जानिए, गोखर पर्वत के इतिहास और यहाँ प्राप्त होने वाली आध्यात्मिकता के अद्भुत संगम को

पर्वत, चोटी व पठार
15-02-2025 09:23 AM
जानिए, गोखर पर्वत के इतिहास और यहाँ प्राप्त होने वाली आध्यात्मिकता के अद्भुत संगम को

हमारे शहर रामपुर से नैनीताल की पहाड़ियाँ, बारिश के मौसम में, उत्तर दिशा में दिखाई देती हैं। अब बात करें पहाड़ों की, तो उत्तर प्रदेश के महोबा ज़िले में स्थित गोखर पहाड़ियाँ अपनी अनोखी चट्टान संरचनाओं के लिए
प्रसिद्ध हैं, जो गुफ़ाओं और झरनों के आसपास घुमावदार तरीके से फैली होती हैं।ये पहाड़ियाँ, पिकनिक और रॉक क्लाइम्बिंग (rock climbing) के लिए एक लोकप्रिय जगह हैं।हर साल, यहां स्थानीय और विदेशी पर्यटकों की भीड़ लगती है। 

तो आज हम, गोखर पहाड़ियों के बारे में और उनके प्रसिद्ध होने  के कारणों को विस्तार से समझने की कोशिश करेंगे।इसके बाद, हम महोबा ज़िले और गोखर पहाड़ियों के पास कुछ प्रमुख पर्यटन स्थलों के बारे में भी जानेंगे,जैसे कि कीरत सागर,
विजय सागर पक्षी विहार, मान्या देवी मंदिर आदि।फिर हम,  इन पहाड़ियों की सैर करने से पहले कुछ महत्वपूर्ण टिप्स और जानकारियों पर प्रकाश डालेंगे।अंत में, हम यह जानेंगे कि गोखर पहाड़ियों तक हवाई मार्ग, रेलवे और सड़क द्वारा कैसे पहुंचा जा सकता है।

गोखर पर्वत का परिचय

गोखर पर्वत, महोबा ज़िले में स्थित है, जो बांदा शहर से लगभग 1 किमी (1 km) और महोबा से 31 किमी (31 km) दूर है।यह स्थल, अपनी प्राकृतिक सुंदरता, ऐतिहासिक महत्व और आध्यात्मिक धरोहर के कारण दूर-दूर तक प्रसिद्ध है।यहां की चट्टानों, गुफ़ाओं और जलप्रपातों का दृश्य एक साथ मिलकर इस स्थान को एक आदर्श पर्यटन स्थल बनाता है।

गोखर पर्वत की संरचना, भूवैज्ञानिक दृष्टि से भी बेहद रोचक है।यह क्षेत्र, प्राचीन समय से ही साधना और ध्यान के लिए उपयुक्त माना जाता है।इस पर्वत की विशेषता यह है कि, यह न केवल धार्मिक कार्यों के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यहां के ऐतिहासिक स्थल और प्राकृतिक
दृश्य भी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र हैं।
 

कीरत सागर | Source : Wikimedia

गोखर पहाड़ियों और महोबा के पास कुछ प्रसिद्ध पर्यटक स्थल

1. कीरत सागर: कीरत सागर को कर्तिवर्मन द्वारा  1060  से 1100 ईस्वी के बीच बनवाया गया था | इसमें सुंदर किनारे हैं जिनमें ग्रेनाइट की सीढ़ियाँ बनी हैं। मदन सागर, जिसे मदन वर्मा ने 1128 ईस्वी से 1165 ईस्वी के बीच बनवाया, बहुत ही सुंदर है। इसके अलावा, कल्याण सागर, विजय सागर और रहीला सागर भी प्रसिद्ध झीलें हैं।

2. मान्या देवी मंदिर: मान्या देवी मंदिर, चंदेलों की इष्ट देवी का मंदिर है और यह मदन सागर के किनारे किले के पास स्थित है। इस मंदिर के सामने, एक विशाल ग्रेनाइट का खंभा है, जिसकी ऊँचाई 18 फ़ीट है और आधार की चौड़ाई 1.75 फ़ीट है। इसके पास एक  मज़ार भी है, जो पीर मुबारक शाह का है, जो 1252 ईस्वी में अरब से आए थे।

3. विजय सागर पक्षी विहार: विजय सागर पक्षी विहार, एक पक्षी अभयारण्य है, जो शहर से 5 किमी दूर स्थित है। यह पक्षी अभयारण्य विजय पाल चंदेला द्वारा बनाए गए विजय सागर के किनारे विकसित किया गया है (1035-1060 ईस्वी)।

