बाइबल के अध्याय और सार

रामपुर

 14-05-2018 03:05 PM
विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

बाइबल कई अध्यायों के आधार पर विभाजित है। इसके प्रत्येक अध्याय को विभिन्न खण्डों के आधार पर बांटा गया है। जैसा कि बाइबल के 2 खंड हैं; प्रथम है पूर्वविधान तथा द्वितीय हैं नवविधान इन दोनों खण्डों में कई बदलावों को देखा जा सकता है।

पूर्वविधान के अध्यायों को यदि देखा जाए तो यह निम्नलिखित हैं-
*पेंटटूक (Pentateuch) के 187 अध्याय
*ऐतिहासिक किताबों के 249 अध्याय
*बुद्धिमत्ता की किताबों के 243 अध्याय
*बड़े पैगम्बरों के 183 अध्याय
*छोटे पैगम्बरों के 67 अध्याय

इस प्रकार से सभी पूर्वविधान के अध्यायों को विभाजित किया गया है।
नवविधान के अध्यायों को भी निम्नलिखित आधार पर विभाजित किया गया है-
*गॉस्पेल (Gospels) के 89 अध्याय
*कर्म (Acts) के 28 अध्याय
*पौलिन एपिसल्स (Pauline Epistles) के 87 अध्याय
*सामान्य एपिसल्स (General Epistles) के 34 अध्याय
*रहस्योद्घाटन (Revelation) के 22 अध्याय

अब नए और पुराने दोनों अध्यायों को देखा जाए तो ये दोनों कुल मिलकर 1,189 अध्याय बनते हैं| बाइबल छंदों का भी समूह अपने में समाहित किये हुए है| यदि देखा जाये तो पूर्वविधान में कुल 23,145 छंद हैं और नवविधान में कुल 7,957 छंद| दोनों विधानों को मिलाकर कुल 31,102 छंद हैं|

बाइबल के सार को या इसके आंशिक रूप को दो भागों में समझा जा सकता है जैसा कि इसके दो खंड हैं। पुराना नियम या पूर्वविधान मूल रूप से परमेश्‍वर और इस्राएली जाति के मध्य पाए जाने वाले सम्बन्ध का निपटारा करता है। पंचग्रन्थ इस्राएल की सृष्टि और इस्राएल के साथ परमेश्‍वर के द्वारा बाँधी जाने वाली वाचा की स्थापना का वृतान्त देती है। ऐतिहासिक पुस्तकें इस्राएल के इतिहास, इसके विजयी अभियानों और इसकी पराजय के साथ इसकी सफलताओं और असफलताओं के इतिहास को लिपिबद्ध करती हैं।

नया नियम या नवविधान शक्तिशाली और प्रतिफल प्रदान करने वाला अध्ययन है। नया नियम यीशु के द्वारा क्रॉस के ऊपर दी जाने वाली मृत्यु के बारे में बताता है — और यह कि सामान्य मानव की उस मृत्यु के प्रति क्या प्रतिक्रिया होनी चाहिए। नया नियम अपने ध्यान को ठोस मसीही शिक्षा को व्यवहारिक परिणामों के साथ दिए जाने के ऊपर केन्द्रित करता है। बाइबल और कुरान पर यदि नजर डाली जाए तो यह पता चलता है कि इन दोनों में काफी समानता है। दोनों ग्रंथों की कहानियां और नियम काफी हद तक एक दूसरे से सम्बंधित हैं। अधर्मियों से लेकर कलमा आदि की प्रेरणा तक में यह सम्बन्ध दिखाई देता है। यदि भौगोलिक स्थिति पर नजर डालें तो यह कदाचित संभव है कि दोनों ग्रन्थ एक दूसरे से अधिक दूर नहीं हैं। यह एक कारण है कि इन ग्रंथों में समानता दिखाई देती है।

इस प्रकार हम देख सकते हैं कि बाइबल में समय के साथ साथ बदलाव आये और इनके मूल स्वरूपों में भी कई अंतर देखने को मिले।

1. https://en.wikipedia.org/wiki/List_of_English_Bible_translations
2. https://en.wikipedia.org/wiki/Chapters_and_verses_of_the_Bible http://www.historyworld.net/wrldhis/PlainTextHistories.asp?historyid=ac66



RECENT POST

  • आइए देखें, दक्षिण कोरियाई सर्वाइवल ड्रामा फ़िल्म, ‘टनल’ को
    द्रिश्य 3 कला व सौन्दर्य

     24-11-2024 09:15 AM


  • कानपुर छावनी की स्थापना से समझें, भारत में छावनियां बनाने की आवश्यकता को
    उपनिवेश व विश्वयुद्ध 1780 ईस्वी से 1947 ईस्वी तक

     23-11-2024 09:24 AM


  • जानिए, भारतीय शादियों में डिज़ाइनर लहंगों के महत्त्व और इनकी बढ़ती मांग के बारे में
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     22-11-2024 09:20 AM


  • मेहरगढ़: दक्षिण एशियाई सभ्यता और कृषि नवाचार का उद्गम स्थल
    सभ्यताः 10000 ईसापूर्व से 2000 ईसापूर्व

     21-11-2024 09:26 AM


  • बरोट घाटी: प्रकृति का एक ऐसा उपहार, जो आज भी अनछुआ है
    पर्वत, चोटी व पठार

     20-11-2024 09:27 AM


  • आइए जानें, रोडिन द्वारा बनाई गई संगमरमर की मूर्ति में छिपी ऑर्फ़ियस की दुखभरी प्रेम कहानी
    म्रिदभाण्ड से काँच व आभूषण

     19-11-2024 09:20 AM


  • ऐतिहासिक तौर पर, व्यापार का केंद्र रहा है, बलिया ज़िला
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     18-11-2024 09:28 AM


  • इस अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस पर चलें, ऑक्सफ़र्ड और स्टैनफ़र्ड विश्वविद्यालयों के दौरे पर
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     17-11-2024 09:27 AM


  • आइए जानें, विभिन्न पालतू और जंगली जानवर, कैसे शोक मनाते हैं
    व्यवहारिक

     16-11-2024 09:15 AM


  • जन्मसाखियाँ: गुरुनानक की जीवनी, शिक्षाओं और मूल्यवान संदेशों का निचोड़
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     15-11-2024 09:22 AM






  • © - , graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id