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प्रकाश को मापना कई क्षेत्रों में हमारे लिए अहम् साबित होता है। यह फ़ोटोग्राफ़ी से लेकर, हमारे आसपास के वातावरण पर प्रकाश के प्रभाव का अध्ययन करने तक में हमारे काम आता है। प्रकाश को आमतौर पर इसकी चमक, तीव्रता और रंग के आधार पर मापा जाता है। इसके लिए लक्स एक आम इकाई है। लक्स हमें यह बताता है कि प्रकाश मानव आँख को कितना चमकीला लगता है। वहीं, लुमेन स्रोत से निकलने वाले कुल प्रकाश की मात्रा को मापता है। प्रकाश के रंग को उसकी तरंगदैर्घ्य से मापा जाता है, जिसे नैनोमीटर (Nanometre (nm)) में मापा जाता है। प्रकाश के अध्ययन करने के लिए वैज्ञानिक कई उपकरणों की मदद लेते हैं।
फ़ोटोमीटर(Photometer) प्रकाश मापने का एक सामान्य उपकरण है। वहीं, स्पेक्ट्रोमीटर(Spectrometer) अधिक सटीकता से प्रकाश मापने का काम करता है।
आज, के इस लेख में हम स्पेक्ट्रोफ़ोटोमेट्री (Spectrophotometry) के बारे में बात करेंगे। यह तकनीक प्रकाश अवशोषण को मापने में सहायक होती है। साथ ही हम इसके लाभ और उपयोग की चर्चा भी करेंगे। इसके बाद, हम कैंडेला (Candela), लक्स (Lux), और लुमेन (Lumen) के बारे में जानेंगे। ये इकाइयाँ प्रकाश की तीव्रता, रोशनी और चमकदार प्रवाह को समझने में मदद करती हैं। अंत में, हम चमकदार तीव्रता को समझेंगे। यह एक खास दिशा में उत्सर्जित प्रकाश की मात्रा को मापती है।
प्रकाश क्या है और यह कैसे बनता है?
प्रकाश छोटे-छोटे कणों से बना होता है, जिन्हें फ़ोटॉन (Photon) कहा जाता है। ये कण तरंगों के रूप में यात्रा करते हैं और ऊर्जा को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाते हैं। जब ऊर्जा का रूपांतरण होता है, तब प्रकाश उत्पन्न होता है। दृश्य प्रकाश के उत्सर्जन को "ल्यूमिनेसेंस" (Luminance) कहा जाता है। जो चमक और रंग हम देखते हैं, वह प्रकाश की तरंगदैर्ध्य पर निर्भर करता है। इसके अलावा, यह उस तीव्रता पर भी निर्भर करता है जिससे विकिरण आँख की रेटिना से टकराता है। छोटी तरंगदैर्ध्य को पराबैंगनी (अल्ट्रावायलेट) कहते हैं, जबकि लंबी तरंगदैर्ध्य को अवरक्त ( इंफ़्रारेड (Infrared)) कहते हैं। इन अलग-अलग तरंगदैर्ध्यों से प्रकाश के गुण बदलते हैं।
प्रकाश की तीव्रता (कैंडेला) क्या है?
चमकदार तीव्रता (Luminous intensity) एक फ़ोटोमेट्रिक माप है। यह किसी दिशा में उत्सर्जित प्रकाश की तीव्रता का वर्णन करती है। यह केवल प्रकाश स्रोत पर निर्भर नहीं करती। इसकी तीव्रता उस उपकरण के डिज़ाइन पर भी निर्भर करती है जो प्रकाश को उत्सर्जित करता है। चमकदार तीव्रता प्रकाश प्रवाह को स्रोत के बीम कोण से जोड़ती है। यह बताती है कि प्रकाश कितना केंद्रित है और उसकी घनत्व कैसी है।
चमकदार तीव्रता को मापने की इकाई क्या है?
चमकदार तीव्रता को "कैंडेला" (cd) में मापा जाता है। उदाहरण के लिए, एक सामान्य मोमबत्ती की चमक लगभग 1 कैंडेला होती है।
प्रकाश की तीव्रता कैसे मापी जाती है?
