इस गर्मी, खरबूज़े की खेती न सिर्फ़ लखनऊ के लोगों को ताज़गी देगी, बल्कि उनकी आमदनी भी बढ़ाएगी

फल-सब्ज़ियां
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इस गर्मी, खरबूज़े की खेती न सिर्फ़ लखनऊ के लोगों को ताज़गी देगी, बल्कि उनकी आमदनी भी बढ़ाएगी

हमारा राज्य उत्तर प्रदेश, भारत में खरबूज़े के सबसे बड़े उत्पादकों में से एक है। यहां किसानों ने, इसे मुख्य रूप से नदी किनारे और उपजाऊ मैदानों में उगाया है। उत्तर प्रदेश के कई ज़िले, खासकर गर्मियों के मौसम के दौरान, खरबूज़े की खेती के लिए प्रसिद्ध होते हैं। यह फल अच्छी धूप और गर्म तापमान के साथ, रेतीली दोमट मिट्टी में सबसे अच्छा बढ़ता है। खरबूज़ा न केवल ताज़ा होता है, बल्कि विटामिन ए (Vitamin-A) और सी (Vitamin-C) में भी समृद्ध है, हमारी प्रतिरक्षा को बढ़ावा देता है, त्वचा स्वास्थ्य में सुधार करता है, और शरीर को जलयोजित रखता है। यह पौष्टिक फल, राज्य में किसानों और लोगों के स्वास्थ्य का समर्थन करता है।

आज, हम खरबूज़े और इसके पोषण संबंधी मूल्यों पर चर्चा करेंगे। इसके बाद, हम बेहतर पाचन और प्रतिरक्षा मज़बूती प्रभाव सहित, इसके स्वास्थ्य लाभों का पता लगाएंगे। फिर हम लोकप्रिय खरबूज़ा किस्मों और उनकी उपज को देखेंगे, तथा भारत में शीर्ष 5 खरबूज़ा-उत्पादक राज्यों पर प्रकाश डालेंगे। अंत में, हम उत्तर प्रदेश में इसकी खेती पर चर्चा करेंगे। 

खरबूज़ा-

खरबूज़ा, एक मीठा और रसदार फल है। इसमें उच्च पानी की मात्रा होने के कारण, गर्मियों के दौरान इसका सेवन, ताज़गी भरा और लाभदायक साबित होता है। इसके स्वास्थ्य लाभ, फल के हर हिस्से में पाए जा सकते हैं। भारत में किसानों द्वारा विशेष रूप से गर्मी के मौसम के दौरान, खरबूज़ा (कुकुमिस मेलो – Cucumis melo) एक फल फ़सल के रूप में, व्यापक रूप से उगाया जाता है। 

चित्र स्रोत : Wikimedia


ये विटामिन ए और सी में समृद्ध होते हैं। यह खनिज़ों, एंटीऑक्सिडेंट (Antioxidant) और अन्य पौष्टिक गुणों में भी उच्च है। अपरिपक्व फल का सब्ज़ियों के रूप में उपयोग किया जाता है, और उनके बीज भी खाने योग्य होते हैं। खरबूज़े में, 90% से अधिक पानी होता है, जो हमारे शरीर को ठंडक प्रदान करता है। इनका उपयोग, मिठाई बनाने के लिए भी किया जाता है। भारत में, खरबूज़ा, मुख्य रूप से पंजाब, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और मध्य प्रदेश में उगाया जाता है। भारत, चीन(China) और तुर्की(Turkey) के बाद दुनिया में खरबूज़े का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। 

खरबूज़े के पोषण संबंधी तथ्य-

प्रत्येक 100 ग्राम खरबूज़े में निम्नलिखित पोषण मात्रा होती है:

कैलोरी – 25 किलो कैलोरी

कार्बोहाइड्रेट – 4.64 ग्राम

प्रोटीन – 0.48 ग्राम

वसा – 0.37 ग्राम

आहार फ़ाइबर – 1.79 ग्राम

खरबूज़े के स्वास्थ्य लाभ-

१.शरीर को जलयोजित रखता है।

ज़्यादातर पानी होने के कारण, इसका सेवन पौष्टिक होने के अलावा, शरीर को ताज़ा और जलयोजित रखता है। 

२.प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देता है।

खरबूज़े की उच्च विटामिन सी मात्रा, इसे हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने में मदद करती है। यह हमारे शरीर को नई सफ़ेद रक्त कोशिकाएं बनाने में मदद करता है, जो शरीर की बीमारी से लड़ने की क्षमताओं को बढ़ावा देती है। 

