भारत में क्रिसमस के त्योहार को बहुत खुशी और उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस अवसर पर चर्चों में विशेष प्रार्थनाएँ आयोजित की जाती हैं। इस अवसर पर, लोग विशेष चर्च सेवाओं में, विभिन्न भाषाओं में, क्रिसमस कैरोल या भजन भी गाते हैं। आज के इस लेख में, हम विभिन्न भारतीय भाषाओं में क्रिसमस कैरोल के चलचित्र देखेंगे। इसकी शुरुआत, हम मलयाली गीत येहुदीयाइल ओरु ग्रामथिल के साथ करेंगे। इसे प्रसिद्ध गायक, के जे येसुदास (K. J. Yesudas) ने गाया है। इसके बोल, ए.जे. जोज़ेफ़ (A. J. Joseph) ने लिखे हैं। यह गीत, यीशु मसीह के जन्म की कहानी बताता है। इसके बाद, हम तमिल गीत कोट्टम पनियिल का आनंद लेंगे। कोट्टम पनियिल एक तमिल गीत है, जिसमें उद्धारकर्ता यीशु मसीह के प्रति आभार व्यक्त किया गया है। यह गाना खासतौर पर क्रिसमस की खुशी को दर्शाता है।फिर हम, पंजाबी क्रिसमस गीत, येशु राजा जग विच आया को सुनेंगे। इसमें ढोल, तुम्बी, हारमोनियम जैसे पारंपरिक वाद्ययंत्रों का उपयोग किया गया है। इस गीत की प्रस्तुति क्रिसमस के त्योहार को और भी खास बना देती है। इसके बाद, हम गुजराजी गीत आवो विश्वासियों का आनंद लेंगे | इसमें भगवान और यीशु की महिमा का गुणगान किया गया है। यह एक सरल और सजीव गीत है। फिर हम बंगाली गीत, प्राणेर बोरोडिन के प्रदर्शन को देखेंगे। इसे गायक तृषा ने गाया है और इसका संगीत, लॉरेंस गोम्स ने दिया है। यह गीत, क्रिसमस की खुशी को बढ़ा देता है। अब आइए, बात करते हैं क्रिसमस से जुड़े कुछ रोचक तथ्यों की। "कैरोल" शब्द का अर्थ गीत के साथ नृत्य करना होता है! पुराने समय में, लोग नृत्य करते हुए कैरोल गाते थे। शुरुआत में कैरोल्स सिर्फ़ क्रिसमस के लिए नहीं थे। लोग इन्हें हर त्योहार और फसल कटाई के समय भी गाते थे। पहला क्रिसमस गीत, चौथी शताब्दी में रोम में गाया गया। ये गीत, लैटिन में था, जो आम लोगों के लिए मुश्किल था। 13वीं शताब्दी में, सेंट फ़्रांसिस ने सरल और कहानी कहने वाले गीतों की शुरुआत की। 19वीं शताब्दी में, क्रिसमस गीतों की किताबें छपने लगीं। इससे क्रिसमस कैरोल और लोकप्रिय हो गए।
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