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लहसुन एक ऐसी फसल है जिसे कि पूरे दुनिया भर में प्रयोग में लाया जाता है। चाहे वह मांसाहार व्यंजन हो या शाकाहार, सभी जगह इसका प्रयोग बड़े पैमाने पर किया जाता है। लहसुन के दाल में छौंक मात्र से ही दाल अत्यंत ही स्वादिष्ट हो जाती है। यह एक ऐसी फसल है जिसे कि उत्तरप्रदेश के कई हिस्सों में उत्पादित किया जाता है। यह फसल रबी फसल की श्रेणी में आती है। लहसुन की फसल देखने में प्याज़ की फसल जैसी ही लगती है परन्तु इसका पत्ता गोल और पोला होने के बजाये काफी हद तक सरपत या दूब घास की तरह प्रतीत होता है। लहसुन ज़मीन के अन्दर उत्पादित होता है जिसमें इसकी कलियाँ विभिन्न प्राकृतिक झिल्लियों में लिपटी रहती हैं और बाह्य रूप में यह एक ठोस कंद की तरह दिखाई देती है। लहसुन का कंद देखने में सफ़ेद रंग का होता है। लहसुन का पत्ता भी मसाले बनाने के कार्य में लाया जाता है, जब यह हरा होता है तभी।
लहसुन का पौधा जब अपने सबसे ज़्यादा उफान पर तब होता है, तो एक डंठल और फूल भी खिलाता है जो यह संकेत देता है कि लहसुन तैयार होने की ओर अग्रसर है। लहसुन को यदि खाद्य की श्रेणी में देखा जाए तो इसे एक मुद्रा देने वाली फसल की श्रेणी में देख सकते हैं। मुद्रा देने वाली से तात्पर्य है कि यह कैश क्रॉप (Cash Crop) की संज्ञा में आती है। लहुसन को क्यारियों में लगाया जाता है तथा खेत की ठीक तरीके से गुड़ाई और निराई करने के उपरान्त इसमें लहसुन की बिना छिली कलियों को बोया जाता है और छोटे-छोटे मेड़ों का निर्माण किया जाता है। जैसा कि हम सब जानते हैं कि लहसुन एक अत्यंत ही महंगी फसल है, तो यह किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण साधन है जहाँ से बड़ी संख्या में मुनाफा कमाया जा सकता है। एक छोटे से ही स्थान में भी लहसुन का उत्पाद करके मोटा पैसा कमाया जाना एक संभव उपाय है। जैसा कि माना जाता है कि लहसुन उगाना एक अत्यंत ही आसान कार्य है, यह कम लागत और कम मजदूरी के भी उत्पादित किया जा सकता है। यदि वैश्विक स्तर पर देखा जाए तो केवल संयुक्त राज्य अमेरिका में ही लहसुन की सालाना खपत कुल 30 करोड़ पाउंड के लगभग होती है।
अब हमें कुछ महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर नज़र डालने की ज़रूरत है जैसे कि यह फसल जल्द नहीं बढ़ती या तैयार होती है, अतः यह समय लगाती है। अब जैसे कि लहसुन एक लम्बे समय में तैयार होने वाली फसल है तो यह समय के अनुसार भी खोदी जा सकती है और मांग के अनुसार भी। इससे यह भी आश्वासन मिलता है कि फसल की बिक्री पूर्ण रूप से हो जायेगी। लहसुन की ख़ास स्वादिष्ट किस्मों को ‘हार्डनेक्स’ (Hardnecks) के रूप में संदर्भित किया जाता है जो कि एक लोकप्रिय विकल्प है। भारत में भी इसकी कई लोकप्रिय किस्में मौजूद हैं जो कि अच्छा उत्पाद देने का कार्य कर सकती हैं। एलीफैंट (Elephant) लहसुन अपने कम तीखे स्वाद के लिए अत्यंत ही प्रचलित है, तो इसे बोना भी एक अच्छा विकल्प है। लहसुन के उत्पाद के बाद सहेज कर रखना भी आसान है, बस इसे बंद बोरी में न रखकर जालीदार बोरी में रखना चाहिए जिससे इसको हवा मिलती रहे और यह खराब न हो। सही समय और उचित कीमत पर इसे समय के साथ बेच कर अच्छा मुनाफा आसानी से कमाया जा सकता है। यह करीब 200 रूपए किलो तक की बिक जाती है जो कि एक अच्छी कीमत है।
संदर्भ:
1. https://extraincomeover55.com/turn-your-garlic-patch-into-money/
2. https://www.agrifarming.in/most-profitable-crops-high-profit-cash-crops-in-india
3. https://www.farmingindia.in/garlic-cultivation/
चित्र सन्दर्भ:-
1. https://www.needpix.com/
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