न प्रकार की राखियां तैयार की जाती हैं:

पंजाब की रेशम राखी : ये राखियां रेशम के धागे में विभिन्‍न रंग बिरंगे डिजाइनों के साथ तैयार की जाती है।

गुजरात की सिल्‍वर राखी : भारत के उच्‍च और मध्‍यम परिवार में बहुप्रसिद्ध चां‍दी की राखी मुख्‍यतः गुजरात में तैयार की जाती है। यह सामान्‍यतः आप कभी भी पहनकर रख सकते हैं।

मुंबई की कार्टून राखी : कार्टून सिरियलों के प्रसिद्ध कार्टून पात्रों जैसे डोरेमोन, मिकि माउस, मोगली, स्‍पाइडर मेन इत्‍यादि को राखियों में उकेरा जाता है, जो प्रमुखतः बच्‍चों द्वारा बहुत ज्‍यादा पसंद की जाती हैं।

दक्षिण भारत की ज़री राखी : गोल्‍ड और सिल्‍वर के धागों के माध्‍यम से तैयार की जाने वाली ज़री राखी पारंपरिक कारिगरी की राखियां विशेषतः दक्षिण भारत में तैयार की जाती हैं। यह अन्‍य धागों की तुलना में ज्‍यादा चमकदार होती हैं।

व्‍यवसाय की दृष्टि से राखी का उत्‍पादन चाइना में भी बहुत बढ़ गया है। यहां से आयतित राखियां अक्‍सर कम मुल्‍य (रूपय 15 से 40 के लगभग) में ज्‍यादा आकर्षक होती हैं, जिसके कारण लोग इनकी और बरबस ही खींचे चले आते हैं। खासकर यदि बच्‍चों की बात करें तो वे चाइना की कार्टून (डोरेमोन, छोटा भीम, बाल गणेश, एंग्री बर्ड आदि) राखियां बहुत पसंद करते हैं। साथ ही मशीनिकरण के इस दौर में हस्‍तनिर्मित राखियों का उत्‍पादन घट गया है। बहुत कम लागत में राखियों का अच्‍छा उत्‍पादन आप घर बैठे बैठे कर सकते हैं, इसका आसान तरीका हम आपको इस यूट्यूब विडियो के माध्‍यम से बता रहे हैं। जिस प्रकार लोग चाइनिज़ राखियों की ओर आकर्षित हो रहे हैं, यह भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था में कुछ विपरित प्रभाव डाल सकती है।

संदर्भ :

1.http://www.rakhiindia.com/where-is-rakhi-made-in-india.html
2.https://retail.economictimes.indiatimes.com/news/industry/colourful-rakhis-get-a-made-in-china-touch/48609076
3.https://www.indiatoday.in/mail-today/story/locally-made-rakhis-caught-in-a-chinese-tangle-1321044-2018-08-23
4.https://www.youtube.com/watch?v=H2qeIR8bk_o



RECENT POST

  • मेहरगढ़: दक्षिण एशियाई सभ्यता और कृषि नवाचार का उद्गम स्थल
    सभ्यताः 10000 ईसापूर्व से 2000 ईसापूर्व

     21-11-2024 09:26 AM


  • बरोट घाटी: प्रकृति का एक ऐसा उपहार, जो आज भी अनछुआ है
    पर्वत, चोटी व पठार

     20-11-2024 09:27 AM


  • आइए जानें, रोडिन द्वारा बनाई गई संगमरमर की मूर्ति में छिपी ऑर्फ़ियस की दुखभरी प्रेम कहानी
    म्रिदभाण्ड से काँच व आभूषण

     19-11-2024 09:20 AM


  • ऐतिहासिक तौर पर, व्यापार का केंद्र रहा है, बलिया ज़िला
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     18-11-2024 09:28 AM


  • इस अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस पर चलें, ऑक्सफ़र्ड और स्टैनफ़र्ड विश्वविद्यालयों के दौरे पर
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     17-11-2024 09:27 AM


  • आइए जानें, विभिन्न पालतू और जंगली जानवर, कैसे शोक मनाते हैं
    व्यवहारिक

     16-11-2024 09:15 AM


  • जन्मसाखियाँ: गुरुनानक की जीवनी, शिक्षाओं और मूल्यवान संदेशों का निचोड़
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     15-11-2024 09:22 AM


  • जानें क्यों, सार्वजनिक और निजी स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों में संतुलन है महत्वपूर्ण
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     14-11-2024 09:17 AM


  • आइए जानें, जूट के कचरे के उपयोग और फ़ायदों के बारे में
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     13-11-2024 09:20 AM


  • कोर अभिवृद्धि सिद्धांत के अनुसार, मंगल ग्रह का निर्माण रहा है, काफ़ी विशिष्ट
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     12-11-2024 09:27 AM






  • © - , graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id