एन डी ए और ए एफ़ सी ए टी परीक्षा के माध्यम से, भारतीय वायु सेवा में भर्ती हो सकते हैं आप

आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक
04-03-2025 09:25 AM
एन डी ए और ए एफ़ सी ए टी परीक्षा के माध्यम से, भारतीय वायु सेवा में भर्ती हो सकते हैं आप

भारतीय वायु सेना (Indian Air Force Officer (IAF)), भारतीय सशस्त्र बलों की हवाई युद्ध शाखा है। इसे आधिकारिक तौर पर 8 अक्टूबर 1932 को ब्रिटिश साम्राज्य की सहायक वायु सेना के रूप में स्थापित किया गया था और 1947 में भारत की स्वतंत्रता के बाद यह एक स्वतंत्र सेना बन गई। भारतीय वायु सेना भारतीय हवाई क्षेत्र की रक्षा करने, हवाई संचालन करने और प्राकृतिक आपदाओं के समय सहायता प्रदान करने का कार्य करती है। क्या आप जानते हैं कि 2024 में, आई ए एफ़ की आधिकारिक वेबसाइट पर उड़ान, तकनीकी और गैर-तकनीकी शाखाओं में 336 पदों के लिए पंजीकरण खोले गए थे। उम्मीदवारों का चयन 'एयर फ़ोर्स कॉमन एडमिशन टेस्ट' (Air Force Common Admission Test (AFCAT)) के माध्यम से किया जाएगा, जो 22-23 फ़रवरी 2025 के दौरान आयोजित किया जाएगा। तो आइए, आज भारतीय वायु सेना की विभिन्न शाखाओं और उनके संचालन के बारे में जानते हैं। इसके साथ ही, हम भारतीय वायु सेना के अधिकारियों को मिलने वाले वेतन और भत्तों पर कुछ प्रकाश डालेंगे और उन विभिन्न तरीकों के बारे में जानेंगे जिनके माध्यम से आप इस सेना में भर्ती हो सकते हैं। 

भारतीय वायु सेना का प्रतीक चिन्ह | चित्र स्रोत : Wikimedia 

भारतीय वायु सेना की विभिन्न शाखाएं और उनका संचालन:

  • उड़ान शाखा (Flying Branch): उड़ान शाखा भारतीय वायु सेना की मुख्य परिचालन शाखा है। वायु रक्षा, जमीनी हमले, सर्वेक्षण और परिवहन जैसे हवाई संचालन के सभी कार्यों की ज़िम्मेदारी इसमें शामिल विभिन्न विमान और पायलट की है। फ़्लाइंग ब्रांच को उनके द्वारा संचालित विमान के प्रकार के आधार पर विभिन्न शाखाओं में विभाजित किया गया है, जैसे फ़ाइटर पायलट, ट्रांसपोर्ट पायलट, हेलीकॉप्टर पायलट और यूएवी (मानव रहित हवाई वाहन) पायलट। 
  • तकनीकी शाखा (Technical Branch): भारतीय वायु सेना के विमानों, हथियार प्रणालियों और अन्य उपकरणों के रखरखाव, मरम्मत और समग्र तकनीकी प्रबंधन की ज़िम्मेदारी तकनीकी शाखा की है। इसमें एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग (इलेक्ट्रॉनिक्स), एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग (मैकेनिकल), और ग्राउंड ड्यूटी (टेक्निकल) जैसी विभिन्न उप-शाखाएँ शामिल हैं।
  • ग्राउंड ड्यूटी शाखा (Ground Duty Branch): ग्राउंड ड्यूटी शाखा द्वारा विभिन्न गैर-उड़ान कार्य किये जाते हैं जो भारतीय वायु सेना के कामकाज के लिए महत्वपूर्ण हैं। इसमें प्रशासनिक, लॉजिस्टिक, लेखा, शिक्षा, मौसम विज्ञान और चिकित्सा अधिकारी शामिल हैं।
  • प्रशासनिक शाखा (Administrative Branch): प्रशासनिक शाखा के अधिकारी कर्मियों, मानव संसाधनों और विभिन्न इकाइयों और प्रतिष्ठानों के प्रशासन का प्रबंधन संभालते हैं।
  • लॉजिस्टिक्स शाखा (Logistics Branch): भारतीय वायु सेना के लिए आवश्यक उपकरण, आपूर्ति और स्पेयर पार्ट्स की खरीद और रखरखाव की ज़िम्मेदारी लॉजिस्टिक्स शाखा की है।
  • लेखा शाखा (Accounts Branch): लेखा शाखा के अधिकारी, भारतीय वायु सेना के भीतर वित्तीय मामलों, बजट और लेखा परीक्षा को संभालते हैं।
  • शिक्षा शाखा (Education Branch): शिक्षा शाखा, भारतीय वायु सेना में कर्मियों के प्रशिक्षण और शिक्षा के लिए ज़िम्मेदार है। यह शाखा प्रशिक्षण पाठ्यक्रम और सामग्रियों के विकास की देखरेख भी करती है।
  • मौसम विज्ञान शाखा (Meteorological Branch): मौसम विज्ञान शाखा के अधिकारी सटीक मौसम पूर्वानुमान प्रदान करते हैं, वायुमंडलीय स्थितियों की निगरानी करते हैं और सुरक्षित उड़ान संचालन सुनिश्चित करते हैं।
  • चिकित्सा शाखा (Medical Branch): चिकित्सा शाखा में चिकित्सा अधिकारी स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करते हैं।

