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भारत में रेलवे का इतिहास तब शुरू हुआ जब भारत ब्रिटिश सरकार के आधीन था। ब्रिटिश सरकार द्वारा परिवहन को आसान बनाने के लिये भारत में कई रेल लाईनें बिछाई गईं किंतु बाद में रेल लाईनें निजी रेलवे कम्पनियों द्वारा बनायी जाने लगीं। वर्तमान समय में यात्रा के लिये रेल परिवहन एक उत्तम साधन बन चुका है, जिसमें उत्तरप्रदेश रेलवे भी बहुत महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उत्तर भारत की पहली विस्तृत रेलवे प्रणाली अवध और रोहिलखंड रेलवे प्रणाली थी। उत्तर भारत का यह व्यापक रेलवे संजाल शुरूआत में बनारस से शुरू होकर दिल्ली तक जाता था। इसका गठन 1872 में किया गया था जिसका मुख्यालय लखनऊ में स्थित था। इसके अंतर्गत 1872 में लखनऊ से हरदोई, लखनऊ से बाराबंकी और मुरादाबाद से चंदौसी तक रेल लाइनें बनायी गयीं जोकि 1873 में बरेली तक विस्तृत हो गयी। 1872 में अवध और रोहिलखंड रेलवे ने वाराणसी से लखनऊ तक ब्रॉड गेज लाइन (Broad Gauge Line) 1,676 मिमी खोली जिसका विस्तार फैज़ाबाद लूप (Loop) के साथ फैज़ाबाद तक किया गया जिसके बाद जौनपुर जंक्शन का निर्माण किया गया।
जौनपुर जंक्शन (स्टेशन कोड JNU) भारत के उत्तरप्रदेश राज्य के जौनपुर जिले में स्थित है जिसे भंडारीया रेलवे स्टेशन (भंडारी रेलवे स्टेशन) के नाम से भी जाना जाता है। यह स्टेशन उत्तर रेलवे लखनऊ डिवीज़न (Division) और वाराणसी-लखनऊ लाइन का हिस्सा है जिसे फैजाबाद तक विस्तृत किया गया है। यह इलाहाबाद-जौनपुर लाइन और औंरिहर-केराकत-जौनपुर लाइन का भी हिस्सा है। जौनपुर जंक्शन जौनपुर-फैज़ाबाद, जौनपुर-सुल्तानपुर, जौनपुर-प्रतापगढ़, जौनपुर-वाराणसी, जौनपुर-गाज़ीपुर, जौनपुर-आज़मगढ़ को आवरित करता है।
उत्तर रेलवे में इस स्टेशन को आदर्श श्रेणी के अंतर्गत रखा गया है। इसके आसपास के स्टेशनों में जौनपुर सिटी (JOP) और ज़ाफराबाद जंक्शन (ZBD) भी शामिल हैं। यह मध्यम राजस्व स्टेशन दैनिक आधार पर 20,000 से अधिक यात्रियों को 60 से अधिक ट्रेनों की सेवाएं प्रदान करता है जोकि उत्तर रेलवे ज़ोन के अंतर्गत आने वाले लखनऊ डिवीज़न के प्रशासनिक नियंत्रण में हैं, और आंशिक रूप से पूर्वोत्तर रेलवे ज़ोन के वाराणसी डिवीज़न के अधीन है। जौनपुर जंक्शन (JNU) दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई जैसे कई महत्वपूर्ण सांस्कृतिक स्थलों के साथ-साथ जम्मू, चंडीगढ़, देहरादून, जयपुर, अहमदाबाद, भोपाल, पटना, गुवाहाटी, रायपुर, रामेश्वरम, हरिद्वार, तिरुचिरापल्ली, इंदौर सूरत, नागपुर, मथुरा विजयवाड़ा, आगरा, दुर्ग आदि से भी अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।
उत्तरप्रदेश का रेल हब (Rail Hub) वाराणसी जंक्शन को कहा जाता है। वाराणसी छावनी रेलवे स्टेशन के नाम से विख्यात यह जंक्शन आंशिक रूप से पूर्वोत्तर रेलवे ज़ोन के वाराणसी डिवीज़न के प्रशासनिक नियंत्रण में है। बनारस के लिये पहली रेलवे लाईन ईस्ट इंडियन रेलवे कंपनी (East Indian Railway Company) के मुख्य अभियंता जॉर्ज टर्नबुल द्वारा 1862 में हावड़ा स्टेशन से खोली गयी थी, जो कि बंडेल, बर्दवान, राजमहल और पटना से होकर गुज़रती थी। स्टेशन को गंगा के दाहिने किनारे पर बनाया गया था। वर्तमान में वाराणसी छावनी रेलवे स्टेशन देश के ए क्लास (A Class) श्रेणी वाले 75 व्यस्त रेलवे स्टेशनों में से एक है जिसने स्वच्छता के पैमाने पर 14वां स्थान प्राप्त किया है। स्टेशन प्रतिदिन 250 से अधिक ट्रेनों में यात्रा करने वाले अनगिनत यात्रियों को संभालता है।
जौनपुर जंक्शन के अंतर्गत आने वाला केराकत रेलवे स्टेशन भी आज़ादी से पूर्व ए क्लास रेलवे स्टेशन था। जहां रेलवे स्टेशन पर सभी सुविधाएं उपलब्ध थीं वहीं माल गोदाम रेल इंजन के लिये पानी की बड़ी टंकी की सुविधा भी थी। यहां सहायक स्टेशन मास्टर समेत अन्य रेलवे स्टाफ (Staff) भी मौजूद हुआ करता था। ट्रेनों के आवागमन और माल बुकिंग (Booking) के साथ ट्रेनों के क्रॉसिंग (Crossing) की सुविधा भी थी। लेकिन धीरे-धीरे इन सुविधाओं को नौकरशाही ने समाप्त कर दिया। कभी ए क्लास रह चुका यह स्टेशन अब केवल एक पड़ाव बनकर रह गया है। तहसील मुख्यालय होने के बाद भी यह हवाला दिया जाता है कि यह मुख्य सड़क मार्ग से नहीं जुड़ा है। लोगों का कहना है कि पूर्वांचल में कई ऐसे रेलवे स्टेशन हैं जहां कोई सुविधा उपलब्ध नहीं हैं लेकिन वहां फिर भी एक्स्प्रेस ट्रेनों (Express Trains) का ठहराव होता है। ऐसे में केराकत में भी एक्स्प्रेस ट्रेनों के ठहराव को अनुमति मिलनी चाहिए। यहां के लोगों को केराकत रेलवे स्टेशन के हित को लेकर काफी अपेक्षाएं हैं जिनका पूरा होना आवश्यक है ताकि अपने पुराने अस्तित्व को यह पुनः प्राप्त कर सके।
संदर्भ:
1. https://en.wikipedia.org/wiki/Jaunpur_Junction_railway_station
2. https://en.wikipedia.org/wiki/Oudh_and_Rohilkhand_Railway
3. https://www.hoponindia.com/poi/148/Varanasi-Junction/
4. https://www.patrika.com/jaunpur-news/british-period-first-class-railway-station-very-bad-condition-present-2478149/
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