समयसीमा 245
मानव व उनकी इन्द्रियाँ 943
मानव व उसके आविष्कार 740
भूगोल 219
जीव - जन्तु 273
उत्तर प्रदेश राज्य में, मेरठ महत्वपूर्ण औद्योगिक कस्बों में से एक है। यह परंपरागत रूप से हथकरघा के कार्यों और कैंची उद्योग के लिए जाना जाता है। मेरठ उत्तर भारत के पहले शहरों में से एक था, जहां 19 वीं शताब्दी के दौरान प्रकाशन की स्थापना की गई थी। यह 1860 और 1870 के दशक के दौरान व्यावसायिक प्रकाशन का एक प्रमुख केंद्र था। चूंकि शहर दिल्ली के नज़दीक है, यह उद्योगों के लिये एक अच्छा स्थान है। वर्तमान में, शहर में लगभग 520 छोटे पैमाने और मध्यम पैमाने के साथ-साथ सूक्ष्म उद्योग भी हैं। अगस्त 2006 तक, मेरठ में लगभग 23,471 औद्योगिक इकाइयां थीं, जिनमें लघु स्तरीय इकाइयां 15,510 और 7,922 कुटीर उद्योग शामिल थे।
शहर के कुछ प्रमुख उद्योग वस्त्र, टायर (Tyre), चीनी, ट्रांसफार्मर (Transformer), रसायन, कागज़, इंजीनियरिंग (Engineering), खेल सामग्री निर्माण और प्रकाशन हैं। और इसके अलावा यहां आईटी (IT) और आईटीईएस (ITES) जैसे कुछ उद्योगों की अच्छी विकास क्षमता है। आयकर विभाग द्वारा एकत्र किए गए आंकड़ों के अनुसार, 2007-08 में राष्ट्रीय राजकोष में मेरठ द्वारा 10,089 करोड़ रुपये का योगदान दिया गया था, जोकि भुवनेश्वर, कोच्चि, भोपाल, जयपुर और लखनऊ जैसे शहरों से भी अधिक था और पूरे देश में मेरठ 9वें स्थान पर रहा। आज से कुछ साल पहले उद्योग और व्यापार मंत्रालय के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एम.एस.एम.ई.) मंत्रालय द्वारा एक सर्वेक्षण के आधार पर मेरठ के उद्योगों का एक विवरण तैयार किया गया था। तो आईये डालते है उस पर एक नज़र।
इस विवरण के अनुसार शहर में 8,197 पंजीकृत औद्योगिक इकाईयां हैं जिसमें 13 दीर्घ स्तरीय पंजीकृत औद्योगिक इकाईयां शामिल हैं। जोकि लगभग 3,325 कुशल श्रमिकों को रोज़गार प्रदान करती हैं, साथ ही साथ छोटे पैमाने के उद्योग लगभग 48,280 श्रमिकों को रोजगार दे रहे हैं। शहर में 4 औद्योगिक क्षेत्र पाए जाते हैं, और 2006-07 से लेकर 2010-11 तक सभी पंजीकृत लघु स्तरीय उद्योगों का कुल कारोबार 66,856.49 लाख रूपये रहा था।
शहर में बड़े पैमाने पर उद्योगों में मोदी टायर्स कंपनी प्राईवेट लिमिटेड (Modi Tyres Company Private Limited), मवाना शुगर वर्क्स (Mawana Sugar Works), बजाज हिंदुस्तान लिमिटेड, संगल पेपर लिमिटेड (Sangal Paper Limited) आदि की मौजूदगी है। साथ ही साथ यह क्षेत्र स्पोर्ट्स (Sports) सामान निर्माण के लिए दुनिया के सबसे समृद्ध क्षेत्रों में से एक है। भारत में संगीत वाद्ययंत्र मेरठ शहर में अधिकतम रूप से निर्मित होते हैं। सेवा उद्यमों में मुख्य रूप से मोटर वाहनों, मोटर साइकिलों (Motorcycles) की मरम्मत और सर्विसिंग (Servicing) शमिल है। कारों, वस्त्रों और ब्रांडेड (Branded) उत्पादों की दुकानें भी धीरे-धीरे बेहतरीन बनती जा रही हैं और इस क्षेत्र में सिलाई और कढ़ाई, कंप्यूटर (Computer) प्रशिक्षण, अचार, सब्जी का निर्जलीकरण, कागज़ के थैले तथा लिफाफे का निर्माण, लकड़ी के बिजली के सामान, आयुर्वेदिक और हर्बल (Herbal) दवाएं, फर्नीचर, वेल्डिंग (Welding) आदि के क्षेत्र में रोजगार पाने की अपार संभवनाएं हैं। इसके अलावा जिले में प्रमुख रूप से खेल के सामान, कैंची, कांच और लकड़ी के मोती, कढ़ाई, कृत्रिम आभूषण और इलेक्ट्रिक ट्रांसफार्मर (Electric Transformers) का निर्माण होता है जोकि हजारों लोगों के रोजगार का स्रोत्र बने हुए हैं।
संदर्भ:
1. http://dcmsme.gov.in/dips/meerut.pdf
2. https://en.wikipedia.org/wiki/Meerut#Economy
A. City Subscribers (FB + App) - This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post.
B. Website (Google + Direct) - This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership — This is the Sum of all Subscribers (FB+App), Website (Google+Direct), Email, and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) - The reach on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion (Day 31 or 32) of one month from the day of posting.