आज समय है बराबरी का। सभी को समान आदर, समान अधिकार, समान अवसर आज के समय की मांग है। परन्तु यह समानता जहाँ हर एक व्यक्ति विशेष तक पहुंचनी चाहिए, वहीं कई स्थानों पर यह समाज के एक बड़े और महत्वपूर्ण हिस्से को नहीं मिलती है, महिलाओं को। तो चलिए आज देखें यह 15 मिनट की शौर्ट फिल्म (Short Film) और जानें किस प्रकार लैंगिक असमानता को समाज में अनदेखा कर दिया जाता है।
प्रस्तुत फिल्म का शीर्षक है ‘जूस’ (Juice)। शुरुआत में आप देख सकेंगे एक दृश्य जहाँ कुछ मित्र एक मित्र के घर पर एकत्रित होकर चर्चा कर रहे हैं। सभी पुरुष नाश्ता करते हुए गप्पे लड़ाते हैं और महिलाएं रसोई में नाश्ता बनाते हुए। जैसे-जैसे फिल्म आगे बढ़ती है वैसे-वैसे इस लैंगिक असामनता के मुद्दे के भिन्न पहलुओं को छेड़ा जाता है। यह फिल्म आपका ध्यान इस प्रकार आकर्षित करती है कि जल्द ही आप किरदारों में खुद को या अपने मित्रों, रिश्तेदारों आदि को ढूँढने लगेंगे। और अंत में कुछ ऐसा होता है कि सबकी बोलती बंद हो जाती है और साथ ही साथ फिल्म का शीर्षक भी सिद्ध हो जाता है।
यूनाइटेड नेशन्स (United Nations) के 2015 के ह्यूमन डेवलपमेंट इंडेक्स (Human Development Index) के अनुसार महिला सशक्तिकरण के मामले में भारत का 147 में से 135वां स्थान है। भारत में भी उत्तर प्रदेश इस मामले में सबसे पिछड़े हुए राज्यों में से है। इसलिए हमारे लिए इन मुद्दों पर नज़र डालना और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। तो अपनी इस रविवार की आरामदायक छुट्टी में से 15 मिनट का समय निकालें और क्लिक करें ऊपर दी गयी वीडियो पर और जानें कैसे एक महिला को घरेलू स्तर पर भी लैंगिक असामनता का सामना करना पड़ सकता है।
संदर्भ:
1. https://www.youtube.com/watch?v=R-Sk7fQGIjE
2. https://economictimes.indiatimes.com/news/politics-and-nation/government-will-soon-come-out-with-a-women-empowerment-index-for-states/articleshow/59184776.cms
3. https://www.hindustantimes.com/interactives/women-empowerment-index/
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