हथियार ऐसे साधन हैं जिनका प्रयोग अपराध या सुरक्षा दोनों उद्देश्यों के लिए किया जाता है। पाषाण काल से ही मानव छोटे पत्थर से बने ब्लेड (Blade) तथा हथियार का उपयोग करता आ रहा है। इनमें से प्रमुख थे चाकू, छुरी तथा तलवार। विभिन्न धातुओं जैसे कांस्य, ताम्र, लोहे और स्टील (Steel) से बने चाकू/बरछी ख़ंजर/कटार तलवार सभी विश्व के इतिहास को क्रमानुसार दर्शाते हैं। आज ये विश्व के विभिन्न संग्रहालयों में संरक्षित कर रखे गये हैं तथा वहाँ की शोभा बढ़ा रहे हैं।
विश्व में अधिकांश संग्रहालयों में चाकू तथा तलवार को समर्पित एक अनुभाग होता है। इन्हीं में से एक है ‘रज़ा संग्रहालय’। यह कला, शिक्षा, और पुरातत्व से संबंधित छात्रों के शोध करने के लिए एक प्रभावशाली स्थान है। चाकू निर्माण के लिए दुनिया भर में मशहूर शहर रामपुर में नवाबों के दौर से ही चाहे वहां आम व्यक्ति हो या ख़ास व्यक्ति, उनके दो ही हथियार होते थे, जिसमें पहला है उनकी तेज़ ज़ुबान और दूसरा उनका तेज़ धार वाला ‘रामपुरी चाकू’। इससे पहले, प्रारंग ने रामपुरी चाकू के विलुप्त होते निर्माण को समर्पित एक लेख लिखा था जिसे आप इस लिंक पर क्लिक करके पढ़ सकते हैं- http://rampur.prarang.in/180105702।
रामपुर के रज़ा संग्रहालय में शस्त्रों का संग्रह काफी आकर्षक है। इसमें ख़ंजर, तलवार तथा उनकी खुबसूरत नक्काशी की हुयी म्यानें, फरसा, रामपुरी चाकू आदि हथियार शामिल हैं। परंतु दुनिया में कुछ विशेष संग्रहालय ऐसे भी हैं जो सिर्फ चाकू तथा तलवार को ही समर्पित हैं, जैसे जर्मन ब्लेड संग्रहालय, सेकी शहर जापान का चाकू संग्रहालय, आर्बस का सार्डिनियन चाकू संग्रहालय आदि।
यूरोप में चाकू व कटलरी के प्रमुख केंद्रों में से एक जर्मन ब्लेड संग्रहालय (जर्मनी के सोलिंगन में) में मध्यकाल से ही चाकू, ब्लेड, तलवार और कैंचियों का निर्माण हो रहा है। यह संग्रहालय के ब्लेड तथा कटलरी के इतिहास को दर्शाता है। यहाँ दुनियाभर की कटलरी का सबसे बड़ा संग्रह है।
जापान के सेकी शहर में स्थित प्राकृतिक वातावरण से घिरा हुआ ‘चाकू संग्रहालय’ असल में एक कनाडियन शैली में बना लकड़ी का घर है। वास्तव में सेकी शहर पूरे विश्व में अपनी उम्दा कटलरी और धारदार चाकू और तलवारों के लिए ही मशहूर है। यह प्रथा यहाँ 13वीं शताब्दी में शुरू हुई थी जब एक कारीगर यहाँ आकर बस गया था। यहाँ बसने की वजह थी यहाँ पर चाकू और तलवार उत्पादन के लिए ज़रूरी सामग्री की आसान उपलब्धता। इस संग्रहालय में देशी ही नहीं वरन् विदेशों के भी अनेक खूबसूरत और दुर्लभ चाकुओं का संग्रह किया गया है।
अंत में हम जानते हैं आर्बस के सार्डिनियन चाकू संग्रहालय के कुछ रोचक तथ्यों के बारे में। यह चार कमरों में विभाजित है, जिसमें से पहले कमरे में प्राचीन चाकुओं को सांग्रहित किया गया है, जिसमें कुछ चाकू 16वीं शताब्दी के भी हैं। दूसरे कमरे में समकालीन सार्डिनियन कटलरों (कटलरी बनाने या बेचने वाले) के सबसे महत्वपूर्ण कार्यों के बारे में बताया गया है। तीसरे कमरे में चाकू के उत्पादन की प्रक्रिया को फिल्म (Film) और इंटरव्यू (Interviews) के माध्यम से समझाया गया है तथा अंतिम कमरे में एक पुरानी प्रयोगशाला का पुनर्निर्माण किया गया है जहाँ पिछली शताब्दी के औजारों के बारे में बाताया गया है।
तथा ये सभी संग्रहालय हमें बताते हैं कि चाकू और मुख्यतः हथियार, हमें किसी भी स्थान के इतिहास को जानने में काफी सहायक होते हैं और यही कारण है कि हथियारों को अधिकतर संग्रहालय में अलग से एक स्थान समर्पित होता है।
संदर्भ:
1.https://www.die-bergischen-drei.de/en/nl/industrial-heritage-and-the-countryside/museums-and-showplaces/the-german-blade-museum.html
2.http://www.gsi-japan.com/shop/html/user_data/museum.php
3.http://www.ciaosardinia.com/eng/sardinia/what-to-do/culture/museums/The_Sardinian_knives_Museum_of_Arbus
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