अवध और रोहिलखंड रेलवे का इतिहास

रामपुर

 25-08-2018 11:36 AM
य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला

हम में से अधिकांश लोग यह जानतें हैं की भारत में सर्वप्रथम रेलवे की स्थापना ब्रिटिश सरकार द्वारा कि गई थी। उनके द्वारा भारत में विभिन्न रेलवे लाईन बनाई गई, लेकिन कुछ सालों बाद ब्रिटिश सरकार द्वारा यह अधिकार निजी रेलवे कंपनियों को दे दिया गया। क्या आप जानते हैं, कि आज के उत्तरी रेलवे को पहले "ईआईआर" (ईस्ट इंडियन रेलवे कंपनी) कहा जाता था। लेकिन कुछ लोगों को यह याद है कि लखनऊ और हिमालय पर्वत के बीच स्थापित पहली रेलवे प्रणाली (जो की हल्दवानी और टनकपुर में मूल रुप से प्रविष्टि होती थी) को अवध और रोहिलखंड" रेलवे कहा जाता था। आइए जानतें हैं इनके द्वारा किए गए अद्भुद निर्माण के बारे में।

अवध और रोहिलखंड रेलवे उत्तर भारत में एक व्यापक रेलवे संजाल था, जो कि अधिकांश उत्तरी गंगा, बनारस से प्रारंभ होकर दिल्ली तक पहुंचता था। इसकी स्थापना 1872 में भारतीय शाखा रेलवे कंपनी की संपत्ति और सरकार की गारंटी के साथ हुई और इसका मुख्यालय लखनऊ में स्थित है।

इस कंपनी के अध्यक्ष विलियम डेंट और प्रबंध निदेशक मेजर जनरल सी सी जॉनसन और सलाहकार अभियंता जे एम हेपेल थे। इनके द्वारा बनाए गए ये रेलवे स्टेशन काफ़ी उपयोगी सिद्ध हुए, इनका आज सामान्य रुप से उपयोग किया जा रहा है, और यह यातायात के लिए भी काफ़ी लाभदायक सिद्ध हुआ है।

इस कंपनी ने 1872 में लखनऊ से हरदोई, लखनऊ से बाराबंकी और मुरादाबाद से चंदौसी तक लाइन बनाई और आखरी विस्तार 1873 में बरेली तक किया । वहीं 1874 में वाराणसी से लखनऊ तक भी एक लाइन बनाई, फ़िर उसका भी फैजाबाद (फैजाबाद लूप) तक विस्तार किया। इसकी मुख्य लाइन लखनऊ से सहारनपुर तक शाहजहांपुर, बरेली, चंदौसी और मुरादाबाद के माध्यम से चलाई गई थी। रामपूर के माध्यम से बरेली-मुरादाबाद चॉर्ड, को 4 दिसंबर, 1891 पर अनुमोदित कर इसे 8 जून 1894 में खोला गया था। इसका निकटतम प्रमुख स्टेशन दक्षिण-पूर्व में स्थित बरेली रेलवे स्टेशन है।

ऊपर दिया गया चित्र 1865 के इंजन का है जो अवध-रोहिल्खंड मार्ग के लिए बना था

अवध और रोहिलखंड रेलवे को 1 जुलाई 1925 को पूर्वी भारतीय रेलवे में विलीन कर दिया गया लेकिन बाद में इसे अवध और तिरहुत रेलवे में स्थानांतरित कर दिया गया। अवध और रोहिलखंड रेलवे की बनारस सिटी शाखा में बनारस कैंट से बनारस सिटी तक की 2 मील लंबी दूरी की गेज लाइन को 15 मार्च से 1 अप्रैल 1899 के बीच खोला गया। 1 जुलाई 1925 को इसे पूर्वी भारतीय रेलवे द्वारा धारण किया गया लेकिन इस लाइन को खोलने का काम बंगाल और उत्तर पश्चिमी रेलवे और उसके उत्तराधिकारियों द्वारा किया गया, उसके बाद इसे 27 फरवरी 1953 को उत्तर पूर्वी रेलवे में स्थानांतरित कर दिया गया था।

संदर्भ :-

1.https://www.irfca.org/articles/manning/kumaon.html
2.https://wiki.fibis.org/index.php?title=Oudh_and_Rohilkhand_Railway
3.https://en.wikipedia.org/wiki/Oudh_and_Rohilkhand_Railway



RECENT POST

  • आइए आनंद लें, फ़ुटबॉल से जुड़े कुछ मज़ेदार चलचित्रों का
    य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला

     22-12-2024 09:23 AM


  • मोरक्को में मिले 90,000 साल पुराने मानव पैरों के जीवाश्म, बताते हैं पृथ्वी का इतिहास
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     21-12-2024 09:31 AM


  • आइए जानें, रामपुर के बाग़ों में पाए जाने वाले फूलों के औषधीय लाभों और सांस्कृतिक महत्व को
    गंध- ख़ुशबू व इत्र

     20-12-2024 09:19 AM


  • वैश्विक हथियार निर्यातकों की सूची में, भारत कहाँ खड़ा है?
    हथियार व खिलौने

     19-12-2024 09:22 AM


  • रामपुर क्षेत्र के कृषि विकास को मज़बूत कर रही है, रामगंगा नहर प्रणाली
    नदियाँ

     18-12-2024 09:24 AM


  • विविध पक्षी जीवन के साथ, प्रकृति से जुड़ने का एक अनूठा अवसर प्रदान करता है रामपुर
    पंछीयाँ

     17-12-2024 09:26 AM


  • आइए जानें, कैसे हम, बढ़ते हुए ए क्यू आई को कम कर सकते हैं
    जलवायु व ऋतु

     16-12-2024 09:31 AM


  • आइए सुनें, विभिन्न भारतीय भाषाओं में, मधुर क्रिसमस गीतों को
    ध्वनि 1- स्पन्दन से ध्वनि

     15-12-2024 09:34 AM


  • आइए जानें, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर दी गईं स्टार रेटिंग्स और उनके महत्त्व के बारे में
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     14-12-2024 09:27 AM


  • आपातकालीन ब्रेकिंग से लेकर स्वायत्त स्टीयरिंग तक, आइए जानें कोलिझन अवॉयडेंस सिस्टम के लाभ
    य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला

     13-12-2024 09:24 AM






  • © - , graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id