दुनिया की खूबसूरती से पहचान करवाती हमारी आंखें

रामपुर

 17-08-2018 11:06 AM
द्रिश्य 1 लेंस/तस्वीर उतारना

प्रकृति की अनमोल देन हैं हमारी आंखें। आंखें वह सुंदर रचना हैं जिससे आप अपने आस-पास मौजूद खूबसूरत नजारों से रूबरू होते हैं। यह हमारे शरीर का एक ऐसा अंग है जो हमें सूक्ष्म से सूक्ष्म कार्य को देख कर करने में सहायता प्रदान करती हैं। जैसे कि हम सभी जानते हैं कढ़ाई व बुनाई के बारीक से बारीक कार्यों को करने के लिये हमें गहनता से देखने की जरुरत पड़ती है। यदि आप सोच रहे हैं कि हम अपनी आंखों की सहयता से इन कार्यों को किस प्रकार गहनता पूर्वक देख लेते हैं और किस प्रकार हम रंगो की खूबसूरती को आसानी से पहचान जाते हैं, तो हम आपको बता दें कि इस बारे में जानने के लिए सर्वप्रथम हमें इसके कार्य करने की विधि को समझने और जानने की अवश्यकता है।

मानव आंख एक जटिल संरचना है। हमारी दोनों आंखें न केवल एक साथ कार्य करती हैं बल्कि ये दृश्य छवियों और संदेशों के निर्माण के लिए मस्तिष्क, मांसपेशियों और नसों के साथ भी कार्य करती हैं। आँख या नेत्र प्रकाश के प्रति संवेदनशील होती हैं। प्रकाश पहले कॉर्निया नामक एक सुरक्षात्मक पारदर्शी कवर से गुज़रता है, और फिर लेंस में चला जाता है। आंखों के आईबॉल (यह विस्तृत 3D छवियों का निर्माण करने में सक्षम होती है।) में प्रवेश करने वाली प्रकाश की मात्रा आइरिस की रेडियल मांसपेशियों द्वारा नियंत्रित होती है, और ये कॉर्निया के नीचे होता है। आईरिस के केंद्र के अंदर पुपिल होता है। प्रकाश पुपिल के माध्‍यम से आईबॉल में प्रवेश कर नजर को बढ़ाता है। इसके कारण आँखे आसानी से अपने आकार को बदल सकती हैं।

इस प्रकाश को लेंसों की सहायता से सही स्थान रेटिना पर एक बिंदु पर केंद्रित किया जाता है (जिससे प्रतिबिम्ब बनता है)। रेटिना में लाखों प्रकाश संवेदनशील रिसेप्टर्स होते हैं। प्रत्येक रिसेप्टर में वर्णक अणु होते हैं, जो प्रकाश के द्वारा आकार बदलते हैं। इस प्रतिबिम्ब को विद्युत संकेतों में बदल कर ऑप्टिकल तंत्रिका के माध्यम से मस्तिष्क के पास भेज दिया जाता है। मस्तिष्क में सारी छवियां मिलकर एक फिल्म में परिवर्तित हो जाती हैं जिसे मोटे तौर पर मानव दृष्टि के रूप में जाना जाता है।

सबसे आश्चर्यजनक बात तो यह है कि हमारी आंखे केवल हरे, नीले और लाल रंग के प्रकाश तरंगदैर्ध्यों का पता लगा सकती हैं। प्रत्येक आंख की शंकु कोशिकाओं में प्रकाश-संवेदनशील प्रोटीन होते हैं जिन्हें ऑप्सिन कहा जाता है। इनसे प्राप्त संकेतों को मस्तिष्क में भेज दिया जाता है। हमारा मस्तिष्क इन तीन रंगों के संकेतों के संयोजन से लाखों अलग-अलग रंग बनाता है।

संदर्भ:

1.https://www.independent.co.uk/life-style/health-and-families/features/the-science-of-vision-how-do-our-eyes-see-10513902.html
2.https://kidshealth.org/en/teens/eyes.html
3.https://www.webmd.com/eye-health/amazing-human-eye



RECENT POST

  • आइए आनंद लें, फ़ुटबॉल से जुड़े कुछ मज़ेदार चलचित्रों का
    य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला

     22-12-2024 09:23 AM


  • मोरक्को में मिले 90,000 साल पुराने मानव पैरों के जीवाश्म, बताते हैं पृथ्वी का इतिहास
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     21-12-2024 09:31 AM


  • आइए जानें, रामपुर के बाग़ों में पाए जाने वाले फूलों के औषधीय लाभों और सांस्कृतिक महत्व को
    गंध- ख़ुशबू व इत्र

     20-12-2024 09:19 AM


  • वैश्विक हथियार निर्यातकों की सूची में, भारत कहाँ खड़ा है?
    हथियार व खिलौने

     19-12-2024 09:22 AM


  • रामपुर क्षेत्र के कृषि विकास को मज़बूत कर रही है, रामगंगा नहर प्रणाली
    नदियाँ

     18-12-2024 09:24 AM


  • विविध पक्षी जीवन के साथ, प्रकृति से जुड़ने का एक अनूठा अवसर प्रदान करता है रामपुर
    पंछीयाँ

     17-12-2024 09:26 AM


  • आइए जानें, कैसे हम, बढ़ते हुए ए क्यू आई को कम कर सकते हैं
    जलवायु व ऋतु

     16-12-2024 09:31 AM


  • आइए सुनें, विभिन्न भारतीय भाषाओं में, मधुर क्रिसमस गीतों को
    ध्वनि 1- स्पन्दन से ध्वनि

     15-12-2024 09:34 AM


  • आइए जानें, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर दी गईं स्टार रेटिंग्स और उनके महत्त्व के बारे में
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     14-12-2024 09:27 AM


  • आपातकालीन ब्रेकिंग से लेकर स्वायत्त स्टीयरिंग तक, आइए जानें कोलिझन अवॉयडेंस सिस्टम के लाभ
    य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला

     13-12-2024 09:24 AM






  • © - , graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id