गर्मी आते ही आम आदमी की पहली पसन्द बन जाता है ‘आम’, और हो भी क्यों न। आखिर सभी फलों का राजा भी तो आम ही है। इसका स्वाद ही कुछ ऐसा है कि हर आदमी इसे बड़े चाव से खाता है। भले ही इसके लिए हाथ और मुंह को रस में सानना ही क्यों न पड़े। आज हम बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले के आम की। क्यों आ गया न मुंह में पानी। भला ऐसे ही हर उम्र के लोगों की पसन्द नहीं बन जाता आम।
आम भाषा में हम आम को आम ही कहते हैं। संस्कृत भाषा के आम्र शब्द से आम शब्द का जन्म हुआ है। इसका वैज्ञानिक नाम ‘मेंगीफेरा इंडिका’ है और यह ‘ऐनाकार्डियेसी’ परिवार से सम्बंधित है। भारत आम के उत्पादन में दुनिया में सबसे आगे है। भारत के अलावा, पाकिस्तान और फिलीपींस में भी आम राष्ट्रीय फल के रूप में ही जाना जाता है। बांग्लादेश में तो आम के पेड़ को राष्ट्रीय पेड़ का दर्जा प्राप्त है।
सिकन्दर को 327 ईसा पूर्व में सिन्धु घाटी में आम का एक बगीचा मिला। 1330 ईसवी में तुर्कमन के संत और कवि अमीर ख़ुसरो ने आम पर एक कविता लिखी। अकबर ने सन 1556-1605 तक अपने बाग में एक लाख आम के पेड़ लगवाये थे, जो ‘लाख बाग’ नाम से प्रसिद्ध हुआ।
भारत में सबसे अधिक आम की पैदावार उत्तर प्रदेश में होती है और रामपुर के आम का तो क्या कहना। लेकिन आज अधिक पैसा कमाने की चाह ने हमें अंधा बना दिया है। इस अंधी दौड़ में हमने अपने स्वास्थ्य को ही दाव पर लगा डाला। आज बाज़ार में जो आम हम देख रहे हैं और उन्हें खा रहे हैं, वो प्राकृतिक रूप से न पककर रासायनिक पदार्थ से पके हुए होते हैं। आम को पकाने के लिए कैल्सियम कार्बाइड (Calcium Carbide) का प्रयोग होता है, जो काफी बिमारियों की जड़ है जैसे, सिर दर्द, चक्कर आना, उल्टी-दस्त, फोड़े फुंसी और यहाँ तक कि जानलेवा कैंसर कारक रसायन है और यह जहर बेचने का कार्य खुले आम किया जा रहा है। आम भाषा में इसे मसाला कहा जाता है। इसके अलावा और भी कई रसायनों का प्रयोग आम पकाने में किया जाता है, जिसके कारण पेट सम्बंधी बीमारियाँ, बच्चों में डायरिया, हाइपर टेंशन और गर्भ में पल रहे शिशु को तरह-तरह की बीमारियां हो सकती हैं। इनसे बचने का संभव घरेलू उपाय बस यही है कि फलों को ढंग से धोकर खाना चाहिए। इसलिए अंततः, आम खाएँ ज़रूर, लेकिन सावधान होकर।
1.https://www.amarujala.com/uttar-pradesh/rampur/camical-used-to-ready-mango-in-rampur
2.https://www.indiatoday.in/mail-today/story/mangoes-ripening-fruits-calcium-carbide-chemical-cancer-260018-2015-06-28
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