लैंपों की तुलना करने के लिए चमकदार तीव्रता महत्वपूर्ण होती है। समान चमकदार प्रवाह (ल्यूमेन) वाले दो लैंप अलग-अलग बीम कोणों के कारण अलग चमकदार तीव्रता दिखा सकते हैं।
छोटे बीम कोण वाले लैंप का प्रकाश अधिक केंद्रित होता है। इस कारण से उनकी चमकदार तीव्रता अधिक होती है। वहीं, बड़े बीम कोण वाले लैंप का प्रकाश फैलता है, जिससे उनकी तीव्रता कम होती है।
स्पेक्ट्रोफ़ोटोमेट्री एक ऐसी तकनीक है, जिसका उपयोग किसी पदार्थ द्वारा अवशोषित या संचरित प्रकाश की मात्रा को मापने में होता है। यह प्रक्रिया तीन कारकों पर आधारित होती है।
1. प्रकाश की तरंगदैर्घ्य।
2. नमूने की सांद्रता।
3. पदार्थ के माध्यम से प्रकाश द्वारा तय की गई पथ लंबाई।
इस तकनीक का उपयोग व्यापक रूप से रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान में होता है। इसका मुख्य उद्देश्य पदार्थों का मात्रात्मक विश्लेषण करना है। उदाहरण के लिए, यह किसी घोल में विलेय की सांद्रता को मापने में मदद करता है। प्रकाश की तीव्रता को मापने के लिए स्पेक्ट्रोफ़ोटोमीटर नामक उपकरण का उपयोग होता। यह विभिन्न तरंगदैर्घ्य पर संचरित, परावर्तित, या उत्सर्जित होने वाले प्रकाश की तीव्रता रिकॉर्ड करता है। यह प्रक्रिया एक स्पेक्ट्रम उत्पन्न करती है। यह स्पेक्ट्रम पदार्थ के गुणों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करता है।
स्पेक्ट्रोफ़ोटोमीटर के प्रकार
- सिंगल-बीम स्पेक्ट्रोफ़ोटोमीटर: यह उपकरण संदर्भ और नमूना माप दोनों के लिए एक ही प्रकाश किरण का उपयोग करता है।
- डबल-बीम स्पेक्ट्रोफ़ोटोमीटर: इस उपकरण में सटीकता बढ़ाने के लिए दो अलग-अलग प्रकाश किरणों का उपयोग किया जाता है।
- यूवी स्पेक्ट्रोफ़ोटोमीटर: यह विशेष रूप से पराबैंगनी प्रकाश का विश्लेषण करता है। यह उन अणुओं के अध्ययन में सहायक है जो यूवी-अवशोषित कार्यात्मक समूह रखते हैं।
- आई आर स्पेक्ट्रोफ़ोटोमीटर: यह उपकरण अवरक्त प्रकाश के अवशोषण और संचरण को मापता है। यह पदार्थों के आणविक कंपन और संरचनात्मक विशेषताओं की जानकारी प्रदान करता है।
स्पेक्ट्रोफ़ोटोमेट्री के अनुप्रयोग
स्पेक्ट्रोफ़ोटोमीटर एक बहुमुखी उपकरण होता है। इसका उपयोग कई उद्देश्यों के लिए किया जाता है। यह पदार्थों की सांद्रता का पता लगाता है और उनकी मात्रा निर्धारित करता है। यह अशुद्धियों की पहचान करता है और कार्बनिक यौगिकों की संरचना को स्पष्ट करता है। यह उपकरण जलीय पर्यावरण में घुले ऑक्सीजन के स्तर की निगरानी में सहायक है। प्रोटीन की विशेषता बताने और कार्यात्मक समूहों का पता लगाने के लिए भी इसका उपयोग होता है।
अस्पतालों में यह श्वसन गैसों का विश्लेषण करने में मदद करता है। इसके अलावा, यह यौगिकों के आणविक भार को निर्धारित करता है। सेल लाइन विकास में, यह सेल व्यवहार्यता और सांद्रता का आकलन करता है।
इसकी विशेषताएं इसे वैज्ञानिक और औद्योगिक क्षेत्रों के लिए अमूल्य बनाती हैं। यह उपकरण शुद्ध यौगिकों और जटिल जैविक तैयारियों दोनों के लिए उपयोगी साबित होता है।
