जब आंवला था रोहिलखंड की राजधानी

रामपुर

 27-03-2018 11:07 AM
मध्यकाल 1450 ईस्वी से 1780 ईस्वी तक

रामपुर एक समय में रोहिलखंड की राजधानी हुआ करता था। परन्तु रामपुर के रोहिलखंड की राजधानी होने के पहले भी रोहिलखंड वजूद में था। रामपुर से करीब 72 किलोमीटर दूर बरेली जिले में स्थित आवंला रोहिलखंड की राजधानी हुआ करती थी। इस स्थान का नाम अधिक संख्या में पाए जाने वाले आवंले के पेड़ों के कारण ही आवंला पड़ा। रोहिलखंड के निर्माण के पहले भी यहाँ का एक ऐतिहासिक महत्व था। यह अहिक्षेत्र जो कि पंचाल की राजधानी थी के अत्यंत समीप बसा हुआ है जिससे यहाँ का ऐतिहासिक महत्त्व और भी प्राचीन हो जाता है।

आवंला में दिल्ली सल्तनत की टकसाल भी थी जो कि यहाँ की महत्ता को प्रदर्शित करती है। 500 वर्षो तक रुहेलों के आने से पूर्व आँवला कठेरिया राजपूतों का गढ़ हुआ करता था। दिल्ली के सुल्तान नासिरुद्दीन महमूद ने सन् 1254, बलवन और जलालुद्दीन खिलजी ने सन् 1291 और फिरोजशाह तुगलक ने सन् 1379 से 1385 के मध्य यहाँ पर बड़ी सेनाओं के साथ आक्रमण किया था। दुर्जनसिंह यहाँ के अन्तिम राजा थे। सन् 1730 में रुहेलों ने आँवला पर अधिकार किया। रुहेलों के अली मोहम्मद खाँ, बख्शी सरदार खाँ और अहमद खाँ यहाँ के नवाब हुए।

रुहेलों के शासन काल (1730-1774) में यहाँ 1700 मस्जिदें व 1700 कुएँ हुआ करते थे। उस समय दुनिया के सबसे खूबसूरत शहर बुखारा से इसकी तुलना की जाती थी। सन् 1774 में अंग्रेजों व अवध के नवाब ने मिलकर आँवला पर आक्रमण किया और पूरी तरह से इसे नष्ट कर दिया। सन् 1801 के बाद खण्डहरों पर वर्तमान शहर फिर से बसाया गया। सन् 1730 से 1774 तक आँवला रुहेलखण्ड रियासत की राजधानी रहा। यहाँ पर आज भी रोहिल्ला नवाबों की कब्रों को देखा जा सकता है।

1. https://www.royalark.net/India/rampur2.htm
2. http://shodhganga.inflibnet.ac.in/bitstream/10603/60796/12/12_chapter%206.pdf



RECENT POST

  • मेहरगढ़: दक्षिण एशियाई सभ्यता और कृषि नवाचार का उद्गम स्थल
    सभ्यताः 10000 ईसापूर्व से 2000 ईसापूर्व

     21-11-2024 09:26 AM


  • बरोट घाटी: प्रकृति का एक ऐसा उपहार, जो आज भी अनछुआ है
    पर्वत, चोटी व पठार

     20-11-2024 09:27 AM


  • आइए जानें, रोडिन द्वारा बनाई गई संगमरमर की मूर्ति में छिपी ऑर्फ़ियस की दुखभरी प्रेम कहानी
    म्रिदभाण्ड से काँच व आभूषण

     19-11-2024 09:20 AM


  • ऐतिहासिक तौर पर, व्यापार का केंद्र रहा है, बलिया ज़िला
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     18-11-2024 09:28 AM


  • इस अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस पर चलें, ऑक्सफ़र्ड और स्टैनफ़र्ड विश्वविद्यालयों के दौरे पर
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     17-11-2024 09:27 AM


  • आइए जानें, विभिन्न पालतू और जंगली जानवर, कैसे शोक मनाते हैं
    व्यवहारिक

     16-11-2024 09:15 AM


  • जन्मसाखियाँ: गुरुनानक की जीवनी, शिक्षाओं और मूल्यवान संदेशों का निचोड़
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     15-11-2024 09:22 AM


  • जानें क्यों, सार्वजनिक और निजी स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों में संतुलन है महत्वपूर्ण
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     14-11-2024 09:17 AM


  • आइए जानें, जूट के कचरे के उपयोग और फ़ायदों के बारे में
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     13-11-2024 09:20 AM


  • कोर अभिवृद्धि सिद्धांत के अनुसार, मंगल ग्रह का निर्माण रहा है, काफ़ी विशिष्ट
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     12-11-2024 09:27 AM






  • © - , graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id