पर्यावरण का संतुलन बनाए रखने के लिए वनस्पति एवं वृक्षों का होना अत्यंत आवश्यक है| वनस्पति और जीव दोनों एक दुसरे के आश्रित होते हैं| जैसे की हम जानते हैं की रामपुर हिमालय के तराई क्षेत्र में आता है, इसलिए यहाँ वनस्पतियों में बहुत सारी विविधता देखने मिलती है| जनगणना के अनुसार रामपुर में कुल मिला कर 6611 हेक्टेयर जंगल है| रामपुर में पुरे मुख्य श्रमिकों में से 60 प्रतिशत कृषि श्रमिक हैं जिससे हमे ये ज्ञात होता है की रामपुर में खेती-बाड़ी मुख्य रूप से की जाती है| हरे-भरे खेत-खलिहान इस बात की पुष्टि करते हैं| आज के दौर में जहाँ लोग घर से दूर, दूसरे रोजगार की तलाश में निकल जाते हैं, वहीं दूसरी तरफ अगर किसान भी अपने खेत छोड़कर शहर की तरफ निकल गया तो पूरी अर्थव्यवस्था ठप हो जाएगी|