
समयसीमा 248
मानव व उनकी इन्द्रियाँ 990
मानव व उसके आविष्कार 772
भूगोल 235
जीव - जन्तु 290
भारत में आज रोबोटिक्स (Robotics) उद्योग, तेज़ विकास का अनुभव कर रहा है। 2025 में 485.21 मिलियन अमेरिकी डॉलर के अनुमानित बाज़ार मूल्य और 8.18% (Compound annual growth rate (CAGR) 2025-2029) की अनुमानित वार्षिक वृद्धि दर के साथ, यह देश के मुख्य उद्योगों के साथ होड़ में है। इंटरनेशनल फ़ेडरेशन ऑफ़ रोबोटिक्स (International Federation of Robotics (IFR)) द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट – वर्ल्ड रोबोटिक्स 2024 (World Robotics 2024) के निष्कर्षों के अनुसार, सेवा रोबोट्स, भारतीय बाज़ार पर हावी है, और अब भारत वार्षिक रोबोट प्रतिष्ठानों में विश्व स्तर पर सातवें स्थान पर है। जबकि देश के प्रमुख शहर, औद्योगिक रोबोट्स को अपना रहें हैं, हमारे रामपुर जैसे छोटे क्षेत्र, इस परिवर्तन से काफ़ी हद तक दूर हैं। हालांकि, रामपुर का औद्योगिक कार्यबल, भविष्य के स्वचालन और कौशल विकास की पहल से लाभान्वित हो सकता है। इसलिए आज, हम भारत के रोबोटिक्स उद्योग की वर्तमान स्थिति को समझने की कोशिश करते हैं। इसके अलावा, हम अपने देश में औद्योगिक रोबोटिक्स के विकास को चलाने वाले प्रमुख उद्योगों का पता लगाएंगे। उसके बाद, हम भारतीय रोबोटिक्स उद्योग के सामने आने वालीं कुछ प्रमुख चुनौतियों पर प्रकाश डालेंगे। आगे बढ़ते हुए, हम इस उद्योग को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक, कुछ कदमों और उपायों के बारे में बात करेंगे। अंत में, हम भारत की कुछ सबसे महत्वपूर्ण रोबोटिक्स कंपनियों की खोज करेंगे।
भारत के रोबोटिक्स उद्योग की वर्तमान स्थिति:
भारत में औद्योगिक रोबोट्स की बिक्री, 2023 में स्थापित 8,510 इकाइयों के नए रिकॉर्ड पर पहुंच गई थी। यह 2022 में 5,353 इकाइयों की तुलना में 59% की वृद्धि है। 2018 के बाद से औद्योगिक रोबोट्स का परिचालन स्टॉक, लगभग दोगुना हो गया है, जो 2023 में 44,958 इकाइयों तक पहुंच गया है। यह 2018 के बाद से 14% की औसत वार्षिक वृद्धि दर का प्रतिनिधित्व कर रहा है।
2023 में ऑटोमोटिव उद्योग में 3,551 रोबोट इकाइयों की स्थापना थी। कार निर्माताओं और कार खंड आपूर्तिकर्ताओं ने इस विकास में योगदान दिया। यह क्षेत्र, 42% की बाज़ार हिस्सेदारी के लिए ज़िम्मेदार है। 408 इकाइयों के साथ, भारत में सामान्य रोबोट उद्योग का नेतृत्व, रबर और प्लास्टिक उद्योग द्वारा किया जाता है। जबकि, धातु उद्योग में 2023 में 329 इकाइयों पर, रोबोट्स की स्थापना स्थिर रही।
भारत में औद्योगिक रोबोटिक्स के विकास के लिए ज़िम्मेदार प्रमुख उद्योग:
मोटर संबंधी उद्योग, स्वास्थ्य देखभाल, औषधिनिर्माण, प्लास्टिक, धातु, इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग, भारत में औद्योगिक रोबोटिक्स के प्रमुख अंतिम उपयोगकर्ता हैं। मोटर वाहन उद्योग, औद्योगिक रोबोट्स का प्रमुख उपयोगकर्ता रहा है। मोटर वाहन निर्माता, उत्पादकता में सुधार के लिए अपने उत्पादन संयंत्रों में, स्वचालन समाधान अपनाने के लिए उत्सुक हैं। विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय और स्वदेशी मोटर वाहन निर्माताओं की मज़बूत उपस्थिति ने, देश में औद्योगिक रोबोटिक्स की मांग को बढ़ावा दिया है। टाटा मोटर्स लिमिटेड, महिंद्रा और महिंद्रा लिमिटेड, और मारुति सुज़ुकी लिमिटेड जैसे विभिन्न मोटर वाहन निर्माताओं ने, रोबोट्स के स्वदेशी उत्पादन को मज़बूत किया है।
प्लास्टिक, धातु, इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स, भोजन और दवा सहित सामान्य विनिर्माण उद्योगों से भी, आज औद्योगिक रोबोटिक्स की मांग बढ़ रही है। स्वास्थ्य देखभाल उद्योग भी रोबोटिक्स के प्रमुख उपयोगकर्ताओं में से एक के रूप में उभरा है। विशेष रूप से अस्पताल के अनुप्रयोगों, शल्य-चिकित्सा, रोग निदान और पुनर्वास स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्रों में, काफ़ी रोबोट्स की उपस्थिति हैं।
