
समयसीमा 242
मानव व उनकी इन्द्रियाँ 993
मानव व उसके आविष्कार 782
भूगोल 220
जीव - जन्तु 279
हमारा शहर लखनऊ, हाल के वर्षों में ई-स्पोर्ट्स या इलेक्ट्रॉनिक खेल (Electronic sports) और मोबाइल गेमिंग में अधिक दिलचस्पी दिखा रहा है। स्थानीय गेमिंग कैफ़े, पेशेवर या स्पर्धाओं वाले गेमर्स को एक साथ लाते हैं। बी जी एम आई (BGMI), वैलोरेंट (Valorant) और फ़्री फ़ायर (Free Fire) जैसे खेल हमारी जनता के सबसे पसंदीदा हैं, और प्रतिस्पर्धी खिलाड़ियों तथा प्रायोजकों को आकर्षित करते हैं। स्मार्टफ़ोन तक आसान पहुंच और ऐसे खेलों में बढ़ती रुचि के साथ, हमारा शहर, ई-स्पोर्ट्स उत्साही और गेमर्स के लिए एक केंद्र बन रहा है। दरअसल, ई-स्पोर्ट्स को एक प्रकार के खेल के रूप में परिभाषित किया जा सकता है, जिसमें मानव-कंप्यूटर इंटरफ़ेस द्वारा मध्यस्थता की जाती है। यहां खिलाड़ी, एक नियम-आधारित इलेक्ट्रॉनिक वातावरण में मोटर कौशल का प्रयोग करता है। इसलिए आज, भारत में ई-स्पोर्ट्स उद्योग की वर्तमान स्थिति का पता लगाएं। फिर, हम इस बात पर प्रकाश डालेंगे कि, हमारे देश में ये खेल कैसे विकसित हुए हैं। उसके बाद, हमें भारत के कुछ सबसे लोकप्रिय ई-स्पोर्ट्स गेम्स के बारे में पता चलेगा। इस संदर्भ में, हम गेमिंग लत की जोखिमों पर भी चर्चा करेंगे। अंत में, हम गेमिंग लत पर अंकुश लगाने हेतु, हालिया वर्षों में भारत में उठाए गए कदमों और उपायों का पता लगाएंगे।
भारत में ई-स्पोर्ट्स उद्योग की वर्तमान स्थिति:
एक रिपोर्ट के अनुसार, 2025 तक भारत में ई-स्पोर्ट्स उद्योग 11,900 करोड़ रुपयों तक बढ़ने की उम्मीद है। यह स्मार्टफ़ोन और इंटरनेट तक आसान पहुंच और देश में बुनियादी ढांचे की वृद्धि से प्रेरित है। भारत में ई-स्पोर्ट्स स्पर्धाओं ने भी महत्वपूर्ण आकर्षण प्राप्त किया है। भारतीय ई-स्पोर्ट्स लीग (Indian esports league) देश की सबसे बड़ी ई-स्पोर्ट्स स्पर्धाओं में से एक है। यह स्पर्धा, भारत के शीर्ष ई-स्पोर्ट्स खिलाड़ियों को आकर्षित करती है और 1 करोड़ रुपयों तक पुरस्कार प्रदान करती है।
भारत में इस उद्योग ने, प्रमुख निगमों का भी ध्यान आकर्षित किया है, जिसमें इस उद्योग में निवेश करने वाली टेनसेंट (Tencent) और नाज़ारा टेक्नोलॉजीज़ (Nazara Technologies) जैसी कंपनियां शामिल हैं। 2019 में, टेनसेंट ने अपने ग्लोबल ई-स्पोर्ट्स लीग (Global esports league) का भारतीय चरण – पबजी मोबाइल क्लब ओपन (PUBG Mobile Club Open) लॉन्च किया। इसमें देश भर से 4,00,000 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया था।
भारत में ई-स्पोर्ट्स उद्योग का विकास:
एल ए एन गेमिंग कैफ़े (LAN gaming cafes) हमारे पूरे देश में बढ़ने लगे, और इन्होंने भारत में ई-स्पोर्ट्स की उत्पत्ति को चिह्नित किया। यह 2000 के दशक की शुरुआत का दौर था। इन कैफ़े ने गेमर्स को मिलने, वीडियो गेम के बहु–खिलाड़ी सत्रों में भाग लेने और अनौपचारिक प्रतियोगिताओं की शुरुआत करने के लिए, एक मंच प्रदान किया। बाद में प्रौद्योगिकी में उन्नति के साथ, ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफ़ॉर्म और स्पर्धाएं बढ़ने लगी। इससे देश में गेमिंग की लोकप्रियता के विकास में तेज़ी आई।
ई-स्पोर्ट्स के लिए एक मील का पत्थर, मोबाइल गेमिंग के रूप में आया था। जैसे-जैसे स्मार्टफ़ोन और सस्ते डेटा प्लान अधिक आम हो गए, गेमिंग तक कई लोगों की पहुंच आसान हो पाई।
भारत में ई-स्पोर्ट्स के उदय में, पेशेवर एवं कुशल गेमर्स और उत्साही समुदायों की बढ़ती संख्या भी शामिल है। ऐसे खिलाड़ी गेम की सदस्यता, ऐप्स में खरीदारी और गेमिंग समुदायों की सदस्यता में, सक्रिय रूप से निवेश करते हैं।
भारत में कुछ सबसे लोकप्रिय ई-स्पोर्ट्स गेम्स:
1.) बी जी एम आई या बैटलग्राउंड्स मोबाइल इंडिया (Battlegrounds Mobile India):
