2021 जनवरी से लेकर 2024 अप्रैल तक के आंकड़ों के अनुसार, रामपुर में, 1351 सड़क हादसों के कारण, 977 लोगों ने अपनी जानें गवाईं । इनमें से अधिकांश लोग, 18-30 वर्ष की आयु वर्ग के थे । जुलाई 2022 में, दिल्ली-लखनऊ हाईवे पर, रामपुर में दो बसों की टक्कर में, 3 लोगों की मौत हो गई और 49 लोग घायल हो गए। इन भनायक सड़क दुर्घटनाओं से अवगत होने के बाद, सभी के मन में ये प्रश्न आता है कि कैसे हम इनको रोक या कम कर सकते हैं। इस प्रकार, आज के इस लेख में, हम एक ऐसी तकनीकी प्रणाली के बारे में बात करेंगे, जिसका उद्देश्य, ऐसे हादसों को रोकना है।
“ कोलिझन अवॉयडेंस सिस्टम (CAS)” एक उन्नत ड्राइवर-सहायता प्रणाली है जिससे टकराव की गंभीरता को रोकने या कम करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसके मूल रूप में, एक फ़ॉरवर्ड कोलिझन वार्निंग सिस्टम वाहन की गति, सामने वाले वाहन की गति और दोनों वाहनों के बीच की दूरी की निगरानी करता है, ताकि यदि दोनों वाहन बहुत पास आ जाएं, तो ड्राइवर को चेतावनी दी जा सके, जिससे एक संभावित दुर्घटना से बचाव किया जा सके।
आज, हम इस सिस्टम के बारे में विस्तार से जानेंगे। साथ ही, हम कोलिझन अवॉयडेंस अलर्ट और असिस्ट सिस्टम के विभिन्न प्रकारों पर भी चर्चा करेंगे और उनके लाभों पर प्रकाश डालेंगे। इसके बाद, हम यह समझेंगे कि यह सिस्टम कैसे काम करता है।
कोलिझन अवॉयडेंस सिस्टम क्या है?
कोलिझन अवॉयडेंस सिस्टम एक सुरक्षा प्रणाली है, जिसे ड्राइवरों को संभावित टक्कर से बचने के लिए चेतावनी देने, अलर्ट करने या सहायता प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, ताकि हादसों के जोखिम को कम किया जा सके। इस प्रणाली में कई प्रकार के सेंसर और उपकरणों का उपयोग किया जाता है, जैसे कि इलेक्ट्रॉनिक्स, लेज़र्स, कैमरा, जी पी एस (GPS) आदि । सभी कोलिझन अवॉयडेंस सिस्टम एक जैसे नहीं होते—कुछ ड्राइवर को चेतावनी देते हैं या अलर्ट करते हैं, जबकि अन्य ड्राइवर की कार्रवाई को ओवरराइड करके उन्हें टक्कर से बचने और जोखिम को कम करने में मदद करते हैं।
कोलिझन अवॉयडेंस असिस्ट सिस्टम्स के प्रकार
1.) एडैप्टिव क्रूज़ कंट्रोल (Adaptive Cruise Control) : ये सिस्टम, रडार या लेज़र्स का उपयोग करके क्रूज़ कंट्रोल की गति को समायोजित करते हैं, ताकि सामने वाले वाहन से सुरक्षित दूरी बनी रहे।
2.) ऑटोमेटिक इमरजेंसी ब्रेकिंग ( Automatic Emergency Braking): यह सिस्टम सेंसर से प्राप्त फ़ीडबैक के आधार पर ब्रेक्स को स्वचालित रूप से लागू करता है, ताकि टक्कर को रोका जा सके या टक्कर की गति को कम किया जा सके।
3.) इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी कंट्रोल ( Electronic Stability Control): ई एस सी, स्वचालित रूप से ब्रेक्स लागू करता है, ताकि वाहन की स्टियरिंग को नियंत्रित किया जा सके, जब वाहन का ट्रैक्शन कम हो जाए। एक ऑनबोर्ड कंप्यूटर, कई सेंसर को मॉनिटर करता है, ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि किन पहियों को ब्रेक या एक्सेलेरेट करना है।
4.) पार्किंग असिस्ट (Parking Assist) : रेयर -व्यू कैमरे (rear-view camera) और सेंसर से प्राप्त फ़ीडबैक के साथ-साथ टर्निंग रेडियस लाइन्स ट्रकों को पार्किंग स्पॉट में स्वयं पार्क करने में मदद करती हैं, जबकि ड्राइवर गति को नियंत्रित करता है।
5.) रेयर ऑटोमेटिक इमरजेंसी ब्रेकिंग (Rear automatic Emergency Braking) : यह सिस्टम, एक क्रॉस- ट्रैफ़िक मॉनिटरिंग सिस्टम या सेंसर जैसे रडार या लेज़र्स का उपयोग करके ट्रक को पीछे की ओर किसी व्यक्ति या वस्तु से टकराने से रोकने के लिए ब्रेक्स को स्वचालित रूप से लागू करता है।
कोलिजन अवॉइडेंस अलर्ट सिस्टम्स के प्रकार
