समयसीमा 234
मानव व उनकी इन्द्रियाँ 961
मानव व उसके आविष्कार 744
भूगोल 227
जीव - जन्तु 284
निधिवन मंदिर - मथुरा से 15 किलोमीटर दूर बने वृन्दावन के निधिवन मंदिर की। बाके बिहारी के इस मंदिर की मान्यता हैं कि यहाँ रात होते ही भगवान श्रीकृष्ण अवतरित होते हैं। इतना ही नहीं जो व्यक्ति रात को यहाँ रुक चोरी छुपे भगवान कृष्ण की लीला देख लेता हैं उसके नेत्र बंद हो जाते हैं। उसकी आँखों के आगे अँधेरा छा जाता हैं और वो कुछ बोलने और देखने के लायक नहीं रहता हैं। यही कारण हैं कि पुजारी शाम होते ही इस मंदिर के पठ बंद कर देते हैं।
यम द्वार - प्राचीन काल में तिब्बत को त्रिविष्टप कहते थे। यह अखंड भारत का ही हिस्सा हुआ करता था। तिब्बत को चीन ने अपने कब्जे में ले रखा है। तिब्बत में दारचेन से 30 मिनट की दूरी पर है यह यम का द्वार। ऐसा कहा जाता है कि यहां रात में रुकने वाला जीवित नहीं रह पाता। ऐसी कई घटनाएं हो भी चुकी हैं, लेकिन इसके पीछे के कारणों का खुलासा आज तक नहीं हो पाया है। साथ ही यह मंदिरनुमा द्वार किसने और कब बनाया, इसका कोई प्रमाण नहीं है। ढेरों शोध हुए, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकल सका।
अश्वत्थामा का शिव मंदिर - मध्यप्रदेश के बुरहानपुर शहर से 20 किमी दूर असीरगढ़ का किला है। कहा जाता है कि इस किले में स्थित शिव मंदिर में अश्वत्थामा आज भी पूजा करने आते हैं। स्थानीय निवासी अश्वत्थामा से जुड़ी कई कहानियां सुनाते हैं। वे बताते हैं कि अश्वत्थामा को जिसने भी देखा, उसकी मानसिक स्थिति हमेशा के लिए खराब हो गई। इसके अलावा कहा जाता है कि अश्वत्थामा पूजा से पहले किले में स्थित तालाब में नहाते भी हैं।
लोनार झील - लोनार झील (Lunar Crater Lake) महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले में स्थित एक खारे पानी की झील है। इसका निर्माण एक उल्का पिंड के पृथ्वी से टकराने के कारण हुआ था। स्मिथसोनियन संस्था, संयुक्त राज्य भूगर्भ सर्वेक्षण, सागर विश्वविद्यालय और भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला ने इस स्थल का व्यापक अध्ययन किया है। जैविक नाइट्रोजन यौगिकीकरण इस झील में 2007 में खोजा गया था। अमेरिका में ऐरिजोना नामक जगह पर आया गड्ढ़ा 1300 मिटर व्यास और 180 मिटर गहराई वाला है।ऐसा माना जाता है कि यह उल्का शिला दश लाख टन वजन की थी।
मोगलराजपुरम की गुफाएं - ऐसा माना जाता है कि मोगलराजपुरम की गुफाओं की खोज 5वीं शताब्दी में खुदाई के दौरान की गई थी। दक्षिण भारत में यह अपने तरह की एकमात्र गुफा है। वर्तमान में खंडहर में तब्दील हो चुकी गुफा में चट्टान को काट कर बनाई गई पांच गर्भगृह है। गुफा में भगवना नटराज और भगवान विनायक की प्रतिमा है। इससे इसका धार्मिक महत्व काफी बढ़ जाता है। इस कारण यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालू आते हैं।
अलेया भूत लाइट : पश्चिम बंगाल के दलदली इलाकों में कई बार रहस्यमयी रोशनी देखे जाने की जानकारी मिली थी। स्थानीय लोगों के मुताबिक, यह उन मछुआरों की आत्माएं हैं, जो मछली पकड़ते वक्त किसी वजह से मर गए थे। लोग इन्हें भूतों की रोशनी भी कहते हैं। ऐसा भी कहा जाता है कि जिन मछुआरों को यह रोशनी दिखती है, वे या तो रास्ता भटक जाते हैं या ज्यादा दिन जिंदा नहीं रह पाते। इन दलदली क्षेत्रों से कई मछुआरों की लाशें भी मिली हैं, लेकिन स्थानीय प्रशासन यह मानने को तैयार नहीं कि यह भूतों के चलते ऐसा हुआ। उनके मुताबिक, मछुआरों के साथ अक्सर ऐसी दुर्घटनाएं होती रहती हैं। हालांकि अभी तक इस रहस्य से भरी गुत्थी सुलझ नहीं पाई है।
इन्जाइमेटिक डांसिंग लाइट्स - शायद इसे देखने पर आपको भुतहा जगह होने का एहसास हो, हालांकि यहां के लोकल लोगों का भी कहना है कि रात के समय बनानी ग्रासलैंड पर अलग-अलग तरह की लाइट्स दिखती हैं। घबराइए मत, यह कोई ऐसी जगह नहीं, जहां भूत-प्रेत हों, बल्कि यह बेहद ही खबूसूरत जगह है। इसे देखकर आप हैरत में रह जाएंगे। गुजरात के रण कच्छ में कुछ ऐसा ही नज़ारा है। इस लाइट पर काफी रिसर्च भी हो चुकी है।
सन्दर्भ:-
1. https://namanbharat.net/mysterious-temple-of-nidhivan/
2. https://bit.ly/2I1Lvck
3. https://en.wikipedia.org/wiki/Lonar_Lake
4. https://bit.ly/2I07Jvk
5. https://www.youtube.com/watch?v=6_jFahcnaBk
6. https://www.ajabgjab.com/2015/02/10-natural-wonders-of-india.html
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