३.खरबूज़ा दृष्टि के लिए अच्छा है।

खरबूज़े में ज़ेक्सैन्थिन (Zeaxanthin), बीटा-कैरोटीन (Beta-carotene) और ल्यूटिन (Lutein) जैसे एंटीऑक्सिडेंट मौजूद हैं, जो हमारे आंखों के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए जाने जाते हैं। इस फल का नियमित सेवन, उम्र से संबंधित दृष्टि हानि को रोकने और जीवन भर, आंखों के सामान्य कार्य को बनाए रखने में मदद कर सकता है। इन एंटीऑक्सिडेंट के साथ-साथ विटामिन ए और सी में उच्च खाद्य पदार्थ खाने से, स्वस्थ आंखों के कार्य और दृष्टि को बनाए रखने में मदद मिलती है।

४.हृदय स्वास्थ्य के लिए अच्छा है।

खरबूज़े में मौजूद  पोटैशियम (Potassium), रक्तचाप को विनियमित करने में मदद करता है। यह हृदय रोगों की संभावना को भी कम करता है। इसके अलावा, इसमें एडेनोसिन (Adenosine) की उपस्थिति के कारण, हृदय प्रणाली में रक्त के थक्कों को भी कम किया जाता है। 

५.एक स्वस्थ आंत प्रणाली विकसित करता है।

स्वस्थ आंत स्वास्थ्य को, खरबूज़े की उच्च पानी और फ़ाइबर सामग्री द्वारा सुनिश्चित किया जाता है। यह पेट को ठंडा रखने और आंत्र संचलन को विनियमित करने में मदद करता है, एवं कब्ज को रोकने में मदद करता है। 

६.वज़न घटाने में मदद करता है।

खरबूज़े में मौजूद पोटेशियम एवं अत्यधिक पानी और फ़ाइबर सामग्री, वज़न घटाने में मदद करती है। उनमें वसा नगण्य है, जो एक अतिरिक्त लाभ है।

७.मधुमेह नेफ्रोपैथी को रोकता है।

खरबूज़े में मौजूद एक अर्क – ‘ऑक्सीकिन (Oxykine)’ को, मधुमेह  नेफ़्रोपैथी (Diabetic nephropathy) को रोकने के लिए जाना जाता है। मधुमेह नेफ्रोपैथी एक ऐसी स्थिति है, जहां गुर्दे की कोशिकाएं क्षतिग्रस्त होती हैं।

चित्र स्रोत : Wikimedia

खरबूज़े की लोकप्रिय किस्में-

•हरा मधु (Hara Madhu): 

यह किस्म देर से परिपक्व होती है। ये फल बड़े व गोल आकार के होते हैं, एवं इनका औसत वज़न लगभग एक किलो होता है। इनके छिलके हल्के पीले रंग के होते है। इसमें कुल निलंबित ठोस पदार्थ (TSS), लगभग 13% है और यह स्वाद में बहुत मीठा है। इसका गुदा हरा, मोटा और रसदार होता है, जबकि बीज छोटे आकार के होते हैं। यह पाउडर फ़फूंदी के लिए प्रतिरोधी है। यह 50 क्विंटल प्रति एकड़ की औसत उपज देता है।

•पंजाब सुनहरी (Punjab Sunehri): 

यह हरा मधु किस्म से 12 दिन पहले परिपक्व होता है। फल गोल आकार और हल्के भूरे रंग के रंग के होते हैं। इसका औसत वज़न लगभग 700-800 ग्राम है, जिसमें लगभग 11% कुल निलंबित ठोस पदार्थ होते है। इसका गुदा मोटा व नारंगी है। इसकी गुणवत्ता अच्छी है। यह फ्रूटफ़्लाई (Fruit fly)  कीटों के हमले के प्रति, प्रतिरोधी है। इसकी औसत उपज लगभग प्रति एकड़ 65 क्विंटल है।

•पंजाब हाइब्रिड (Punjab Hybrid): 

यह जल्द ही परिपक्व होता है। जालीनुमा हल्के पीले रंग वाले छिलके के साथ, यह फल, गोल आकार का होता है। इसका गुदा मोटा, रसदार और नारंगी रंग का है, जिसमें उत्कृष्ट स्वाद है। इसमें 12% तक कुल निलंबित ठोस पदार्थ होते हैं और फल का औसत वज़न लगभग 800 ग्राम है। यह भी, फ्रूटफ़्लाई  कीटों के हमले के प्रति, प्रतिरोधी है और प्रति एकड़ 65 क्विंटल की औसत उपज देता है।

