रमज़ान का महीना मुस्लिमों में अत्यंत पाक और पवित्र माना गया है। यह इस्लामी कैलेण्डर के 9वें महीने में शुरू होता है। रमज़ान उपवास, आशीर्वाद और क्षमा का महीना माना जाता है। इस्लाम में उपवास का बहुत महत्व है। अल्लाह के दूत पैगंबर मोहम्मद ने कहा है कि अल्लाह ने कहा है: "मनुष्य का हर कार्य उपवास को छोड़कर उसके लिए है और उपवास मेरे लिए किया जाता है और मैं इसे पुरस्कृत करूंगा”। इस महीने में पूरे भक्ति भाव से अल्लाह की इबादत की जाती है तथा व्यक्ति पूरी शिद्दत के साथ रमज़ान का पूरा महीना अल्लाह को समर्पित कर देता है।
उपवास इस्लाम के पांच खम्भों (कर्तव्यों) में से एक है तथा इसका पालन करना सभी का कर्तव्य है। 12 वर्ष की उम्र के बाद प्रत्येक मुस्लिम इस उपवास में भाग लेता है। रमज़ान या रामदान शब्द अरबी के रामदा से बना है जिसका अर्थ है तीव्र गर्मी और सूखापन। इस काल में मनुष्य दिन भर पानी की एक बूँद भी नहीं पीता और वह खाना भी नहीं खाता है। खाना खाने को रोज़ा खोलना कहा जाता है तथा इसका एक विशिष्ट समय होता है। प्रत्येक दिन भोर के पहले जल और भोजन का ग्रहण कर लेना आवश्यक होता है क्यूंकि भोर के बाद रोज़े की शुरुआत हो जाती है और शाम को सूर्यास्त होने के दौरान रोज़ा खोला जाता है और रोज़ा खोलने के बाद शाम की नमाज अदा की जाती है।
उपवास का उद्देश्य पाप को अपने से दूर रखना होता है और यह मनुष्य के धैर्य की परीक्षा भी लेता है। रामपुर में रमज़ान को एक अत्यंत महत्वपूर्ण पर्व के रूप में मनाया जाता है। यहाँ के जामा मस्जिद, मोती मस्जिद और अन्य मस्जिदों पर बड़े पैमाने पर लोग इस दौरान नमाज अदा करते हैं। रमजान के ख़त्म होने के बाद जब चाँद का दीदार होता है तब ईद मनाई जाती है। ईद का अर्थ है ख़ुशी का आगमन तथा रामपुर सहित पूरे देश में ईद हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती है।
1. https://en.wikipedia.org/wiki/Ramadan
2. https://gulfnews.com/?_refresh=true
3. https://www.thenational.ae/arts-culture/discovering-the-true-meaning-of-ramadan-1.363245
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