आज हम समझेंगे लखनऊ की नदियों के जल स्रोत – ग्लेशियरों के बारे में

जलवायु व ऋतु
07-04-2025 09:28 AM
आज हम समझेंगे लखनऊ की नदियों के जल स्रोत – ग्लेशियरों के बारे में

लखनऊ के कई निवासियों को इस तथ्य के बारे में पता होगा कि, हमारे शहर में बहने वाली गोमती नदी, गंगा नदी की एक सहायक नदी (Tributary) है। गंगा के बारे में बात करते हुए, इसका उद्गम उत्तराखंड के उत्तरकाशी ज़िले में गंगोत्री ग्लेशियर से होता है। क्या आप जानते हैं कि, कोई ग्लेशियर (Glacier) या हिमनद, हिम, बर्फ़, चट्टानों और तलछट का एक बड़ा, धीमी गति से चलने वाला द्रव्यमान होता है। हिमनद अत्यंत ठंडे क्षेत्रों या पहाड़ों में पाए जाते हैं, और बर्फ़ विस्तार भी बना सकते हैं। जानकारी की इस कड़ी में, आज हम हिमनदों के बारे में विस्तार से चर्चा करते हैं। हम दुनिया भर में हिमनदों के प्रतिशत वितरण के बारे में पता लगाएंगे। इसके बाद, हम दुनिया भर में विभिन्न प्रकार के हिमनदों पर कुछ प्रकाश डालेंगे। अंत में, हम हिमनदों के पारिस्थितिक और व्यावसायिक महत्व का पता लगाएंगे। 

ग्लेशियर या हिमनद क्या होते है, और वे कहां मौजूद हैं? 

कोई हिमनद, क्रिस्टलीय हिम, बर्फ़, चट्टानों, तलछट, और अक्सर तरल पानी का एक बड़ा व बारहमासी संचय होता है, जो भूमि पर उत्पन्न होता है। यह अपने स्वयं के वज़न तथा द्रव्यमान और गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव में, आगे या ढलान से नीचे गतिशील होता है। आमतौर पर, ग्लेशियर उन क्षेत्रों में मौजूद हैं (और ऐसे क्षेत्रों में बन सकते हैं), जहां:

1.औसत वार्षिक तापमान, ठंड बिंदु के करीब  हो;

2.सर्दियों की वर्षा, बर्फ़ के महत्वपूर्ण संचय पैदा करती  हो; और 

3.वर्ष के बाकी समय के तापमान के कारण भी, पिछले सर्दियों के बर्फ़ संचय का पूर्ण नुकसान नहीं होता  हो।

आइसलैंड में ग्लेशियर और जमी हुई झील |  | चित्र स्रोत : Pexels

दुनिया भर में हिमनदों का वितरण:

हिमनद, ऑस्ट्रेलिया (Australia) को छोड़कर, पृथ्वी के सभी महाद्वीपों पर पाए जाते हैं। दुनिया के विभिन्न महाद्वीपों और क्षेत्रों में, उनके वितरण का उल्लेख निम्नलिखित प्रकार से है:

•अंटार्कटिका (Antarctica) – 91%

•ग्रीनलैंड (Greenland) – 8%

•उत्तरी अमेरिका (North America) – 0.5 %

•एशिया (Asia) – 0.2%

•दक्षिण अमेरिका (South America), अफ़्रीका (Africa), यूरोप (Europe) और अन्य क्षेत्र– 0.1%

पृथ्वी पर विभिन्न प्रकार के हिमनदों की खोज:

ग्रीनलैंड में बर्फ़ की चादर | चित्र स्रोत : Wikimedia 

•बर्फ़ विस्तार (Ice sheets): बर्फ़ के चादर जैसे विस्तार, इसके महाद्वीपीय पैमाने के द्रव्यमान होते हैं। उत्तरी उत्तर अमेरिका के अधिकांश भाग, 20,000 साल पुराने हिम युग से बर्फ़ से ढके हुए है।

•हिम कवच (Ice shield) और हिम छादन (Ice caps): हिम कवच और हिम छादन, हिम विस्तार से छोटे (50,000 वर्ग किलोमीटर या 19,305 वर्ग मील से कम क्षेत्रफ़ल) होते हैं। वे बर्फ़ के बड़े द्रव्यमान भी हैं, जो उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों में एकत्रित होते हैं। 

