आइए समझें, शिवालिक पर्वतमाला की तलहटी के करीब स्थित सहारनपुर ज़िले का आर्थिक विश्लेषण

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आइए समझें, शिवालिक पर्वतमाला की तलहटी के करीब स्थित सहारनपुर ज़िले का आर्थिक विश्लेषण

मेरठ से लगभग 120 किलोमीटर दूर स्थित, सहारनपुर ज़िला, दोआब क्षेत्र के उत्तरी भाग में स्थित है। यह ज़िला, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड राज्यों की सीमा से लगा हुआ  है और शिवालिक पर्वतमाला की तलहटी के करीब है। तो आइए, आज सहारनपुर ज़िले के बारे में विस्तार से जानते हैं। हम इसकी भौगोलिक विशेषताओं और अर्थव्यवस्था के बारे में भी जानेंगे। इसके साथ ही, हम सहारनपुर से संबंधित महत्वपूर्ण सामाजिक-आर्थिक तथ्यों का विश्लेषण करेंगे, जिनके बारे में आप   वास्तव में 'प्रारंग के  ‘ज़िले के आंकड़ों को दर्शाता पृष्ठ' (District Metrics Page) पर आप किसी भी संबंधित ज़िले की जनसंख्या, क्षेत्रफल, गांवों की संख्या, बोली जाने वाली भाषाएं, ज़िले का क्षेत्रफल, राज्य में ज़िले का स्थान, और यहां तक कि देश में ज़िले की स्थिति के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। यहां हम सहारनपुर की तुलना भारत के अन्य ज़िलों अथवा ज़िला मुख्यालयों से भी करेंगे। अंत में, हम सहारनपुर ज़िले में कुछ महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों के बारे में चर्चा करेंगे।

 सहारनपुर में तांगा |  Source : Wikimedia

भौगोलिक विशेषताएं: 

सहारनपुर ज़िले को 1997 में सहारनपुर मंडल का दर्ज़ा दिया गया था। सहारनपुर ज़िले का उत्तर और उत्तर पूर्व शिवालिक पहाड़ियों से घिरा हुआ है और इसे देहरादून ज़िले से अलग करता है। पश्चिम में यमुना नदी इसकी सीमा से होकर बहती है जो इसे हरियाणा के करनाल और यमुनानगर ज़िलों से अलग करती है। इसके पूर्व में हरिद्वार ज़िला स्थित है, जो 1989 से पहले ज़िला सहारनपुर का हिस्सा था और दक्षिण में ज़िला मुज़फ़्फ़रनगर स्थित है। ब्रिटिश शासन के समय ज़िला मुज़फ़्फ़रनगर भी ज़िला सहारनपुर का एक हिस्सा था। यमुना के अलावा सोलानी, हिंडन, रतमऊ, नागदेव नदियां भी ज़िले भी से होकर बहती हैं, जो बाद में या तो यमुना में या फिर गंगा में विलीन हो जाती हैं। यहां की जलवायु सामान्यतः उत्तर प्रदेश की औसत जलवायु से मिलती जुलती है।

अर्थव्यवस्था:

अर्थव्यवस्था की दृष्टि से सहारनपुर, एक उभरता हुआ वाणिज्यिक केंद्र है। यह ज़िला थोक और खुदरा व्यापार, कृषि-आधारित उद्योगों और औद्योगिक उत्पादों के लिए एक प्रमुख क्षेत्रीय केंद्र है। सहारनपुर अपने कृषि उत्पादों जैसे चीनी, आम और चावल के लिए प्रसिद्ध है। सहारनपुर मुख्य रूप से एक कृषि प्रधान ज़िला है। यहां की लगभग 70% भूमि कृषि योग्य है। ज़िले की अर्थव्यवस्था में कृषि की एक महत्वपूर्ण भूमिका है। क्षेत्र की महत्वपूर्ण खाद्य फसलों में गेहूं, चावल, मक्का, ज्वार, बाजरा, गन्ना शामिल हैं; जबकि तिलहन, कपास और जूट मुख्य व्यावसायिक फसलें हैं।

