कला प्रदर्शन मनोरंजन का एक ऐसा साधन है जो हमारी ज़िन्दगी का एक अहम हिस्सा बन गया है| यह ऐसा माध्यम है जिससे संस्कृतियों का मिलन होता है| आज कला प्रदर्शन (सिनेमा, डांस, ड्रामा, नाटक - कला इत्यादि) रोज़मर्रा की ज़िन्दगी का एक अनिवार्य हिस्सा बन गया है| रामपुर के नवाबों को शुरू से ही कला और संगीत में काफी रूचि थी| नौबत खान, वज़ीर खान, अल्लाउदीन खान – इन सभी ने काव्य, संगीत और कला में अपना खूब नाम कमाया| सरोद के उस्ताद अली अकबर खान को कौन नहीं जानता| यही से निकला "मैहर घराना" काफी प्रसिद्ध था| यहाँ से भारत को कई दिग्गज और विश्व प्रसिद्ध कलाकार मिले जैसे की पंडित रवि शंकर| "रामपुर-सहस्वान घराना" भी रामपुर में इनायत हुसैन खान द्वारा स्थापित किया गया था| यही नहीं बल्कि अगर हम नृत्य और कला की तरफ गौर फरमाए तो पंडित बिरजू महाराज भी यहाँ अपने परिवार के साथ रहे थे तथा यहाँ उन्होंने अपनी कला का अध्यन किया था| प्राण कृष्ण सिकंद, रज़ा मुराद और कई दुसरे कलाकार हिंदी सिनेमा जगत में छाए रहे| बहरहाल आज रामपुर का योगदान हिंदी सिनेमा में कुछ ख़ास तो नहीं रहा, लेकिन आज भी अगर हिंदुस्तानी लिबास की बात करे तो यहाँ की ज़री कारीगरी काफी उन्नत है|
1. http://www.thehindu.com/features/friday-review/allauddin-khan-and-the-maihar-gharana/article7896278.ece
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