भारतीय रोबोटिक्स पारिस्थितिकी तंत्र में प्रमुख चुनौतियां:
•तकनीकी सीमाएं:
वर्तमान में, मुख्य रोबोटिक प्रौद्योगिकियों में सफ़लताओं पर ध्यान केंद्रित करने वाले मूलभूत अनुसंधान, भारत में प्रारंभिक चरणों में है।
•निवेश:
आयातित हार्डवेयर घटकों और प्रशिक्षण कर्मियों की खरीद की लागत के कारण, आधुनिक रोबोटिक्स तकनीकों को अपनाने की लागत अधिक है।
•कुशल कार्यबल:
कुशल संसाधनों और तकनीकी विशेषज्ञता की कमी, भारत में रोबोटिक्स उद्योग की वृद्धि को बाधित करती है, क्योंकि रोबोटिक्स एक बहु-विषयक क्षेत्र है।
•मानकों की कमी:
आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस (AI) जैसी रोबोटिक्स या संबद्ध प्रौद्योगिकियों के लिए, समर्पित कानून की अनुपस्थिति “गोपनीयता और सुरक्षा जोखिमों” को जोड़ती है, जो रोबोटिक्स को व्यापक रूप से अपनाने में बाधा डालती है।
भारत में रोबोटिक्स उद्योग को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए, आवश्यक कदम और उपाय:
1.) रोबोटिक ऑटोमेशन (Robotic Automation) को मज़बूत करना:
भारत को आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस के साथ, संमिलन के माध्यम से, मिशन मोड ‘मूनशॉट परियोजनाओं (Moonshot projects)’ के माध्यम से महत्वाकांक्षी अनुसंधान करना चाहिए।
2.) कुशलता को बढ़ाना:
रोबोटिक्स में समर्पित इंजीनियरिंग डिग्री, भारत के सभी उच्च शिक्षा संस्थानों में स्नातक, स्नातकोत्तर और डॉक्टरेट कार्यक्रमों के लिए आवश्यक है।
3.) वैज्ञानिक दृष्टिकोण:
निजी हितधारकों के सहयोग से, सरकार को भारतीय रोबोटिक्स पारिस्थितिकी तंत्र की नींव बनाने के लिए, एक मज़बूत अनुसंधान और विकास का पोषण करना चाहिए।
4.) संस्थागत ढांचा:
इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (Ministry of Electronics and IT) के तहत आने वाली संस्थागत स्वतंत्र एजेंसियों को पूरे रोबोटिक्स उद्योग के साथ मिलकर रोबोटिक्स पर राष्ट्रीय रणनीति के कार्यान्वयन को सुव्यवस्थित करना चाहिए।
भारत की कुछ सबसे बड़ी रोबोटिक्स कंपनियां:
1.) डिफ़ैक्टो रोबोटिक्स और स्वचालन (DiFACTO Robotics and Automation):
बैंगलोर में अपने मुख्यालय के साथ, डिफ़ैक्टो रोबोटिक्स और ऑटोमेशन, टर्नकी इंडस्ट्रियल ऑटोमेशन समाधान (Turnkey industrial automation solutions) का निर्माण करते हैं। इसमें बॉडी-इन-वाइट वेल्डिंग, मशीन टेंडिंग, सीलिंग, फाउंड्री और प्लास्टिक कटिंग के साथ-साथ, ऑन-साइट सेवाएं शामिल हैं।
2.) ग्रे ऑरेंज (Grey Orange):
ग्रे ऑरेंज खुदरा विक्रेताओं, गोदाम ऑपरेटरों और तृतीय-पक्ष लॉजिस्टिक्स प्रदाताओं के लिए, रोबोटिक्स-आधारित स्वचालन प्रणाली बनाता है। अपने विक्रेता-एग्नोस्टिक ऑर्केस्ट्रेशन प्लेटफ़ॉर्म (Vendor-agnostic orchestration platform) के माध्यम से, या कंपनी आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस-चालित क्लाउड सॉफ़्टवेयर (Cloud software) का उपयोग करती है।
3.) Tata Automation Limited (TAL):
टाटा ऑटोमेशन लिमिटेड विनिर्माण समाधान, टाटा समूह का रोबोटिक भाग है। इसने 2016 में देश का पहला औद्योगिक-आर्टिकुलेटेड रोबोट (Industrial-articulated robot) – टाल ब्रेबो (TAL Brabo) लॉन्च किया। तब से इन्होंने रोबोट वेल्डिंग, लेज़र-कटिंग, हैंडलिंग और पिक-एंड-प्लेस सॉल्यूशंस तथा बॉडी-इन-वाइट इंटीग्रेटेड वेल्डिंग इकाइयों को तैनात किया है।
संदर्भ
मुख्य चित्र स्रोत : Flickr
A. City Subscribers (FB + App) - This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post.
B. Website (Google + Direct) - This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership — This is the Sum of all Subscribers (FB+App), Website (Google+Direct), Email, and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) - The reach on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion (Day 31 or 32) of one month from the day of posting.