
समयसीमा 241
मानव व उनकी इन्द्रियाँ 992
मानव व उसके आविष्कार 781
भूगोल 220
जीव - जन्तु 279
लखनऊ में कई लोग, म्यूज़ियम यानी संग्रहालयों में गहरी दिलचस्पी रखते हैं। हमारे शहर के कुछ प्रसिद्ध संग्रहालय हैं - स्टेट म्यूज़ियम (State Museum) , 1857 मेमोरियल म्यूज़ियम रेज़ीडेंसी (1857 Memorial Museum Residency) और अंबेडकर पार्क म्यूज़ियम। क्या आप जानते हैं कि ‘म्यूज़ियम’ शब्द प्राचीन ग्रीक भाषा के ‘माउसियॉन’ (Mouseion) शब्द से आया है, जिसका अर्थ है “म्यूज़ (कला और ज्ञान की देवी) का स्थान”? ग्रीक लोग मानते थे कि हर म्यूज़ किसी न किसी कला या विज्ञान की देवी होती है।
आज हम जानेंगे कि ‘म्यूज़ियम’ शब्द की शुरुआत कैसे हुई। फिर हम, एनिगाल्डी-नन्ना के म्यूज़ियम (Ennigaldi-Nanna's museum) के बारे में बात करेंगे, जिसे दुनिया का पहला म्यूज़ियम माना जाता है (530 ईसा पूर्व)। यहां कौन-कौन सी पुरानी चीजें मिली हैं, यह भी जानेंगे। इसके बाद, हम देखेंगे कि दुनिया भर में म्यूज़ियम का इतिहास कैसे बदला और विकसित हुआ। अंत में, हम मध्यकालीन यूरोप के कुछ सबसे पुराने म्यूज़ियम जैसे इटली का कैपिटोलिन म्यूज़ियम और यूनाइटेड किंगडम का रॉयल आर्मरीज़ म्यूज़ियम के बारे में भी चर्चा करेंगे।
म्यूज़ियम शब्द की उत्पत्ति ‘म्यूज़ियम’ शब्द की जड़ें प्राचीन काल से जुड़ी हैं। ग्रीक भाषा में इसे माउसियॉन कहा जाता था, जिसका मतलब था “म्यूज़ (कला और ज्ञान की देवियां) का स्थान।” उस समय, यह शब्द एक दार्शनिक संस्थान या ध्यान करने की जगह के लिए इस्तेमाल किया जाता था।
रोमन काल में इसका लैटिन रूप म्यूज़ियम मुख्य रूप से दार्शनिक चर्चाओं के स्थानों के लिए प्रयोग किया जाता था। उदाहरण के लिए, 3वीं शताब्दी ईसा पूर्व में टॉलेमी प्रथम सोटर (Ptolemy I Soter) द्वारा स्थापित अलेक्ज़ांड्रिया का महान म्यूज़ियम (Great Museum of Alexandria), सिर्फ़ प्राचीन वस्तुओं को संजोने का स्थान नहीं था, बल्कि यह विद्वानों का एक प्रमुख शिक्षण संस्थान था, जिसमें एक प्रसिद्ध पुस्तकालय भी था। इसे आज के विश्वविद्यालयों के प्रारंभिक रूप की तरह माना जाता है।
15वीं शताब्दी में यूरोप में ‘म्यूज़ियम’ शब्द दोबारा इस्तेमाल होने लगा, जब फ़्लोरेंस में लोरेंज़ो डी मेडिची (Lorenzo de’ Medici) के संग्रह को इस नाम से पुकारा गया। हालांकि, तब यह शब्द किसी इमारत के लिए नहीं, बल्कि विभिन्न चीज़ों के विशाल संग्रह को दर्शाने के लिए प्रयोग होता था। 17वीं शताब्दी तक आते-आते, ‘म्यूज़ियम’ शब्द का उपयोग यूरोप में दुर्लभ और रोचक वस्तुओं के संग्रह के लिए किया जाने लगा।
दुनिया का पहला सार्वजनिक म्यूज़ियम:
इतिहास में दर्ज सबसे पहला सार्वजनिक म्यूज़ियम, एनीगल्डी-नन्ना का म्यूज़ियम था, जो करीब 530 ईसा पूर्व का माना जाता है। इसे नबोनिडस (Nabonidus) की बेटी एनीगल्डी ने बनाया था। नबोनिडस, नव-बेबीलोनियन साम्राज्य के अंतिम राजा थे। यह म्यूज़ियम प्राचीन उर राज्य में स्थित था, जो आज के इराक़ के धी कार गवर्नरेट में आता है। यह जगह उर के प्रसिद्ध ज़िगगुराट (Ziggurat) से लगभग 150 मीटर (490 फ़ीट) दक्षिण-पूर्व में थी।
इस म्यूज़ियम में मिली कुछ खास वस्तुएं
यह म्यूज़ियम प्राचीन समय में इतिहास और संस्कृति को संरक्षित करने का एक महत्वपूर्ण प्रयास था।
म्यूज़ियम का वैश्विक इतिहास और विकास