अमेरिका के वाशिंगटन में स्थित सर्क हिमनद | चित्र स्रोत : Wikimedia 

•सर्क (Cirque) और अल्पाइन हिमनद (Alpine Glaciers): अल्पाइन हिमनद, पहाड़ों में उच्च ऊंचाई पर मौजूद होते हैं। जब वे छोटे कटोरे जैसे आकार में, खड़ी ढलानों पर बनते हैं, तो उन्हें सर्क हिमनदों के रूप में जाना जाता है।

स्विटजरलैंड में अलेत्श ग्लेशियर (Aletsch Glacier) |  चित्र स्रोत : Pexels

•घाटी हिमनद (Valley glaciers) और पीडमोंट हिमनद (Piedmont Glaciers): घाटी और पीडमोंट हिमनद, उच्च अल्पाइन क्षेत्रों में उत्पन्न होते हैं, और समतल भूमि पर समाप्त होते हैं। अक्सर ही, वे गहरे पथरीले घाटियों के माध्यम से बहते हैं, जो इसके दोनों तरफ़ बर्फ़ को सीमित करते हैं। समय के साथ, वे इन घाटियों को आकार देते हैं।

चित्र स्रोत : Wikimedia

•टाइडवाटर (Tidewater) और मीठे पानी के हिमनद (Freshwater Glaciers): टाइडवाटर और मीठे पानी के  हिमनद, भूमि पर बनते हैं लेकिन, पानी के स्रोत में समाप्त होते हैं। वे अक्सर हिमनद बर्फ़ के तैरते हुए टुकड़ों का उत्पादन करते हैं, जिसे हिमशैल के रूप में जाना जाता है।

हिमनदों का पारिस्थितिक और वाणिज्यिक महत्व:

1.) वन्यजीवों का समर्थन:

हिमनदों का पिघला हुआ पानी, झीलों, नदियों और महासागरों में पोषक तत्वों को वितरित करता है। ये पोषक तत्व,  फ़ाइटोप्लैंकटन (Phytoplankton) या पादप प्लवक को खिलने में मदद कर सकते हैं, जो जलीय और समुद्री भोजन श्रृंखलाओं का आधार है। साथ ही, हिमनदों का धीरे–धीरे पिघलना, पौधों और जानवरों के जल धारा आवासों का समर्थन करता है। इसलिए, इनका अक्सर वन्यजीवों और मत्स्य पालन पर एक महत्वपूणरण प्रभाव  होता है।

2.) जल स्रोत के रूप में कार्य: 

कुछ क्षेत्रों में, हिमनद पिघलकर हमारे एवं अन्य प्राणियों के लिए, जीवन-निर्वाह पानी प्रदान करते हैं। 

3.) समुद्र स्तर पर प्रभाव:

समुद्र स्तर को, हिमनद भी प्रभावित करते हैं। हालांकि हिमनद और हिम छादन, कुल भूमि बर्फ़ का केवल 0.5 प्रतिशत  हैं, लेकिन पिछली शताब्दी के दौरान, समुद्र स्तर की वृद्धि में उनका योगदान, बर्फ़ विस्तार के योगदान से अधिक था।

4.) फ़सलों की सिंचाई:

स्विट्ज़रलैंड (Switzerland) की रोन घाटी (Rhone Valley) में, किसानों ने सैकड़ों वर्षों तक हिमनदों के पिघले हुए पानी को अपने खेतों में योजित करके, फ़सलों की सिंचाई की है। एक तरफ़, एक स्थानीय किंवदंती, उत्तरी पाकिस्तान में ग्रामीणों की कहानी बताती है। वे चंगेज़ खान के आक्रमण को विफ़ल करने के लिए, हिमनदों को बढ़ाते थे।  तो दूसरी तरफ़, हिंदू कुश, हिमालय और काराकोरम पर्वत श्रृंखलाओं में, वसंत ऋतु के दौरान, धीमी गति से पानी छोड़ने के लिए, सर्दियों में पानी को संग्रहीत करने हेतु, हिमनदों को  ग्राफ़्टिंग (Grafting) करने का इतिहास है।

 

संदर्भ: 

https://tinyurl.com/534bdwhr

https://tinyurl.com/brp9m977

https://tinyurl.com/yx5wa2cy

https://tinyurl.com/mt2kvpft

मुख्य चित्र: गोमुख, गंगोत्री ग्लेशियर का दृश्य (Wikimedia) 
 

पिछला / Previous


Definitions of the Post Viewership Metrics

A. City Subscribers (FB + App) - This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post.

B. Website (Google + Direct) - This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.

C. Total Viewership — This is the Sum of all Subscribers (FB+App), Website (Google+Direct), Email, and Instagram who reached this Prarang post/page.

D. The Reach (Viewership) - The reach on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion (Day 31 or 32) of one month from the day of posting.