ये शाखाएँ, भारतीय वायु सेना की परिचालन तत्परता, दक्षता और प्रभावशीलता सुनिश्चित करने के लिए परस्पर सहयोग के साथ कार्य करती हैं। 

भारतीय वायु सेना में रैंक समूह | चित्र स्रोत : Wikimedia 

वेतन एवं भत्ता:

वायु सेना अधिकारी, अपनी नियुक्ति से पहले ही किसी भी वायु सेना प्रशिक्षण संस्थान में अपनी प्रशिक्षण अवधि के अंतिम एक वर्ष के दौरान 56,100/-रुपये का मासिक वजीफ़ा अर्जित करना शुरू कर देते हैं। नियुक्ति के बाद उड़ान अधिकारियों को निम्नलिखित वेतन/भत्ते प्राप्त होते हैं:-

  • वेतन (सभी शाखाओं के लिए समान) - 56,100 रुपये प्रति माह (अधिकारी को   वेतन मैट्रिक्स में लेवल 10 में रखा जाएगा - 56,100-1,77,500)
  • सैन्य सेवा वेतन:- 15,500 रुपये प्रति माह
  • इसके अलावा, वायु सेना अधिकारियों को अन्य भत्ते जैसे परिवहन भत्ता, बाल शिक्षा भत्ता, घर किराया भत्ता आदि भी प्राप्त होते हैं।
  • भत्ते, ड्यूटी की प्रकृति/तैनाती के स्थान के आधार पर अलग-अलग होते हैं और इसमें उड़ान, परिवहन, तकनीकी, फ़ील्ड क्षेत्र, विशेष प्रतिपूरक (पहाड़ी क्षेत्र), विशेष बल, सियाचिन, द्वीप विशेष ड्यूटी, टेस्ट पायलट और फ़्लाइट टेस्ट इंजीनियर, निर्जन स्थान भत्ता आदि शामिल हैं।
  • इसके अलावा, फ़्लाइंग और तकनीकी शाखाओं में नए अधिकृत अधिकारियों को अतिरिक्त उड़ान भत्ता भी दिया जाता है।

भारतीय वायु सेना में शामिल होने के विभिन्न तरीके:

1. राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के माध्यम से:

'राष्ट्रीय रक्षा अकादमी' (National Defence Academy (NDA)), भारतीय सशस्त्र बलों का रक्षा सेवा प्रशिक्षण संस्थान है। पुणे, महाराष्ट्र में स्थित एन डी ए खड़कवासला में युवा कैडेट भारतीय वायु सेना, भारतीय सैन्य बल और भारतीय नौसेना में शामिल होने के लिए कठोर प्रशिक्षण और अध्ययन से  गुज़रते हैं। एन डी ए के लिए परीक्षा साल में दो बार-अप्रैल और दिसंबर में आयोजित की जाती है। 12वीं कक्षा पूरी करने वाले या परीक्षा देने वाले उम्मीदवार, एन डी ए परीक्षा के लिए आवेदन कर सकते हैं। पुरुष और महिला दोनों उम्मीदवार एन डी ए परीक्षा के लिए आवेदन करने के पात्र हैं।

एन डी ए पात्रता:

एन डी ए के माध्यम से भारतीय वायु सेना में शामिल होने के लिए पात्रता मानदंड निम्नलिखित हैं:

मापदण्डविवरण
आयु16 ½ से 19 ½ वर्ष (प्रारंभ के समय
राष्ट्रीयताभारतीय
लिंगपुरुष और महिला
वैवाहिक स्थितिअविवाहित
योग्यतागणित और भौतिकी के साथ कक्षा 12वीं
परीक्षा स्तरराष्ट्रीय
पदलेफ़्टिनेंट
आयोजकसंघ लोक सेवा आयोग
चयन प्रक्रियालिखित परीक्षा, सेवा चयन बोर्ड (Service Selection Board) साक्षात्कार
आवेदन शुल्रूपये 100 (अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/महिला/जूनियरअधिकृत अधिकारी/गैर अधिकृत अधिकारियों के बच्चों को शुल्क भुगतान से छूट दी गई है)