कैंडेला - चमकदार तीव्रता को मापने की इकाई: कैंडेला (cd) को कैंडलपावर भी कहा जाता है। यह चमकदार तीव्रता को मापने की मूल इकाई होती है। कैंडेला यह बताती है कि कोई प्रकाश स्रोत कितना उज्ज्वल है। इसकी मदद से यह समझा जा सकता है कि प्रकाश को कितनी दूर तक देखा जा सकता है, जब तक कि वह बहुत मंद न हो जाए। उदाहरण के लिए, लेज़र पॉइंटर या स्पॉटलाइट की कैंडेला रेटिंग अधिक होती है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि वे अपने प्रकाश को एक दिशा में केंद्रित करते हैं। कैंडेला को एक सरल तुलना से समझा जा सकता है।:- 1 कैंडेला मोटे तौर पर एक मोमबत्ती से निकलने वाले प्रकाश के बराबर होता है।
लुमेन- प्रकाश का कुल आउटपुट मापने की इकाई: लुमेन (lm) वह माप है, जो प्रकाश स्रोत से निकलने वाले कुल दृश्य प्रकाश की मात्रा को दर्शाती है। यह चमकदार प्रवाह को मापने की इकाई है। लुमेन से यह समझ आता है कि कोई प्रकाश स्रोत कितना दृश्यमान प्रकाश उत्पन्न करता है। आजकल लुमेन का उपयोग विशेष रूप से एल ई डी (LED) लैंप और अन्य प्रकाश बल्बों के लिए किया जाता है।
लुमेन और कैंडेला के बीच अंतर को एक उदाहरण से समझ सकते हैं। मान लीजिए, एक बल्ब का प्रकाश, चारों तरफ़ फैला हुआ है। इसकी लुमेन रेटिंग अधिक हो सकती है। लेकिन अगर वह प्रकाश एक दिशा में केंद्रित किया जाए, तो कैंडेला रेटिंग बढ़ जाएगी।
लक्स: सतह पर प्रकाश की मात्रा मापने की इकाई- लक्स (lx) सतह पर पड़ने वाले प्रकाश की तीव्रता को मापता है। यह प्रति इकाई क्षेत्र में प्रकाश की मात्रा को दर्शाता है। 1 लक्स का मतलब है कि 1 लुमेन प्रति वर्ग मीटर की सतह पर पड़ रहा है। जब किसी लैंप की चमक को लक्स में मापा जाता है, तो इसकी दूरी का उल्लेख करना आवश्यक होता है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि बल्ब से सतह की दूरी और बल्ब का प्रकार लक्स के स्तर को प्रभावित करते हैं। यह बताता है कि एक क्षेत्र में कितनी मात्रा में चमकदार प्रवाह (ल्यूमेन) पड़ता है। लक्स यह दिखाता है कि एक सतह कितनी अच्छी तरह से प्रकाशित है। उदाहरण के लिए, एक टेबल लैंप का लक्स मान उस दूरी पर निर्भर करेगा, जहां से यह सतह को रोशन करता है।
लक्स की गणना का सूत्र:
लक्स (lx) = चमकदार प्रवाह (lm) / क्षेत्र (m²)।
यदि 1 ल्यूमेन का प्रकाश, 1 m² के क्षेत्र पर पड़ता है, तो रोशनी 1 लक्स होगी।
दूरी के आधार पर रोशनी की गणना के लिए एक और सूत्र है:
लक्स (lx) = चमकदार तीव्रता (cd) / दूरी² (m²)।
आइए, अब इन तीनों के बीच के अंतर और उपयोग को समझते हैं:
कैंडेला, लुमेन और लक्स, प्रकाश के अलग-अलग पहलुओं को मापने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। प्रत्येक माप प्रकाश के उपयोग और इसकी विशेषताओं के बारे में अनोखी जानकारी प्रदान करता है।
एक लेज़र पॉइंटर का लुमेन मान कम हो सकता है, लेकिन इसकी कैंडेला रेटिंग अधिक होगी। ऐसा इसलिए है क्योंकि, इसकी किरणें बहुत दूर तक दिखाई देती हैं।
दूसरी ओर, एक बल्ब की लुमेन रेटिंग, उसकी कुल चमक दिखाती है। वहीं, डेस्क लैंप जैसे उपकरणों की रोशनी लक्स में मापी जाती है, जो उनकी सतह की रोशनी की तीव्रता को दर्शाते हैं। तीनों इकाइयों को समझना, प्रकाश स्रोत की क्षमता और उपयोग को बेहतर तरीके से समझने में मदद करता है।
संदर्भ
https://tinyurl.com/24qyu3cw
https://tinyurl.com/282axudd
https://tinyurl.com/28h5n9th
मुख्य चित्र: फ़ोटोमीटर (Photometer) नामक एक प्रकाश मापन यंत्र (Wikimedia)
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