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रकोको कला (Rococo art) 1700 के दशक में, फ़्रांस (France) में उत्पन्न हुई वास्तुकला, कला और सजावट की एक असाधारण शैली है। यह अपने विस्तृत विवरण, पेस्टल रंगों और चंचल दृश्यों के लिए जानी जाती है। इसके अलावा, कला की यह शैली अक्सर अभिजात वर्ग के साथ जुड़ी होती थी। इसलिए आज हम, इस कला शैली की उत्पत्ति और विकास के बारे में विस्तार से जानेंगे। उसके बाद, हम रकोको चित्रों की विशेषताओं का पता लगाएंगे। इसके अलावा, हम इस वास्तुकला के कुछ सबसे प्रसिद्ध उदाहरणों पर कुछ प्रकाश डालेंगे। अंत में हम, कुछ सबसे प्रतिष्ठित रकोको शैली चित्रों और कलाकारों का पता लगाएंगे।
रकोको कला की उत्पत्ति और विकास:
रकोको कला की एक वास्तुशिल्प शैली के रूप में शुरुआत हुई, लेकिन फिर, यह चंचल परंतु उत्कृष्ट रूप से विस्तृत पेंटिंग के एक रूप में विकसित हुई। यह अपने कॉटन–कैंडी जैसे रंगों और प्रकृति के युवा चित्रण के साथ, हल्केपन और चपलता को उजागर करती है। यह लगभग 1730 में विशेष रूप से लोकप्रिय हुई, जब यह ऑस्ट्रिया (Austria), जर्मनी (Germany) और अन्य यूरोपीय देशों में फ़ैलने लगी। हालांकि, लगभग 1770 में, रकोको प्रचलन से बाहर होने लगी थी, जब निओक्लासिज़म(Neoclassicism) जैसी अधिक गंभीर शैलियों ने लोगों का ध्यान खींचा।
नीचे रकोको शैली की एक त्वरित समयरेखा दी गई है:
1710-1730:
बरोक शैली(Baroque) की पसंद कम होने लगती है, क्योंकि, फ़्रांस की सत्ता में स्थानांतरण, एक उज्ज्वल सौंदर्यशास्त्र – रकोको का संकेत देता है।
1730-1750:
रकोको फ़्रांस के कला दृश्य पर हावी होने लगती है, और इटली(Italy) एवं जर्मनी जैसे अन्य यूरोपीय देशों में फ़ैलती है।
1760-1780:
रकोको की लोकप्रियता प्रमुख दार्शनिकों के रूप में कम हो जाती है, और कलाकार इसकी आलोचना करना शुरू कर देते हैं। यह पहले फ़्रांस में खत्म हुई, और अंततः जर्मनी एवं इटली में फैशन से बाहर हो गई।
रकोको चित्रों की विशेषताएं:
रकोको पेंटिंग्स को उनके मृदु पेस्टल रंग, नाजुक वैशिष्ठ्यों और हल्के विषय वस्तु के लिए जाना जाता है। वे अक्सर प्यार या आराम के दृश्यों को चित्रित , और फूल या पक्षियों जैसे प्रकृति के तत्वों को शामिल करती हैं। रकोको कलाकारों ने सुंदरता और लालित्य का माहौल बनाने की मांग की, और उनका काम अक्सर चंचल और आकर्षक होता है।
ऐसी चित्रकारी को अक्सर “चपल” या “कन्यावत्” रूप में वर्णित किया जाता है। यह उनके हल्के विषय वस्तु और सुंदर पेस्टल रंगों के कारण है। हालांकि, ये पेंटिंग्स छुपे हुए अर्थ और प्रतीकों के साथ अविश्वसनीय रूप से जटिल भी हो सकती हैं। उदाहरण के लिए, कुछ रकोको कलाकारों ने विभिन्न भावनाओं या विचारों का प्रतिनिधित्व करने के तरीके के रूप में, अपने चित्रों में फूलों का इस्तेमाल किया।
रकोको वास्तुकला के सबसे प्रसिद्ध उदाहरण:
1. अमालिअनबर्ग (The Amalienburg):
म्यूनिक (Munich) के निम्फ़ेनबर्ग पैलेस पार्क (Nymphenburg Palace Park) में एक शिकारी लॉज के रूप में निर्मित अमालिअनबर्ग, शायद जर्मन रकोको के सबसे अच्छे उदाहरणों में से एक है। इस इमारत को वास्तुकार – फ़्राँस्वा डे किविलिइस (François de Cuvilliés) द्वारा डिज़ाइन किया गया था, और इसे 1730 के दशक में निर्मित किया गया था। इसके अलंकृत आंतरिक डिज़ाइन में गिल्डेड कर्व्स (Gilded curves) हैं।
