क्यों जौनपुर के लोग, आज रीचार्जेबल बैटरियों के बिना, अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते?

वास्तुकला 2 कार्यालय व कार्यप्रणाली
14-04-2025 09:15 AM
क्यों जौनपुर के लोग, आज रीचार्जेबल बैटरियों के बिना, अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते?

हम जौनपुर के लोग, अपने फ़ोन, लैपटॉप, कैमरे, और अन्य इलेक्ट्रिक  उपकरणों   में मौजूद रीचार्जेबल  बैटरियों को, उनके ऊर्जा प्रभावी फ़ायदे के लिए लिए धन्यवाद देते हैं।  इन विद्युत बैटरियों (इलेक्ट्रिकल Batteries) को स्टोरेज बैटरी या सेकेंडरी सेल भी कहा जाता है। इन्हें कई बार चार्ज और डिस्चार्ज किया जा सकता है । एक तरफ़,  डिस्पोज़ेबल या प्राथमिक बैटरी को पूरी तरह से बिजली आपूर्ति की जाती है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि, बैटरी कैसे काम करती है। तो आज, इसके बारे में विस्तार से जानकारी पाए। फिर, हमें भारत में मौजूद कुछ लोकप्रिय प्रकार की रीचार्जेबल बैटरी के बारे में पता चलेगा। इसके अलावा, हम रीचार्जेबल बैटरी के कुछ नुकसानों पर प्रकाश डालेंगे। अंत में, हम रीचार्जेबल बैटरी उत्पादन की वर्तमान वैश्विक स्थिति का पता लगाएंगे।

बैटरी कैसे काम करती है ?

बैटरी काम कर सके, इसलिए बिजली को आसानी से संग्रहीत किए जाने से पहले, एक रासायनिक पोटेंशियल (Chemical potential) रूप में परिवर्तित किया जाना चाहिए। एक बैटरी, दो विद्युत टर्मिनलों (Electrical terminals) से मिलकर बनती है, जिन्हें कैथोड (Cathode) और एनोड (Anode) कहा जाता है। इन्हें एक रासायनिक सामग्री द्वारा अलग किया जाता है, जिसे इलेक्ट्रोलाइट (Electrolyte) कहा जाता है। ऊर्जा को स्वीकार करने और जारी करने के लिए, एक बैटरी को बाहरी सर्किट (Circuit) में जोड़ा जाता है। इलेक्ट्रॉनों (Electrons) को सर्किट के माध्यम से स्थानांतरित किया जाता है, जबकि  आयंस (Ions) (एक विद्युत आवेश के साथ परमाणु या अणु) इलेक्ट्रोलाइट के माध्यम से चलते हैं। 

बैटरी की कार्यप्रणाली | चित्र स्रोत : Wikimedia 

एक रीचार्जेबल बैटरी में इलेक्ट्रॉन और आयन, सर्किट और इलेक्ट्रोलाइट के माध्यम से किसी भी दिशा में स्थानांतरित हो सकते हैं। जब इलेक्ट्रॉन कैथोड से एनोड तक जाते हैं, तो वे रासायनिक पोटेंशियल ऊर्जा को बढ़ाते हैं, इस प्रकार बैटरी को चार्ज करते हैं। जबकि, जब वे दूसरी दिशा में स्थानांतरित होते हैं, तो वे इस रासायनिक पोटेंशियल ऊर्जा को सर्किट में, बिजली में परिवर्तित करते हैं और बैटरी को डिस्चार्ज करते हैं। 

चार्जिंग या डिस्चार्जिंग के दौरान, विपरीत रूप से चार्ज किए गए आयन, इलेक्ट्रोलाइट के माध्यम से बैटरी के अंदर, बाहरी सर्किट के माध्यम से जाने वाले इलेक्ट्रॉनों के आवेश को संतुलित करने तथा एक स्थायी व रीचार्जेबल सिस्टम का उत्पादन करने के लिए चलते हैं। एक बार चार्ज होने के बाद, बैटरी को बाद में बिजली के रूप में उपयोग के लिए, रासायनिक पोटेंशियल ऊर्जा को   करने हेतु सर्किट से वियोजित किया जा सकता है।

भारत में लोकप्रिय रीचार्जेबल बैटरियों के प्रकार:

चित्र स्रोत : Wikimedia 

1.) निकेल कैडमियम बैटरी (Nickel-cadmium Batteries): 

इस बैटरी को इसके स्थायित्व और लागत-प्रभावशीलता के लिए जाना जाता है। उन्हें कई औद्योगिक क्षेत्रों में प्रयुक्त किया जाता हैं। हालांकि, वे नए बैटरी विकल्पों की तुलना में थोड़े पुराने हैं। निकेल कैडमियम (Ni-Cd) बैटरी, उच्च ऊर्जा भंडारण की पेशकश करती है, और आंशिक डिस्चार्ज को संभाल सकती है। वे कई उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए भी उपयुक्त हैं।

