खेल कूद हमारे जीवन का एक अभिन्न अंग है। या यूं कहें कि बिन खेल कूद किये या देखे, हमारे देशवासियों का गुज़ारा नहीं होता। परन्तु आज हमारा देश कुछ खेलों तक ही सीमित हो चुका है जिसके कारण दुसरे खेलों को प्रोत्साहन नहीं मिल पा रहा। कई खेल तो ऐसे हैं जिनके बारे में काफी लोगों ने सुना ही नहीं होगा, तो उसमे रूचि पैदा होना तो एक अलग ही मसला है। आज हम बात करने जा रहे हैं एक ऐसे ही खेल की जिसमें हमारे रामपुर के होनहार खिलाड़ियों ने अपने आप को साबित कर दिखाया है, एक ऐसा खेल जिसके लिए इन खिलाड़ियों को बड़े-बड़े शहरों में सराहा जाता है लेकिन हम में से कई लोगों ने इसका नाम भी नहीं सुना है। यह खेल है – पार्कौर (Parkour)।
पार्कौर एक ऐसा अनुशासन है जो कि सैन्य बाधा प्रशिक्षण से विकसित हुआ है। खिलाड़ियों का लक्ष्य होता है एक जटिल वातावरण में, बिना किसी सहायक उपकरण के, सभी बाधाओं से बचके एक स्थान से दूसरे स्थान तक सबसे तेज़ और प्रभावी तरीके से पहुंचना। इसमें खिलाड़ियों को दौड़ना, चढ़ाई करना, रेंगना, कूदना आदि करना पड़ता है। सैन्य प्रशिक्षण से पार्कौर का विकास होने के कारण इसे एक तरीके का गैर-लड़ाकू मार्शल आर्ट कहा जा सकता है।
रामपुर के ये खिलाड़ी बिना किसी प्रशिक्षण के खुद से अभ्यास कर आज इस खेल में इतने माहिर हो गये हैं। सोचिये अगर इनको सही प्रशिक्षण के साथ-साथ पर्याप्त प्रोत्साहन दिया जाए तो ये क्या कुछ नहीं कर सकते। इन खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करते हुए आप ऊपर दी गयी वीडियो पर क्लिक करके देख सकते हैं।
संदर्भ:
1. https://en.wikipedia.org/wiki/Parkour
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