4. चंडीका देवी मंदिर: चंडीका देवी, जिन्हें छोटी चंडी और बड़ी चंडी देवी के रूप में पूजा जाता है, शक्ति की देवी के रूप में
पूजी जाती हैं।  वे  राक्षसों का संहार करने वाली और भक्तों की रक्षा करने वाली देवी मानी जाती हैं। महोबा शहर में दो मंदिर हैं, एक छोटी चंडी का मंदिर और दूसरा बड़ी चंडी का मंदिर। इन दोनों मंदिरों में से छोटी चंडी का मंदिर, महोबा शहर के बागेश्वर से लगभग आधे किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और इसे
महोबा का सबसे पुराना मंदिर माना जाता है।

5. करमनाथ मंदिर: करमनाथ मंदिर, जो मदन सागर झील के एक द्वीप पर स्थित है, महोबा ज़िले के भगवान विष्णु के मंदिर के
पास स्थित है। यह मंदिर, नाथ पंथ के अनुयायियों द्वारा पूजित है।इस पंथ की स्थापना, बाबा गोरखनाथ ने की थी, जिन्होंने अपने शिष्यों के साथ गोखर पहाड़ी में एक आश्रय बनवाया था। इस मंदिर की वास्तुकला, खजुराहो के मंदिरों से मिलती-जुलती है और इसकी मूर्तिकला चंदेला शैली की याद दिलाती है।

कुलपहाड़ – शहर का दृश्य | Source : Wikimedia

गोखर पहाड़ियों की यात्रा से पहले जानने लायक ज़रूरी बातें

गोखर पहाड़ियाँ, पूरे साल घूमने के लिए एक शानदार जगह हैं, लेकिन मानसून और सर्दियों के दौरान, यहाँ की खूबसूरती अपने
चरम पर होती है। इस समय, झरने और हरियाली देखने लायक होती है।यहाँ आप फ़ोटोग्राफ़ी, प्रकृति के नज़ारे और रॉक क्लाइम्बिंग जैसी रोमांचक गतिविधियाँ कर सकते हैं।

यहाँ घूमने के लिए, आसपास  कई दिलचस्प जगहें भी हैं, जैसे विजय सागर पक्षी विहार, मान्या देवी मंदिर और चंडिका देवी मंदिर। इन स्थलों का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व आपकी यात्रा को और खास बना देगा। गोखर पहाड़ियों तक पहुँचना भी आसान है। खजुराहो हवाई अड्डा, महोबा रेलवे स्टेशन और आसपास के शहरों से  जुड़ी सड़कों द्वारा आप यहाँ तक पहुँच सकते हैं। ग्वालियर, चित्रकूट और प्रयागराज जैसे शहरों से यहाँ तक का सफ़र बेहद सुगम है।

यात्रा के दौरान, अपनी सुरक्षा का ध्यान रखें। झरनों और चट्टानों के पास सतर्क रहें और साथ में पानी, हल्का भोजन और प्राथमिक चिकित्सा सामग्री ज़रूर रखें। यहाँ के स्थानीय व्यंजनों और संस्कृति का आनंद लेना न भूलें। गोखर पहाड़ियाँ, अपनी प्राकृतिक सुंदरता और रोमांच के कारण हर उम्र के लोगों के लिए एक यादगार गंतव्य हैं। अपनी यात्रा को  खास बनाने के लिए, इन सुझावों का ध्यान रखें और यहाँ की हर खूबसूरत पल का आनंद लें।

गोखर पहाड़ियों तक कैसे पहुँचें?

हवाई मार्ग से: गोखर पहाड़ियों के सबसे नज़दीकी हवाई अड्डा,  खजुराहो हवाई अड्डा है, जो यहाँ से लगभग 55 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इसके अलावा, सतना हवाई अड्डा भी पास में है, जो यहाँ से लगभग 131 किलोमीटर दूर है।

रेल मार्ग से: महोबा-खजुराहो रेल लाइन, वर्ष 2008 में शुरू की गई थी।यहाँ से दिल्ली और मुंबई जैसे बड़े शहरों के लिए कई ट्रेनें  गुज़रती हैं, जिससे गोखर पहाड़ियों तक पहुँचना काफ़ी आसान हो
जाता है।

सड़क मार्ग से: महोबा शहर, राष्ट्रीय राजमार्ग 76 (National Highway 76) से जुड़ा हुआ है।यह राजमार्ग, महोबा ज़िले के अन्य गाँवों और कस्बों, जैसे सुपा और कुलपहाड़, को जोड़ता है।सड़क मार्ग से यात्रा करना भी काफ़ी सुगम और आरामदायक है।

गोखर पहाड़ियों तक पहुँचने का हर मार्ग, न केवल सुविधाजनक है, बल्कि रास्ते में आपको प्रकृति के खूबसूरत नज़ारे भी
दिखाएगा । तो चलिए, अपनी यात्रा का आनंद लें !

संदर्भ 

https://tinyurl.com/ykzhnadh 

https://tinyurl.com/yxy6jr83

https://tinyurl.com/bymnxpsh 

https://tinyurl.com/4w5bsxc9 

https://tinyurl.com/bymnxpsh

मुख्य चित्र: चरखारी का किला, महोबा और एक भारतीय योगी (Wikimedia)

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