हीरों का गढ़, भारत

रामपुर

 02-06-2018 12:11 PM
खदान

हीरे पृथ्वी पर पाए जाने वाले सबसे महंगे पत्थरों में से एक हैं। ये करोड़ों वर्ष तक पृथ्वी के सतह में निर्मित होते हैं। भारत विश्व के कुछ महानतम हीरों के लिए जाना जाता है। यहाँ पर कोहिनूर, शाह, ब्लैक ओर्लावे आदि मशहूर हीरे प्राप्त हुए थे। गोलकोंडा की खानों से प्राप्त हुए हीरों का एक अनूठा इतिहास है। ये हीरे अपनी खास चमक और आकार के लिए जाने जाते हैं। मुग़ल दरबार और भारत के अन्य कई वंशों में इन हीरों ने अपना सफ़र किया था। दिल्ली के मोर सिंघासन पर अनेकों हीरों को जड़ा गया था जिसे नादिर शाह ने दिल्ली पर आक्रमण कर के लूट लिया था। भारत में हीरों की खदान का इतिहास 500 ईसा पूर्व से लेकर 500 ईसवी तक बड़े पैमाने पर मिलता है। अनेकों धर्म ग्रंथों और संस्कृत के लेखों में हीरे का कथन देखने को मिलता है जो यह सिद्ध करता है कि प्राचीन भारतीय समाज में हीरे की अपनी एक महत्ता थी।

भारतीय ग्रंथ रत्नपरीक्षा जो कि 5वीं शताब्दी की है, में हीरे का विवरण हमें देखने को मिलता है। यह ग्रन्थ भारत के 8 हीरों की खान का विवरण प्रस्तुत करता है। ये थे- सौराष्ट्र, मतंग, पौन्द्र, कलिंग, कोसल, और वैन्य और सुर्पार। इसके अनुसार हीरों के चार रंग होते हैं जो कि जाति के आधार पर विभाजित हैं। जो हीरा वेलवेट की तरह हो और चन्द्रमा की तरह हो वह ब्राह्मण, जो हीरा हल्का लाल हो वह क्षत्रिय, जो हीरा हल्का पीला हो वह वैश्य और शूद्रों का हीरा सस्ता होता है। रत्नपरिक्षा में इस प्रकार से विवरण प्रस्तुत किया गया है। रामपुर के नजदीक पन्ना, मध्य प्रदेश में भी हीरे की प्राचीन खान थी जहाँ से बड़ी संख्या में हीरे निकाले जाते थे। पन्ना एक रत्न है और इस रत्न की प्राप्ति के कारण ही इस स्थान का नाम पन्ना पड़ा।

भारत में हीरे की विशिष्ट कहानी है और यहाँ से हीरों ने विश्व भर में सफ़र किया है। आज कोहिनूर हीरा जो कि भारत की ही खान से निकला था, लन्दन में पड़ा हुआ है। रामपुर के नवाब हामिद अली खान को हीरों का बहुत शौक था। यही कारण है कि वे बड़ी संख्या में हीरे के आभूषण पहनते थे। उनके मुकुट पर हीरे आदि जड़े हुए थे। उन्हीं हीरों में से एक हीरे के पीछे रामपुर का भी अंकन किया गया था। इस प्रकार से हम कह सकते हैं कि यहाँ पर हीरे का अपना एक अलग स्थान प्राप्त था। यहाँ के हीरे भारत के विभिन्न खानों से आये थे।

1. ttps://en.wikipedia.org/wiki/Diamond_mining_in_India
2. http://www.michaelbonke.com/uploads/history-of-diamonds-en.pdf
3. https://in.pinterest.com/jaivikramshah/jewels-of-rampur-princely-state/?lp=true
4. https://www.royalark.net/India/rampur.htm



RECENT POST

  • मेहरगढ़: दक्षिण एशियाई सभ्यता और कृषि नवाचार का उद्गम स्थल
    सभ्यताः 10000 ईसापूर्व से 2000 ईसापूर्व

     21-11-2024 09:26 AM


  • बरोट घाटी: प्रकृति का एक ऐसा उपहार, जो आज भी अनछुआ है
    पर्वत, चोटी व पठार

     20-11-2024 09:27 AM


  • आइए जानें, रोडिन द्वारा बनाई गई संगमरमर की मूर्ति में छिपी ऑर्फ़ियस की दुखभरी प्रेम कहानी
    म्रिदभाण्ड से काँच व आभूषण

     19-11-2024 09:20 AM


  • ऐतिहासिक तौर पर, व्यापार का केंद्र रहा है, बलिया ज़िला
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     18-11-2024 09:28 AM


  • इस अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस पर चलें, ऑक्सफ़र्ड और स्टैनफ़र्ड विश्वविद्यालयों के दौरे पर
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     17-11-2024 09:27 AM


  • आइए जानें, विभिन्न पालतू और जंगली जानवर, कैसे शोक मनाते हैं
    व्यवहारिक

     16-11-2024 09:15 AM


  • जन्मसाखियाँ: गुरुनानक की जीवनी, शिक्षाओं और मूल्यवान संदेशों का निचोड़
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     15-11-2024 09:22 AM


  • जानें क्यों, सार्वजनिक और निजी स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों में संतुलन है महत्वपूर्ण
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     14-11-2024 09:17 AM


  • आइए जानें, जूट के कचरे के उपयोग और फ़ायदों के बारे में
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     13-11-2024 09:20 AM


  • कोर अभिवृद्धि सिद्धांत के अनुसार, मंगल ग्रह का निर्माण रहा है, काफ़ी विशिष्ट
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     12-11-2024 09:27 AM






  • © - , graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id