 

एन डी ए चयन प्रक्रिया:

एन डी ए चयन प्रक्रिया को दो चरणों में विभाजित किया गया है- लिखित परीक्षा और एस एस बी (Services Selection Board (SSB)) साक्षात्कार। लिखित परीक्षा में दो पेपर होते हैं-गणित और जीएटी। आवश्यक   अंक हासिल करके लिखित परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले उम्मीदवारों को एसएसबी साक्षात्कार के लिए बुलाया जाता है। एन डी ए एस एस बी साक्षात्कार में दो चरण होते हैं। एन डी ए मेरिट सूची लिखित परीक्षा और एसएसबी साक्षात्कार के आधार पर तैयार की जाती है।

एन डी ए पासिंग आउट परेड | चित्र स्रोत : Wikimedia

एन डी ए प्रशिक्षण प्रक्रिया:

कैडेटों को तीन साल तक कठोर प्रशिक्षण से गुजरना पड़ता है और प्रशिक्षण पूरा करने के बाद, अधिकारियों को उनके संबंधित विंग में अधिकृत किया जाता है। हालाँकि, फ़्लाइंग और ग्राउंड ड्यूटी (तकनीकी) शाखाओं का चयन करने वाले कैडेटों को अगले डेढ़ साल के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। प्रशिक्षण पूरा करने के बाद, कैडेट स्थायी अधिकृत अधिकारी के रूप में भारतीय वायु सेना में शामिल हो जाते हैं। कैडेटों को बी एस सी/बी ए की डिग्री भी प्रदान की जाती है। नौसेना कैडेटों को एन डी ए में तीन साल की पढ़ाई के बाद बीटेक की डिग्री प्रदान की जाती है।

2. 'एयर फ़ोर्स कॉमन एडमिशन टेस्ट' के माध्यम से: 

भारतीय वायु सेना में शामिल होने का सबसे आम तरीका 'एयर फ़ोर्स कॉमन एडमिशन टेस्ट' (Air Force Common Admission Test (AFCAT)) है। स्नातक या स्नातकोत्तर पूरा करने वाले उम्मीदवार ए एफ़ सी ए टी परीक्षा के माध्यम से भारतीय वायु सेना में शामिल हो सकते हैं। ए एफ़ सी ए टी के माध्यम से वायु सेवा की उड़ान शाखा, ग्राउंड ड्यूटी (तकनीकी) शाखा और ग्राउंड ड्यूटी (गैर-तकनीकी) शाखा में भी प्रवेश मिल सकता है। ए एफ़ सी ए टी परीक्षा का विवरण इस प्रकार है:

परीक्षा विवरणविवरण
परीक्षा का नामए एफ़ सी ए टी
परीक्षा का तरीकाऑनलाइन (केवल अंग्रेज़ी में)
विषयसामान्य जागरूकता, अंग्रेज़ी में मौखिक योग्यता, संख्यात्मक क्षमता, तर्कशक्ति और सैन्य योग्यता
प्रश्नों की संख्या100
अधिकतम अंक300
अवधि2 घंटे
सही उत्तर3 अंक
ग़लत उत्तर(-)1 अंक

 

3. राष्ट्रीय कैडेट  कॉर्प्स (National Cadet Corps (NCC)) के माध्यम से:

एन सी सी, एयर विंग स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों से उम्मीदवारों को नियुक्त करता है। फिर चुने गए लोगों को सैन्य प्रशिक्षण दिया जाता है। एन सी सी, प्रवेश कार्यक्रम में नामांकन करके, उड़ान शाखा में निम्न प्रकार भर्ती हो सकती है:

लिंगपुरुष एवं महिला (अविवाहित)
आयु सीमा20 से 24 वर्ष
विज्ञापन का समयwww.afcat.cdac.in पर जून और दिसंबर
विज्ञापन जारीकर्ताभारतीय वायु सेना/दिशा (DISHA) इकाई
प्रशिक्षणवायु सेना अकादमी
अन्य पात्रतावैध एनसीसी "एयर" विंग 'सी' प्रमाणपत्र होना चाहिए।

 

संदर्भ 

https://tinyurl.com/d8b6vjmw

https://tinyurl.com/3e2a7n7k

https://tinyurl.com/34kpjjak

https://tinyurl.com/9mnkcsb4

https://tinyurl.com/y9j7mm5e
 

मुख्य चित्र:  मोहना सिंह, भावना कंठ और अवनी चतुर्वेदी, भारतीय वायु सेना की पहली महिला लड़ाकू जेट पायलेट हैं (Flickr)
 

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