•एम एच–51 (MH-51):

यह 89 क्विंटल प्रति एकड़ की औसत उपज देता है। इसमें गोल फल होते हैं, जिनमें धारियां होती हैं, और इसका छिलका महीन जालीनुमा होता हैं। इसमें 12% सुक्रोज़ सामग्री होती है।

•एम एच–27 (MH-27):

यह 88 क्विंटल प्रति एकड़ की औसत उपज देता है। इसमें 12.5% सुक्रोज़ सामग्री शामिल है।

•अन्य किस्में:

  • अर्क जीत (Arka Jeet)
  • अर्क राजहंस (Arka Rajhans)
  • एम एच 10 (MH-10)
  • पूसा मधुरिमा (Pusa madhurima)
चित्र स्रोत : pexels

भारत में शीर्ष 5 खरबूज़ा उत्पादक राज्य-

देश के कई राज्य इस फल का उत्पादन करने में आगे हैं, जो इसकी राष्ट्रव्यापी बाज़ारों में आपूर्ति करते हैं। भारत, हर साल लगभग 1-2 मिलियन टन खरबूज़े का उत्पादन करता है। शीर्ष खरबूज़ा उत्पादक राज्यों में उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और मध्य प्रदेश शामिल हैं। 

•उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश, भारत में खरबूज़ा-उत्पादक राज्यों की सूची में अग्रिम है। यह राज्य, सालाना 528.32 टन  खरबूज़ों का उत्पादन करता है, जो 56.52% की बाज़ार हिस्सेदारी रखता है। इसकी उपजाऊ मिट्टी और सहायक जलवायु, इसे उच्च गुणवत्ता वाले खरबूज़े को बढ़ने के लिए एक आदर्श स्थान बनाती है।

•आंध्र प्रदेश

आंध्र प्रदेश, भारत के खरबूज़ा उत्पादन में दूसरे स्थान पर है, एवं हर साल 151.50 टन उपज का योगदान देता है। यह भारत के कुल खरबूज़ा उत्पादन का 16.21% है। इस राज्य की गर्म जलवायु और उन्नत कृषि तकनीक, बड़े पैमाने पर खेती का समर्थन करती है।

•पंजाब

पंजाब की आदर्श मौसम स्थिति के साथ, यह राज्य, सालाना 91.26 टन  खरबूज़ों का उत्पादन करता है, जो बाज़ार में 9.76% का योगदान देता है। इसके खरबूज़े को उनकी ताज़गी और स्वाद के लिए जाना जाता है।

•मध्य प्रदेश

मध्य प्रदेश, इस फल की खेती के लिए, अपनी मिश्रित जलवायु से लाभान्वित होता हैं। राज्य सालाना 40.30 टन  खरबूज़ों का उत्पादन करता है, जो भारत के कुल उत्पादन में 4.31% का योगदान देता है।

•कर्नाटक

कर्नाटक राज्य की आदर्श जलवायु, इस फल के बड़े पैमाने पर वाणिज्यिक उत्पादन का समर्थन करती है। कर्नाटक के खरबूज़े, मीठे, रसदार और उच्च मांग वाले हैं।

चित्र स्रोत : Wikimedia

उत्तर प्रदेश में खरबूज़े की खेती-

 भारत के फल उत्पादन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए, उत्तर प्रदेश के कई ज़िलों में खरबूज़े की व्यापक खेती की जाती है। प्रमुख खरबूज़ा-उत्पादक क्षेत्रों में फ़र्रुखाबाद, ईटा, अलीगढ़, फ़िरोज़ाबाद, आगरा, कन्नौज, बरेली, उन्नाव, इलाहाबाद, मैनपुरी, बदायूं, हाथरस, हरदोई, कानपुर नगर, कानपुर देहात, अमरोहा और कासगान शामिल हैं। ये ज़िले, अपनी उपजाऊ जलोढ़ मिट्टी और एक गर्म जलवायु के कारण, खरबूज़े की खेती के लिए आदर्श  हैं ।

 

संदर्भ: 

https://tinyurl.com/rhfd2wkx

https://tinyurl.com/9ufeccaf

https://tinyurl.com/mrysc6jj

https://tinyurl.com/mr3c63c6

मुख्य चित्र स्रोत : Wikimedia 
 

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