प्राचीन काल: प्राचीन समय में कला केवल म्यूज़ियम तक सीमित नहीं थी, बल्कि यह मंदिरों, इमारतों और अमीर लोगों के घरों में भी दिखाई देती थी। 5वीं शताब्दी ईसा पूर्व में एथेंस के एक्रोपोलिस के प्रोपीलाइया में पिनाकोथीके नामक एक सार्वजनिक प्रदर्शनी थी, जहाँ धार्मिक विषयों पर बनी पेंटिंग्स रखी जाती थीं। इसके अलावा, डेल्फी और ओलंपिया जैसे पैनहेलेनिक तीर्थस्थलों में भी हर तरह की कला संरक्षित थी।
अरस्तू और लिसेयुम: 340 ईसा पूर्व के दशक में, प्रसिद्ध यूनानी दार्शनिक अरस्तू अपने शिष्य थियोफ़्रेटस के साथ लेस्बोस द्वीप गए। वहाँ उन्होंने विभिन्न पौधों को इकट्ठा कर, उनका अध्ययन और वर्गीकरण किया। यह वैज्ञानिक पद्धति की शुरुआत थी। इस व्यवस्थित संग्रह की अवधारणा को आधुनिक म्यूज़ियम की नींव माना जाता है। इसी कारण कई विद्वान मानते हैं कि म्यूज़ियम का इतिहास अरस्तू से शुरू होता है।
अलेक्ज़ेंड्रिया का म्यूज़ियम: अलेक्ज़ेंड्रिया का म्यूज़ियम, लिसेयुम के म्यूज़ियम का अगला चरण था। इसे 280 ईसा पूर्व में टॉलेमी सोटर ने एक शोध संस्थान के रूप में स्थापित किया। यह विद्वानों और शोधकर्ताओं का एक केंद्र था, जो कला और शिक्षा से जुड़ा था।
प्राचीन रोम में म्यूज़ियम: रोमन साम्राज्य में कला को शक्ति प्रदर्शन के लिए सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित किया जाता था। लेकिन इसके साथ-साथ अमीर रोमन लोग निजी रूप से भी कला संग्रह करते थे। इन संपन्न लोगों के पास पिनाकोथीके (चित्र दीर्घाएँ) होती थीं, जिनमें पेंटिंग्स या चित्रित दीवारें शामिल होती थीं। ये कलेक्शन भले ही निजी घरों में होते थे, लेकिन आम लोगों के लिए भी खुले रहते थे।
इस तरह, प्राचीन काल से लेकर आज तक म्यूज़ियम कला और ज्ञान को संरक्षित करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम बना हुआ है।
यूरोप के सबसे पुराने म्यूज़ियम:
यूरोप में कई ऐतिहासिक म्यूज़ियम हैं, जो कला और संस्कृति के लिए महत्वपूर्ण हैं। कैपिटोलिन म्यूज़ियम (Capitoline Museum (1471, रोम)) यूरोप का पहला सार्वजनिक कला संग्रहालय है, जिसे पोप सिक्सटस IV ने स्थापित किया था। रॉयल आर्मरीज़ (Royal Armories (1660, लंदन)) ब्रिटेन का सबसे पुराना म्यूज़ियम है, जिसमें प्राचीन हथियारों और शाही कवचों का संग्रह है। कुंस्टम्यूज़ियम बासेल (Kunstmuseum Basel (1671, स्विट्ज़रलैंड)) पहला नगर-स्वामित्व वाला म्यूज़ियम था। कुंस्टकामेरा (Kunstkamera (1717, रूस)) रूस का पहला वैज्ञानिक म्यूज़ियम था।
ब्रिटिश म्यूज़ियम (1753, लंदन) विश्व के सबसे बड़े संग्रहालयों में से एक है, जहाँ मिस्र की ममी और रोसेटा स्टोन जैसी अनमोल धरोहरें हैं। हर्मिटेज म्यूज़ियम (1764, सेंट पीटर्सबर्ग) कैथरीन द ग्रेट द्वारा स्थापित किया गया और दुनिया के सबसे समृद्ध कला संग्रहालयों में से एक है। ये सभी म्यूज़ियम इतिहास और संस्कृति की झलक दिखाते हैं और शोधकर्ताओं व पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं।
संदर्भ
मुख्य चित्र में ब्रिटिश रेजीडेंसी संग्रहालय का स्रोत : Wikimedia
A. City Subscribers (FB + App) - This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post.
B. Website (Google + Direct) - This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership — This is the Sum of all Subscribers (FB+App), Website (Google+Direct), Email, and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) - The reach on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion (Day 31 or 32) of one month from the day of posting.