समयसीमा 245
मानव व उनकी इन्द्रियाँ 943
मानव व उसके आविष्कार 740
भूगोल 219
जीव - जन्तु 273
खैर जड़ी बूटी के रूप में प्रयुक्त होने वाला वृक्ष है। खैर का वृक्ष मूल रूप से भारत में दक्षिणी हिमालय से लेकर आंध्र प्रदेश और पूर्व में थाईलैंड तक पाया जाता है। इसकी खेती के लिए जमीन की ऊंचाई सीमा लगभग 1500 मीटर तक होती है। इसके लिए सबसे उपर्युक्त रेतीली, बजरी, जलोढ़, दोमट मिट्टी है। इसका वृक्ष परिपक्वता पर आने के बाद ऊँचाई 20 मीटर तक हो सकता है।
इसकी छाल का उपयोग चरमशोधन (tanning) और रंगाई के लिए किया जाता है, और साथ ही इससे कत्था और सुपारी (जोकि पान के साथ चबाया जाता है) भी बनाया जाता है। इसकी मजबूत टिकाऊ लकड़ी का उपयोग घर के पदों (स्तंभों), उपकरण, वाहनों के पहियों आदि को बनाने, ईंधन की लकड़ी के रूप में किया जाता है। इसके अन्य उपयोग छाल के औषधीय गुणों के कारण दस्त, पेचिश और घावों के इलाज के लिए, जीवाणुरोधी के रूप में किया जाता है।
कत्था
कत्था बनाने के लिए खैर के पत्ते, अंकुर और लकड़ी सभी का उपयोग किया जाता है। कत्थे का उपयोग दस्त, नाक और गले की सूजन, पेचिश, रक्तस्राव, अपच, पुराने अस्थिसंधिशोथ (Osteoarthritis) और कैंसर के लिए औषधि के रूप में किया जाता है। लोग त्वचा रोगों, बवासीर, और दर्दनाक चोटों के लिए सीधे त्वचा पर कत्था लगा लेते हैं। कत्था माउथवॉश (Mouthwash) और मसूड़ों के रोग (जैसे-मसूड़े की सूजन), मुंह के अंदर दर्द और सूजन, गले में खराश और मुंह के छाले के लिए भी औषधीय उपयोग में आता है। कुछ खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों में भी, कत्थे (जैसे:- पान) का उपयोग एक स्वाद बढ़ाने वाले कारक के रूप में किया जाता है।
कत्थे से जुडी सुरक्षा अवधारणाएं
जब कत्था को थोड़े समय के लिए औषधीय मात्रा में लिया जाता है, तो ये सम्भवतः सुरक्षित है। कत्थे के एक विशिष्ट संयोजन उत्पाद जिसे फ्लेवोक्सिड (flavocoxid) कहा जाता है, को प्राइमस फार्मास्यूटिकल्स, लिम्ब्रेल (Primus Pharmaceuticals, Limbrel) में 12 सप्ताह तक चलने वाले शोध अध्ययनों में सुरक्षित रूप से उपयोग किया गया था। हालांकि, शोध के बाद ऐसी धारणाएं बताई गयी कि इस संयोजन उत्पाद से कुछ लोगों में यकृत की समस्याएं हो सकती हैं। यह साइड इफेक्ट (Side Effect) आम नहीं है और यह केवल उन लोगों में होता है जिन्हें इससे एलर्जी होती है। हालांकि अब तक यह पता नही चल पाया है कि क्या सीधे त्वचा पर कत्था लगाना सुरक्षित है या नहीं। लेकिन इनमें से किसी भी उपयोग का समर्थन करने के लिए सीमित वैज्ञानिक सबूत नहीं हैं।
विशेष सावधानियां और चेतावनी:
गर्भावस्था और स्तनपान: कत्था गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए भोजन की मात्रा में सुरक्षित है। लेकिन बड़ी औषधीय मात्रा से बचना चाहिए।
रक्तचाप की समस्या से पीड़ित लोगों के लिए: कत्थे के द्वारा निम्न रक्तचाप हो सकता है। उन लोगों के लिए इसका सेवन एक चिंता का विषय हो सकता है, जिन्हें पहले से ही निम्न रक्तचाप की समस्या है क्योंकि इससे रक्तचाप बहुत तेज़ी से कम होता है, जिससे बेहोशी और अन्य लक्षण हो सकते हैं।
सर्जरी: यह सर्जरी के दौरान और बाद में रक्तचाप नियंत्रण में हस्तक्षेप कर सकता है क्योंकि कत्था रक्तचाप को कम कर देता है। पूर्वनिर्धारित सर्जरी से कम से कम 2 सप्ताह पहले कत्थे का सेवन बंद कर दें।
सन्दर्भ:-
1. https://www.webmd.com/vitamins/ai/ingredientmono-394/catechu
2. https://www.rxlist.com/catechu/supplements.htm
3. https://www.alwaysayurveda.com/acacia-catechu/
4. http://www.treesforlife.info/gmptsf/acacia-catechu.htm
A. City Subscribers (FB + App) - This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post.
B. Website (Google + Direct) - This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership — This is the Sum of all Subscribers (FB+App), Website (Google+Direct), Email, and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) - The reach on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion (Day 31 or 32) of one month from the day of posting.