ईस्ट इंडिया कंपनी (East India Company) द्वारा बनवाए गए नक्शे में रामपुर को रोहिलखंड राज्य की राजधानी के तौर पर चिह्नित किया गया। शहर की सारी सरहदों को पीले रंग में चिह्नित किया गया था, यह नक्शा काफ़ी दुर्लभ है और यह सबसे पहले 1783 में छापा गया था। इस नक्शे के नक्शासाज़ भूगोलग्य जेम्स रेनेल थे और इन्होने ही सबसे पहले यह नक्शा बनाया था। जेम्स रेनेल भारत के पहले महासर्वेक्षक बने और इन्होने रामपुर का नक्शा भारत के पहले अंग्रेजी एटलस (Atlas) में भी रखा। इस एटलस (atlas) का नाम दी ग्रेट बंगाल एटलस (The Great Bengal Atlas) था। अपने इस व्यवसाय में सबसे पहले उन्होंने 1764 में गंगा नदी का सर्वेक्षण किया, कुछ सालों के बाद 1766 में उन्होंने हिमालय का सर्वेक्षण किया, इस सर्वेक्षण का उद्देश्य नौगम्य जलमार्ग खोजना था। बाद में उन्होंने वारेन हेस्टिंग्स के अंतर्गत काम किया। हेस्टिंग्स की पहली परियोजना ज़मीन, जायदाद और तादाद की गणना करना था। वारेन हेस्टिंग्स की सरकार ने जेम्स रेनेल को 600 यूरो (Euro) का पेंशन दिया। भारत के सर्वेक्षण के दौरान जेम्स रेनेल ने बहुत से नक़्शे बनाए :
*1788 में हिंदुस्तान का पहला नक्शा बना और इसमें जेम्स रेनेल का बहुत बड़ा योगदान था।
*1776 में जेम्स रेनेल ने बिहार और बंगाल का नक्शा बनाया।
*1777 में इन्होने उत्तरी भारत का नक्शा तैयार किया।
*1786 में अपने सर्वेक्षण के बाद इन्होने गंगा नदी का नक्शा बनाया।
*1793 में इन्होने भारतीय प्रायद्वीप और लंका का नक्शा बनाया।
और इस तरह इन्होने भारत के नक्शे को बनाने में काफ़ी योगदान दिया। प्रस्तुत चित्र में उनके द्वारा बनाये गए रोहिलखंड के नक़्शे को दिखाया गया है जिसमें रामपुर को उभारकर दर्शाया गया है।
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