 सहारनपुर के चौरा कलां गांव में उग रहे पोपलर के पेड़ | Source : Wikimedia

हाल ही में सहारनपुर ज़िले में कई कृषि आधारित उद्योग भी विकसित हुए हैं। यहां अनेक कुटीर उद्योग भी देखे जा सकते हैं। हालांकि, उत्तर प्रदेश के अन्य ज़िलों की तुलना में सहारनपुर में पर्याप्त खनिज संसाधन नहीं हैं, शिवालिक पहाड़ियों से नज़दीकी के कारण, सहारनपुर ज़िले में चूना पत्थर बहुतायत में पाया जाता है। यह कठोर दुर्लभ पत्थर भवन निर्माण के लिए उपयोगी होता है और शिवालिक में पाया जाता है, जबकि सोलानी, हिंडन और सुखराव नदियों के तल में सड़कों के लिए उपयोग की जाने वाली गिट्टी पाई जाती है।इसके अलावा, चीनी और कागज उद्योगों, सिगरेट उद्योग और लकड़ी पर प्रसिद्ध नक्काशी उद्योग ने भी यहां की अर्थव्यवस्था को सहारा दिया है। सहारनपुर ज़िले का लकड़ी का काम, विश्व प्रसिद्ध है और अमेरिका, ब्रिटेन, सिंगापुर, स्वीडन और कुवैत सहित कई पश्चिमी देशों में निर्यात किया जाता है।

महत्वपूर्ण सामाजिक आर्थिक तथ्य:

  • जनसंख्या: 705,478 
  • क्षेत्रफल : 3,689 किलोमीटर2
  • ज़िले में कस्बों की संख्या: 126
  • ज़िले में गांवों की संख्या : 164

भारत की अन्य ज़िला मुख्यालयों मुख्यालयों /ज़िलों से सहारनपुर की तुलना:

भारत की 768 ज़िला मुख्यालयों में से जनसंख्या के आधार पर सहारनपुर शहर 61वें स्थान पर एवं सहारनपुर ज़िला 70वें स्थान पर है। भारत के अन्य ज़िलों/ज़िला मुख्यालयों से सहारनपुर के अच्छे बुरे तथ्यों को निम्न तालिका के माध्यम से समझा जा सकता है:

भारत के औसत से बेहतर-भारत के औसत से भी बदतर-
यूनिफ़ाइड डिस्ट्रिक्ट इंफ़ॉर्मेशन सिस्टम फ़ॉर एजुकेशन (UDISE) कि एक 2021  की रिपोर्ट के अनुसार, भारत के 768 शहरों/ज़िलों में से उच्च शिक्षा नामांकन प्रतिशत में सहारनपुर तीसरे सर्वोच्च स्थान पर है। इससे पता चलता है कि इस ज़िले में अन्य ज़िलों की तुलना में बेहतर विकसित शैक्षणिक बुनियादी ढांचा है।

व्यय विभाग (DoE) की एक 2023  की रिपोर्ट के अनुसार, भारत की 768 ज़िला मुख्यालयों/ज़िलों में से, औपचारिक नौकरियों के मामले में 2023 में सहारनपुर 679वें   स्थान पर है। 

 

साल 2011 की जनगणना के अनुसार, 768 शहरों/ज़िलों में से फ़ारसी-अरबी लिपि (उर्दू) के उपयोग के मामले में सहारनपुर 13वां सर्वोच्च रैंक वाला शहर है। यह अन्य शहरों की तुलना में उच्च मुस्लिम आबादी को इंगित करता है।आउटरीच और संचार ब्यूरो की एक 2020 की रिपोर्ट के अनुसार, 768 शहरों/ज़िलों में से सहारनपुर थिएटरों की औसत संख्या के मामले में 635वां   रैंक वाला शहर है। इसका अर्थ है कि यह ज़िला अन्य ज़िलों की तुलना में कम शहरीकृत है।
उच्च शिक्षा पर अखिल भारतीय सर्वेक्षण (AISHE) की एक 2020 की रिपोर्ट के अनुसार, भारत की 768 ज़िला मुख्यालयों/ज़िलों में से, सहारनपुर यूजी नामांकन में 29वां सर्वोच्च स्थान पर है। 