चित्र स्रोत : Wikimedia 

2.) लिथियम आयन बैटरी (Lithiumion Batteries): 

ये बैटरियां, दक्षता और भंडारण क्षमता में नेतृत्व करती हैं। वे 97% ग्रिड एनर्जी स्टोरेज (Grid energy storage) मार्केट को कवर करती हैं। उनके लिए विशेष चार्जर्स का उपयोग करना महत्वपूर्ण है। यह उनकी उच्च वोल्टेज ज़रूरतों और संवेदनशीलता के कारण है। 

चित्र स्रोत : Wikimedia 

3.) हाइब्रिड बैटरी (Hybrid Batteries): 

ज़ेबरा (ZEBRA) या सोडियम मेटल हैलाइड (Sodium metal halide) जैसी हाइब्रिड  बैटरियों में आज हितधारकों की रुचि बढ़ रही है। ये बैटरियां, स्थिर और लागत प्रभावी ग्रिड अनुप्रयोगों के लिए अच्छी हैं। कार्बनिक जलीय प्रवाह बैटरी (Organic aqueous flow batteries) में भी अद्वितीय गुण होते हैं। वे बड़े पैमाने पर अक्षय ऊर्जा को स्टोर कर सकती हैं।
 

चित्र स्रोत : Wikimedia 

4.) लेड एसिड बैटरी (Lead-Acid Batteries): 

आज सुरक्षित एवं इको-फ्रेंडली बैटरियों पर विचार किया जा रहा है। लेड एसिड बैटरी पुनर्नवीनीकरण योग्य हैं। वे कई उपयोगों के लिए, अच्छा ऊर्जा भंडारण प्रदान करते हैं।

रीचार्जेबल बैटरी के नुकसान:

1.) अधिक अप-फ़्रंट लागत: 

रीचार्जेबल बैटरियां,  डिस्पोज़ेबल बैटरियों की तुलना में अधिक महंगी है। हालांकि, जब आप किसी डिवाइस या विद्युत प्रणाली के जीवन पर दीर्घकालिक उपयोग की लागत पर विचार करते हैं, तो रीचार्जेबल बैटरियों की समग्र लागत कम होती है। 

2.) स्टोरेज में चार्ज भंडारण की सीमित क्षमता: 

जब रीचार्जेबल बैटरी उपयोग में नहीं होती है, तो यह  डिस्पोज़ेबल बैटरी की तुलना में अधिक तेज़ी से बिजली खो देती है। हालांकि, इस बैटरी के उपयोग में होने पर, यह नुकसान व्यावहारिक रूप से काफ़ी कम हो जाता है। 

3.) समाप्त होने पर सूचना का अभाव:

रीचार्जेबल बैटरी, समय के साथ  डिस्पोज़ेबल बैटरी के विपरीत लगातार प्रदर्शन करती है। उदाहरण के तौर पर, आपका फ़ोन तब तक पूरी तरह कार्यात्मक रहेगा, जब तक कि बैटरी डिस्चार्ज नहीं हो जाती। 

लिथियम आयरन फॉस्फेट LiFePO4 सेल 700Ah समानांतर और श्रृंखला | चित्र स्रोत : Wikimedia 

रीचार्जेबल बैटरी उत्पादन की वर्तमान वैश्विक स्थिति:

2023 में एडमास इंटेलिजेंस (Adamas Intelligence) द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया के आधे से अधिक इलेक्ट्रिक वाहनों एवं दुनिया के आधे से अधिक इलेक्ट्रिक वाहन  बैटरियों का उत्पादन, चीन (China) द्वारा किया गया था। इस संदर्भ में दूसरे और तीसरे उत्पादक, संयुक्त राष्ट्र अमेरिका (United States of America) और जर्मनी (Germany) थे। फिर यूनाइटेड किंगडम (United Kingdom) एवं फ़्रांस(France), क्रमशः चौथे तरह पांचवें स्थान पर थे।

हालांकि चीन-निर्मित ई वी  बैटरियों  का उत्पादन, दिसंबर 2022 में 58% वैश्विक ई वी बैटरी  खपत से घटकर दिसंबर 2023 में 54% हो गया था।

 

संदर्भ: 

https://tinyurl.com/5yb9rhtp

https://tinyurl.com/mkkrmukz

https://tinyurl.com/yc3xpxh5

https://tinyurl.com/mupbvs5t

मुख्य चित्र: रीचार्जेबल AA और AAA बैटरियों के लिए एक सामान्य उपभोक्ता बैटरी चार्जर और आईफ़ोन 3GS  में प्रयोग होने वाली  लिथियम-आयन पॉलीमर बैटरी (Wikimedia)

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