सआदत हसन मंटो की प्रसिद्ध लघु कथाओं में से एक है,“मेरठ की कैंची”

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16-07-2021 09:45 AM
सआदत हसन मंटो की प्रसिद्ध लघु कथाओं में से एक है,“मेरठ की कैंची”

मेरठ शहर को अपनी अनेकों विशेषताओं के लिए जाना जाता है, जिसमें से एक उसका कैंची बाजार भी है। यह बाजार यहां का 350 साल पुराना उद्योग है, जिसमें करीब 600 इकाइयां हैं और इनमें लगभग 70,000 शिल्पकार कार्य करते हैं।मेरठ कभी कैंची बाजार में उत्पादित होने वाली कैंची की तीक्ष्णता, मजबूती और टिकाऊपन के लिए जाना जाता था,और शिल्पकार इसका श्रेय अपनी सूक्ष्म हस्तकला को देते हैं। भले ही वर्तमान समय में मेरठ का यह उद्योग विभिन्न कारणों से संघर्ष कर रहा हो, लेकिन भारत में इसकी प्रतिष्ठा कई दशकों से है, और शायद यही कारण है, कि यह नाम हिंदी पल्प फिक्शन (Pulp Fiction) प्रकाशन,क्रिकेट बैट निर्माण इकाइयों आदि से भी जुड़ा हुआ है। इसका एक उदाहरण सआदत हसन मंटो की एक प्रसिद्ध कहानी ‘मेरठ की कैंची’ या 'मेरठ शार्प विट’ (Meerut’s Sharp Wit) भी है। सआदत हसन मंटो एक लेखक, नाटककार और साहित्यकार थे, जिनका जन्म ब्रिटिश भारत में लुधियाना में हुआ था, जो विभाजन के बाद पाकिस्तान में शामिल हुआ। मुख्य रूप से उर्दू भाषा में लिखते हुए, उन्होंने लघु कथाओं के 22 संग्रह, एक उपन्यास, रेडियो नाटकों की पांच श्रृंखलाएं, निबंधों के तीन संग्रह और व्यक्तिगत रेखाचित्रों के दो संग्रह तैयार किए। उनकी सर्वश्रेष्ठ लघु कथाओं को लेखकों और आलोचकों द्वारा उच्च सम्मान दिया जाता है। मंटो,समाज की ऐसी कड़वी सच्चाइयों के बारे में लिखने के लिए जाने जाते थे, जिनके बारे में बात करने की किसी की हिम्मत नहीं होती थी। मंटो पर छह बार अश्लीलता का मुकदमा चलाया गया था। 1947 से पहले तीन बार ब्रिटिश भारत में, और तीन बार आजादी के बाद 1947 में पाकिस्तान में, लेकिन उन्हें कभी भी दोषी नहीं ठहराया गया। उन्हें 20 वीं सदी के बेहतरीन उर्दू लेखकों में से एक के रूप में स्वीकार किया जाता है और वे दो जीवनी आधारित फिल्मों का विषय भी हैं, पहली फिल्म सरमद खुसत द्वारा निर्देशित ‘मंटो’और दूसरी 2018 की नंदिता दास द्वारा निर्देशित फिल्म ‘मंटो’ है।
उर्दू के सबसे विवादास्पद लघु कथाकार सआदत हसन मंटो (1912-1955) का एक और नया अनुवादित संग्रह, वूमेन ऑफ़ प्रे (Women of Prey) है, जिसमें ऐसी कहानियाँ शामिल हैं जिन्हें पहली बार 1955 में “शिकारी औरतें” नामक संग्रह में एक साथ लाया गया था। कवि, लेखक और अनुवादक सबा महमूद बशीर द्वारा अनुवादित, कहानियाँ जो ज्यादातर 1950 के आसपास की हैं और लाहौर, अमृतसर और बॉम्बे शहर से सम्बंधित है,तथा मंटो के मजाकिया और प्रफुल्लित करने वाले पक्ष को चित्रित करती हैं, हालांकि उनका अंत सुखद नहीं है।