साल 2011 की जनगणना के अनुसार, प्रति वर्ग किलोमीटर जनसंख्या के मामले में सहारनपुर 640वें स्थान पर है।

 

भारतीय दंड संहिता (IPC) की एक 2020 की रिपोर्ट के अनुसार भारत की 768 ज़िला मुख्यालयों/ज़िलों में से लापता व्यक्तियों की संख्या के मामले में सहारनपुर 479वें   स्थान पर है। यह अन्य ज़िलों की तुलना में सहारनपुर को एक सुरक्षित ज़िले के रूप में दर्शाता है।भारतीय दंड संहिता (IPC) की एक 2020 की रिपोर्ट के अनुसार,  भारत के 768 शहरों/ज़िलों में से साइबर अपराधों की संख्या के मामले में सहारनपुर 91वें, हत्याओं की संख्या के मामले में 254वें और आईपीसी अपराधों की औसत संख्या के मामले में 224वें सबसे खराब स्थान पर है। इसका अर्थ है कि इस ज़िले में अन्य ज़िलों की तुलना में कानून और व्यवस्था की कम प्रभावशीलता है। 
सहारनपुर में गुरुद्वारा रोड | Source : Wikimedia

सहारनपुर ज़िले में पर्यटन के महत्वपूर्ण स्थान:

1.) बाबा भूरादेव मंदिर: यह मंदिर, शाकुंभरी देवी मंदिर से लगभग 1 किलोमीटर पहले स्थित है। मान्यता है कि, शाकुंभरी मां की पूजा से पहले बाबा भूरा देव की पूजा करना आवश्यक होता है।

2.) शाकुंभरी देवी मंदिर: शक्ति पीठ शाकुंभरी देवी का मंदिर, सहारनपुर के उत्तर में 40 किलोमीटर दूर जसमौर गांव क्षेत्र में स्थित है। 

3.) बाला सुंदरी देवी मंदिर: बाला सुंदरी देवी मंदिर, देवबंद में स्थित है, जो सहारनपुर ज़िले की एक तहसील है और सहारनपुर को मुजफ्फर नगर से जोड़ने वाली सड़क पर स्थित है। हर वर्ष चैत्र मास की चतुर्दशी को यहाँ भव्य मेला लगता है। मेले में श्रद्धालु माता के दर्शन के लिए आते हैं। यह मेला 15 दिनों तक चलता है।

4.) नौगाज़ा पीर: नौगाज़ा पीर, सहारनपुर शहर से लगभग 9 किलोमीटर दूर,  सहारनपुर ज़िले के बाहरी इलाके में स्थित है। नौगाज़ा पीर एक दरगाह और मंदिर का एक सुंदर संयोजन है। यहां सभी समुदाय के लोग आते हैं। 

5.) दारुल उलूम देवबंद: दारुल उलूम देवबंद, भारत का एक इस्लामिक स्कूल है जहां से देवबंदी इस्लामिक आंदोलन की शुरुआत हुई थी। यह उत्तर प्रदेश के सहारनपुर ज़िले के एक शहर देवबंद में स्थित है।

संदर्भ

https://tinyurl.com/yt39k78z

https://tinyurl.com/mu2sfece

https://tinyurl.com/368z7273

https://tinyurl.com/2ttekytt

मुख्य चित्र: सहारनपुर जंक्शन रेलवे स्टेशन (Wikimedia)

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