1.) फ़ॉरवर्ड कोलिझन वार्निंग सिस्टम ( Forward Collision Warning System): यह सिस्टम वाहन की गति, सामने वाले वाहन की गति और दोनों वाहनों के बीच की दूरी को मॉनिटर करता है। यदि पीछे चल रहे वाहन की गति के कारण एक वाहन दूसरे के बहुत पास आ जाता है, तो ( एफ़ सी डब्ल्यू) सिस्टम ड्राइवर को एक संभावित टक्कर के बारे में चेतावनी देता है।
2.) लेन डिपार्चर वार्निंग सिस्टम (Lane Departure Warning System) : यह सिस्टम ड्राइवर को सूचित करता है यदि उनका वाहन अपनी लेन से बाहर जाने लगे, और यह वास्तविक समय में ब्लाइंड स्पॉट की पहचान में विशेष रूप से मददगार हो सकता है।
3.) पेडेस्ट्रियन डिटेक्शन सिस्टम (Pedestrian Detection System) : साइकिल चालकों और पैदल चलने वालों को वाहन के लिए सबसे संवेदनशील लक्ष्य माना जाता है, जो सड़क दुर्घटनाओं का एक बड़ा कारण होते हैं। यह सिस्टम सड़क पर मानव आंदोलन का पता लगाने के लिए सेंसर का उपयोग करता है, जैसे साइकिल चालक या सड़क पार करने वाले लोग, ताकि ड्राइवर किसी चलते हुए ऑब्जेक्ट को जल्दी पहचान सके।
4.) ब्लाइंड स्पॉट वार्निंग (Blind Spot Warning) : जब एक वाहन पास की लेन से पीछे आता है – जो आमतौर पर, ब्लाइंड स्पॉट होता है – तो यह सिस्टम, ड्राइवर को संकेत देता है। इस स्थिति में, यदि ड्राइवर, टर्न सिग्नल का उपयोग करता है, तो सिस्टम, ड्राइवर को एक चाइम (chime) के साथ सूचित करता है और लगातार संकेतक लाइट को चमकाकर ड्राइवर को टकराव से बचने में मदद करता है।
कोलिझन अवॉयडेंस सिस्टम कैसे काम करता है?
सेंसर डेटा संग्रहण (Sensor Data Collection)
आधुनिक वाहन, विभिन्न प्रकार के सेंसर, रडार और कैमरों से लैस होते हैं, जो लगातार वाहन के आसपास के माहौल के बारे में वास्तविक समय का डेटा इकट्ठा करते हैं। ये सिस्टम, विभिन्न डेटा पॉइंट्स को ट्रैक करते हैं, जैसे वाहन की गति, वाहनों के बीच की दूरी, लेन की स्थिति और सड़क पर संभावित अड़चनें। उदाहरण के तौर पर, स्टार्केन ब्रेक का कोलिझन मिटिगेशन सिस्टम (Collision Mitigation System) और सेंसर का उपयोग करके इन डेटा पॉइंट्स को ट्रैक किया जाता है, जिससे दुर्घटनाओं से बचने के लिए मूल्यवान इनपुट प्राप्त होता है
ऑब्जेक्ट डिटेक्शन और रिस्क एनालिसिस (Object Detection and Risk Analysis)
जब डेटा एकत्र किया जाता है, तो सिस्टम का सुझाव उसे विश्लेषित करता है ताकि पहचान का पता लगाया जा सके। गति, दूरी और प्रक्षेप पथ का मापन करके, सिस्टम निर्धारित करता है कि टकराव होने की कितनी संभावना है।
ड्राइवर को चेतावनी देना
यदि सिस्टम, एक उच्च- जोखिम वाली स्थिति का पता लगाता है, तो यह तुरंत ड्राइवर को दृश्य, श्रवण, या स्पर्शीय (जैसे, स्टीयरिंग वील में कंपन) अलर्ट भेजता है। ये चेतावनियाँ ड्राइवर को असावधान ड्राइविंग से बचाने और दुर्घटना से बचने के लिए अतिरिक्त प्रतिक्रिया समय प्रदान करने में महत्वपूर्ण होती हैं।
स्वायत्त क्रियाएं (आपातकालीन ब्रेकिंग और स्टीयरिंग)
यदि ड्राइवर, चेतावनियों का जवाब देने में विफल रहता है, तो सिस्टम स्वायत्त रूप से आपातकालीन ब्रेकिंग को सक्रिय कर सकता है जब टक्कर करीब होती है, आमतौर पर तब जब प्रभाव का समय एक सेकंड से कम होता है। अधिक उन्नत प्रणालियों में, स्वायत्त स्टीयरिंग (Autonomous Steering) भी सक्रिय किया जा सकता है, ताकि रुकावटों से बचने या वाहन को सुरक्षित रूप से अपनी लेन में बनाए रखने में मदद मिल सके।
संदर्भ -
https://tinyurl.com/yrb96wb9
https://tinyurl.com/jc8s2rba
https://tinyurl.com/ymf8m9f2
https://tinyurl.com/544cfaa2
चित्र संदर्भ
1. स्वचालित ड्राइविंग (Automated Driving) को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
2. कोलिझन अवॉयडेंस सिस्टम (Collision Avoidance System) को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
3. गाड़ियों की टक्कर को संदर्भित करता एक चित्रण (Pexels)
4. एक कार की पहचान करते कंप्यूटर और कैमरा को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)