समयसीमा 234
मानव व उनकी इन्द्रियाँ 961
मानव व उसके आविष्कार 745
भूगोल 227
जीव - जन्तु 284
Post Viewership from Post Date to 09- Nov-2020 | ||||
---|---|---|---|---|
City Subscribers (FB+App) | Website (Direct+Google) | Total | ||
2780 | 424 | 0 | 0 | 3204 |
कई वर्षों से मनुष्यों ने कलात्मक चीजों में अपनी रुचि दिखाई है, चाहे वो चित्रकारी, नाटक या संगीत हो। हमारी पसंद न केवल व्यक्तिपरक हैं, बल्कि सांस्कृतिक मापदंडों, शिक्षा और जोखिमों से भी प्रभावित है, जिसके नतीजतन, आम सहमति होने पर अधिकांश लोग कलाकृतियों को अलग-अलग तरीके से आंकते हैं। वास्तव में संस्कृति के बिना कला का कोई अस्तित्व नहीं होता है और कला को संस्कृति से अलग नहीं किया जा सकता है। कला संस्कृति को दर्शाती है, संस्कृति को आकार देती है और संस्कृति की समीक्षा करती है। संपूर्ण इतिहास में, अधिकांश कलाकृतियों को सौंदर्य के उद्देश्य से ही बनाया गया था, सभी इन कलाकृतियों को निहारते और प्रशंसा करते हैं। यह लुभावनी है और हमें भावनात्मक भी बना सकती है। प्रकृति और कला दोनों ही सुंदर हैं, चाहे आप सुंदरता को कैसे भी परिभाषित करें।
कुछ वैज्ञानिकों ने सुझाव दिया है कि कला हमें समूहों के रूप में बंधने में मदद करती है और हमारा मस्तिष्क सरल पैटर्न (Pattern) की आलोचना करने और आनंद लेने के लिए क्रमादेशित है। पैटर्न स्वीकरन ही हमें ऑनलाइन वीडियो गेम, या जुआ खेलने में मदद करता है, क्योंकि मानव मस्तिष्क जटिल दुनिया को सरल बनाने के लिए हमेशा एक परिचित पैटर्न की तलाश करता है। ऐसे ही कला एक कलाकार की वो कल्पना होती है, जिसे शायद ही कभी किसी ने देखा होगा, उदाहरण के लिए हेनरी रूसो का "टाइगर इन ए ट्रॉपिकल स्टॉर्म (Tiger in a Tropical Storm)" चित्रकारी में दिखाया गया शेर शायद ही वास्तव के शेर के समान है; लेकिन उनके दर्शकों ने संभवतः पहले कभी बाघ नहीं देखा होगा, और रूसो खुद सीमित तस्वीरों और चित्रों से काम कर रहे होंगे।
कला ऐतिहासिक घटनाओं के स्थायी विवरण के रूप में भी कार्य कर सकती है व महत्वपूर्ण क्षणों का प्रतीक बन जाती है। पिकासो की "गुएर्निका (Guernica)" उस समय के एक नई डरावनी चीज के खिलाफ एक शक्तिशाली विरोध था; स्पेनिश गृहयुद्ध में युद्धक विमानों द्वारा नागरिकों की बमबारी और गोया के "दी डिससटर ऑफ वॉर (The Disasters of War)" को प्रायद्वीप युद्ध की हिंसा के खिलाफ एक दृश्य विरोध के रूप में वर्णित किया गया है। चित्रकला, चित्रकारी और अन्य दृश्य चित्रण के विभिन्न रूपों ने निश्चित रूप से शुरुआती मनुष्यों के बीच संचार और शिक्षा की सुविधा प्रदान की है। इसके अलावा, ऐसा भी माना गया है कि प्रारंभिक मनुष्यों ने समस्या-समाधान और गणना के विभिन्न प्रयासों के लिए कलात्मक चित्रण के नए नवाचार का भी उपयोग किया। ऐसे ही अनुभूति के विकास के साथ हम चेतना और आत्मनिरीक्षण में विकसित होने लगे। दृश्य कलाएं इतिहास से ही मानव को जटिल विचारों को व्यक्त करने में मदद करती है। वहीं गुफा चित्रकारी सबसे प्रारंभिक कलाकृतियाँ हैं जिससे मानवविज्ञानी और कला इतिहासकार भी सहमत हैं।
मानव कलाकारी में काफी निपुण हो चुका है और अब तो कई जगहों में जानवरों द्वारा कलाकारी करने की खबरें भी सामने आ रही हैं, सिरी नाम की एक भारतीय हाथी कलाकार है, जिसका चित्र वर्तमान में सैकड़ों या हजारों डॉलर में बिका है। उसका कार्य अमूर्त से लेकर उच्च प्रतिनिधित्व वाली कला की श्रेणी में आता है, जिसमें परिदृश्य और आत्म चित्र शामिल हैं। बेशक, उसने इस कौशल को विकसित करने के लिए कई सालों तक प्रशिक्षण लिया, लेकिन वह अब केवल एक मिनट में एक पेंटिंग को पूरा कर सकती है। सिरी अकेली नहीं है बल्कि करोड़ों हाथियों को चित्रकारी करना सिखाया गया है। अपने सूंड में ब्रश (Brush) पकड़कर ये हाथी जिस कला को बनाते हैं, वह वास्तव में प्रभावशाली है। हमारे करीबी प्रजातियां, आरंगुटान, चिंपांज़ी, और गोरिल्ला सभी को चित्र बनाना सिखाया गया है। हाथियों की तरह, उनमें से कुछ इस पर काफी अच्छे हैं। हाथियों के विपरीत, इस बात पर कई बार बहस होती है कि ये नरवानर गण वास्तव में कला बनाने का आनंद लेते हैं और इसे बिना किसी इनाम के, और बिना किसी स्वार्थ के बनाते हैं। वे कभी-कभी ऐसी कला बनाते हैं जिससे वे काफी जुड़े होते हैं और कभी किसी और को सक्रिय रूप से नहीं दिखाते हैं।
A. City Subscribers (FB + App) - This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post.
B. Website (Google + Direct) - This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership — This is the Sum of all Subscribers (FB+App), Website (Google+Direct), Email, and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) - The reach on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion (Day 31 or 32) of one month from the day of posting.