क्राफ़्टन (Krafton) द्वारा विकसित इस गेम को, 2022 में भारत में प्रतिबंधित कर दिया गया था। जबकि, मई 2023 में इसका प्रतिबंध हटा दिया गया। बी जी एम आई ने हाल के महीनों में, भारत की कुछ सबसे महत्वपूर्ण ई-स्पोर्ट्स प्रतियोगिताओं की मेज़बानी की है। अपनी शीर्ष स्पर्धाओं के साथ, इस खेल का पुनरुद्धार, एक बड़ा मोड़ है।
2.)वैलोरेंट (Valorant):
रायट गेम्स (Riot Games) के रणनीतिक प्रचार प्रयास एवं इस खेल का अनूठा 5वी5 एफ़ पी एस टैक्टिकल शूटर प्रारूप (5v5 FPS tactical shooter format), भारतीय गेमर्स में इसे लोकप्रिय बनाता है। गेम में एक भारतीय नायक – हार्बर(Harbor) की प्रस्तुति ने भारतीय ई-स्पोर्ट्स दृश्य में, खेल की लोकप्रियता को अधिक बढ़ा दिया है।
3.)पोकेमॉन यूनाइट (Pokemon UNITE):
पोकेमॉन यूनाइट गेम का 2021 में भारतीय ई-स्पोर्ट्स में आगमन हुआ। तब से, यह देश की ई-स्पोर्ट्स प्रतियोगिताओं में एक पसंदीदा गेम बन गया है।
4.) सी ओ डी मोबाइल (COD Mobile):
कॉड या सी ओ डी मोबाइल के पहले सप्ताह के डाउनलोड, रिकॉर्ड तोड़ने वाले थे। स्वाभाविक रूप से, यह खेल भी भारतीय ई-स्पोर्ट्स प्रतियोगिताओं में एक प्रधान बन गया है।
ई-स्पोर्ट्स गेमिंग, लत का कारण कैसे बन सकते हैं ?
ई-स्पोर्ट्स, किसी प्लेटफ़ॉर्म पर ऑनलाइन खेले जाते हैं, जहां आप अन्य लोगों या संघों के साथ खेलते हैं। ऐसे प्लेटफ़ॉर्म पर खेल को प्रशंसकों द्वारा देखा भी जा सकता है। ये किसी गेमर या खिलाड़ी के लिए, अच्छा प्रदर्शन करने हेतु अधिक दबाव पैदा कर सकते हैं । दूसरी ओर, ये दर्शकों के लिए भी लत लगने जैसी प्रवृत्ति पैदा कर सकते हैं । पेशेवर गेमर्स, उनके प्रशंसकों द्वारा की गई प्रशंसा या आलोचना का भी सामना करते हैं।
इसके अलावा, कई राज्यों में वैध खेल सट्टेबाजी के साथ, कुछ व्यक्तियों ने ई-स्पोर्ट्स को सट्टेबाज़ी में बदल दिया है। यह गेमिंग की लत क्षमता में, एक महत्वपूर्ण परत जोड़ता है।
चित्र स्रोत : Pexels
गेमिंग की लत पर अंकुश लगाने के लिए, भारत सरकार द्वारा उठाए गए कदम और उपाय:
4 दिसंबर, 2020 को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने सभी निजी सैटेलाइट टेलीविजन चैनलों को, ऑनलाइन गेम व फैंटेसी स्पोर्ट्स (Fantasy Sports) आदि पर विज्ञापन लगाने हेतु, दिशानिर्देश जारी किए हैं। ये दिशानिर्देश, सभी प्रसारकों को सलाह देते हैं कि, ‘भारत विज्ञापन मानक परिषद’ द्वारा जारी किए गए नियमों का अनुपालन करना ज़रूरी है। ये दिशानिर्देश निम्नलिखित हैं –
1.कोई भी गेमिंग विज्ञापन, 18 वर्ष से कम उम्र के किसी भी व्यक्ति को चित्रित नहीं कर सकता है।
2.प्रत्येक गेमिंग विज्ञापन को यह दर्शाना होगा कि, संबंधित गेम में वित्तीय एवं लत लगने की जोखिम शामिल है। इस अस्वीकरण में, भारत विज्ञापन मानक परिषद के नियमों का कोड डालना भी अनिवार्य है।
3.विज्ञापनों को संबंधित खेल को, वैकल्पिक रोज़गार विकल्प के रूप में प्रस्तुत नहीं करना चाहिए।
4.उन्हें यह भी चित्रित नहीं करना चाहिए कि, गेमिंग गतिविधि करने वाला व्यक्ति, दूसरों की तुलना में किसी भी तरह से अधिक सफ़ल है।
संदर्भ
मुख्य चित्र में कोपा लिओना ई-स्पोर्ट्स गिरोना का स्रोत : Wikimedia
A. City Subscribers (FB + App) - This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post.
B. Website (Google + Direct) - This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership — This is the Sum of all Subscribers (FB+App), Website (Google+Direct), Email, and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) - The reach on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion (Day 31 or 32) of one month from the day of posting.