2. का’ रेज़ोनिको (Ca’ Rezzonico):
इस इतालवी महल (Italian palace) की छत, रकोको अवधि के सौंदर्यशास्त्र की झलक प्रदान करती है। इसकी छत के भित्तिचित्र जो नाटकीय चित्रमय तसवीर और ट्रॉम प्लॉय (Trompe l’oeil) में विशेष है, रकोको कला के खास तत्व हैं।
3. वर्साय का पैलेस (Palace of Versailles):
वर्साय पैलेस के कई हिस्से रकोको कला का प्रदर्शन करते हैं। इसमें बाग के फ़व्वारे में नाटकीय मूर्तियां और सैलून की समृद्ध सजावट शामिल हैं। पोलैंड (Poland) में ब्रेनिकी पैलेस (Branicki Palace) और सेंट पीटर्सबर्ग (St. Petersburg) में कैथरीन पैलेस (Catherine Palace) जैसी अन्य शाही इमारतें भी रकोको शैली को दर्शाती है।
रकोको शैली में बनाए गए अधिकांश प्रतिष्ठित चित्र:
1.) जाँ- अंतवान वात्तो(Jean-Antoine Watteau) द्वारा द एम्बार्केशन फ़ॉर सीथेरा (The Embarkation for Cythera):
इस फ़्रांसीसी कलाकार ने अपनी रचना पर कई अर्थ छोड़ दिए। इन्होंने प्रेम और एकता को दर्शाते हुए, प्रेमियों का यह चित्र बनाया। इसमें एक मज़बूत अंतरंगता है – उनके बीच एकता और प्रशंसा की भावना हैं। बाईं ओर, एक नाव (Prow) है और इसके बगल में नाविक (Oarsmen) हैं, जिन्हें स्वर्गदूतों के रूप में देखा जाता है। स्पष्ट रूप से लगता है कि, वे उन प्रेमियों को लेने या छोड़ने के लिए वहां आए हैं।
2.) जाँ सिमेओं शार्दिन (Jean Siméon Chardin) द्वारा साबुन बुलबुले (Soap Bubbles) :
इस चित्र का नाम ऐसा इसलिए है क्योंकि, चित्र में पूरे कैनवास को कवर करने वाले भूरे रंग की एक अतिरिक्त परत दिखाई देगी। लगता है कि, यह इस रकोको रचना के टोन (Tone) और रंग को शांत करने के लिए प्रयुक्त किया गया था। एक युवा लड़के को एक बुलबुला उड़ाते हुए चित्रित किया गया था, और उसके पीछे एक लड़के को गुप्त रूप से उसके निर्दोष काम को देखते हुए दिखाया गया था। शारडेन की कला, काफ़ी आकस्मिक थी।
3.) जाँ- ओनोरे फ़्रागोनार (Jean-Honoré Fragonard) द्वारा द लॉक (The Lock):
सबसे प्रसिद्ध रकोको कार्य में से एक – द लॉक, एक प्रेममय जोड़े की अंतरंगता को प्रकट करता है। यह पेंटिंग एक विशेष युग का प्रतीक बन गई है। विशेषतः अठाहरवीं शताब्दी में स्वतंत्रता की भावना को इसने अधिक सटीक रूप से दर्शाया।
4.) जाँ- अंतवान वात्तो द्वारा पियरो (Pierrot):
यह चित्र, एक हास्य-अभिनेता को अपने पोशाक में दिखाता है, जो अपनी उदासी को छिपाने में असक्षम प्रतीत होता है। लगता है कि, वह अपने एकांत में अटक गया हो। पियरो चित्र, समय को रोकता है, और मानव स्थिति की नाजुकता को प्रकट करता है।
5.) जाँ- ओनोरे फ़्रागोनार द्वारा स्विंग (Swing):
इस चित्र में बैरुन (Baron) अर्थात ब्रिटिश कुलीनता में सबसे निचले पद के सदस्य और मैडम को दर्शाया गया है।
संदर्भ:
मुख्य चित्र: वेनिस, इटली के ऐतिहासिक महल, का’ रेज़ोनिको (Ca’ Rezzonico) के भव्य बॉलरूम (सैलोन दा बल्लो) का दृश्य। इसकी छत पर पिएत्रो विस्कोन्टी (Pietro Ercole Visconti) द्वारा विस्तृत क्वाड्रेटुरा (वास्तुशिल्प भ्रमकारी पेंटिंग) और जियोवानी बतिस्ता क्रोसातो (Giovanni Battista Crosato) द्वारा 1753 में बनाए गए भित्तिचित्र हैं। इन भित्तिचित्रों में "द फॉल ऑफ़ फेटन" (The Fall of Phaeton) और चार महाद्वीपों के अलंकारिक चित्रण शामिल हैं। (Wikimedia)
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