अधिकांश कहानियों में मंटो महिलाओं को एक पीड़ित के रूप में चित्रित नहीं करते, बल्किवे उन्हें स्मार्ट, चतुर, आत्मविश्वासी, प्रतिशोधी और यहां तक ​​कि धूर्त भी बताते हैं। इस संग्रह की कहानियाँ यादगार पात्रों के रूप में उस समय के समकालीन समाज की एक झलक प्रदान करने का कार्य करती हैं। उदाहरण के लिए उनकी कहानी का एक पात्र जो कि एक हंसमुख चिकित्सक है, अपनी दवा की बोतल में व्हिस्की (Whiskey) भरता है, तथा अपनी पत्नी को यह विश्वास दिलाता है, कि यह उसके सिरदर्द का इलाज है, किंतु एक दिन उसकी पत्नी अपने सिरदर्द का इलाज करने के लिए उसका उपयोग करती है।मंटो की एक दूसरी कहानी ‘जेंटलमेन्स ब्रश' (Gentlemen’s Brush) अमृतसर के जीवंत और ऊर्जावान कलाकारों के एक समूह और संगीत में उनकी रुचि के बारे में बताती है। इस कहानी में उस समय के अमृतसर के उज्जवल दृश्य का वर्णन भी शामिल है।मंटो लिखते हैं, कि “मानव जीवन की सभी विभिन्न धाराएं अनंत काल तक एक साथ बहती रहीं। राजनीतिक आंदोलन उत्पन्न हुए और खत्म हुए, गैंगस्टरों ने एक दूसरे को मार डाला,मुसलमानों और कादियानों के बीच बहस छिड़ गई, जिसमें कई प्रसिद्ध मौलवियों और विद्वानों ने भाग लिया। सूखा आया और प्राकृतिक आपदाएँ आईं। जलियांवाला बाग में आतंक फैलाया गया और हजारों-मुसलमानों, सिखों, हिंदुओं को बेरहमी से मार डाला गया। लेकिन अमृतसर जस का तस बना रहा”। इसी प्रकार एक कहानी 'सितारा' प्रसिद्ध कथक नृत्यांगना और अभिनेत्री सितारा देवी का एक प्रोफ़ाइल प्रस्तुत करती है। “मेरठ की कैंची और अन्य कहानियाँ” मंटो की लघु कथाओं की प्रसिद्ध पुस्तक है, जिसका अंग्रेजी में सफलतापूर्वक अनुवाद भी किया गया है। लेकिन वास्तव में यह कहानी बॉम्बे में मंटो के दिनों और मेरठ की एक तेज-तर्रार वेश्या के बारे में अधिक बताती है, जिससे वे वहां की फिल्मी दुनिया में मिलते हैं। उनकी कई कहानियाँ विभिन्न 'चरित्रहीन' महिलाओं के बारे में हैं जिनका सामना मंटो बॉम्बे और लाहौर शहर में किया करते थे। मंटो की कुछ कहानियाँ बॉम्बे में 1940 के दशक के सिनेमा के जादू को भी जीवंत करती हैं, और सिनेमा जगत के साथ जुड़ी चकाचौंध, ग्लैमर, पार्टियां, दिल टूटना और घोटाले आदि को भी अभिव्यक्त करती हैं।मेरठ की कैंची,मेरठ की एक तवायफ और महत्वाकांक्षी अभिनेत्री पारो देवी का एक दिलचस्प रेखाचित्र है। यह कहानी अनुभवी अभिनेता अशोक कुमार के साथ मंटो की दोस्ती का भी उल्लेख करती है। तो आइए एक वीडियो क्लिप के साथ इस पूरी कहानी का आनंद उठाते हैं।

संदर्भ:

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https://bit.ly/3r624sw
https://bit.ly/2UMY5VL
https://bit.ly/3wDWUoS
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https://bit.ly/3hFOCIR

चित्र संदर्भ
1.सआदत हसन मंटो की प्रसिद्ध लघु कथाओं में से एक है,“मेरठ की कैंची” पुस्तक का एक चित्रण (goodread)
2. सादत हसन मंटो का एक चित्रण (wikimedia)

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