भौगोलिक स्थिति किसी भी स्थान को महत्वपूर्ण बना देती है और उत्तर प्रदेश का रामपुर जिस स्थान पर बसा हुआ है वह हिमालय के तराई के क्षेत्र के रूप में जाना जाता है। भारत में जल निकासी के प्रमुख साधनों में प्राकृतिक जल निकासी एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है। प्राकृतिक जल निकासी अर्थात वे जलीय मार्ग जो की प्राकृतिक रूप से बनाये गए हैं। रामपुर की प्रमुख नदी कोसी है जो यहाँ प्रयोग में लाये जाने वाले जल को अपने में लेकर गंगा में मिलती है।
रामपुर का जल निकासी व्यवस्था हिमालयन जल निकासी के श्रेणी में आता है। यह अनेकों वर्षों के लम्बे समय अनुपात में विकसित हुयी है। इसमें मुख्य रूप से गंगा, सिन्धु और ब्रम्हपुत्र नदियाँ आती हैं। ये नदियाँ हिमालय के बर्फ से जल की प्राप्ति करती हुयी अनेकों दर्रों, झरनों आदि से गुजरती हुयी मैदानी भागों में प्रवेश करती हैं और ये कई सहायक नदियों से जल की प्राप्ति करती हैं। नालों आदि से भी ये नदियाँ जल की प्राप्ति करते हुए अंत में समुद्र से मिल जाती हैं।ये नदियाँ जल निकासी के लिए वरदान से कम नहीं हैं क्यूंकि ये वर्षा आदि का जल भी अपने साथ ले जाती हैं जिससे बाढ़ आदि की स्थिति भी उत्पन्न नहीं होती।
जैसा की यदि रामपुर के सन्दर्भ में बात की जाए तो यहाँ पर बरसने वाले जल को कोसी नदी अपने में ले लेती है और यहाँ पर जल जमाव की स्थिति उत्पन्न नहीं होती है। ये नदियाँ भूमिगत जल स्तर को भी बरकरार रखती हैं। रामपुर गंगा जल निकासी क्षेत्र में आता है, गंगा भारत की वृहदतम नदियों में से एक है जो की कई मायनों में प्राण का स्वरुप है।
© - , graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.