आइए डालें, उत्तर प्रदेश में जलविद्युत ऊर्जा उत्पादन और इसकी आगामी परियोजनाओं पर एक नज़र

नगरीकरण- शहर व शक्ति
22-03-2025 09:05 AM
आइए डालें, उत्तर प्रदेश में जलविद्युत ऊर्जा उत्पादन और इसकी आगामी परियोजनाओं पर एक नज़र

हर कोई, जो जौनपुर में रहता है, यह मानता है कि बिजली हमारी ज़िंदगी का एक अहम हिस्सा बन चुकी है। क्या आप जानते हैं कि 2022-23 में, उत्तर प्रदेश ने करीब 39,691 मिलियन यूनिट्स बिजली बनाई थी? आज हम बात करेंगे उत्तर प्रदेश में हाल के सालों में बिजली उत्पादन के बारे में। फिर हम भारत में जलविद्युत ऊर्जा संयंत्रों के बारे में जानेंगे। यहां हम इम्पाउंडमेंट, डाइवर्सन और पंप्ड स्टोरेज पावर प्लांट्स पर ध्यान देंगे। इसके बाद, हम भारत में जलविद्युत संयंत्रों को उनके आकार के आधार पर वर्गीकृत करेंगे। फिर, हम उत्तर प्रदेश के जलविद्युत संयंत्रों के बारे में जानेंगे और उनकी उत्पादन क्षमता पर बात करेंगे। अंत में, हम पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र में आने वाले जलविद्युत संयंत्रों पर ध्यान देंगे।

उत्तर प्रदेश में हाल के वर्षों में बिजली उत्पादन

वित्तीय वर्ष 2022-23 में, उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम (Uttar Pradesh Rajya Vidyut Utpadan Nigam Limited (UPRVUNL)) के तहत आने वाले ताप विद्युत संयंत्र (Thermal Power Plants) जैसे अनपरा, ओबरा, परिछा और हरदुआगंज ने कुल 39,691 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन किया। यह 2021-22 में 35,022 मिलियन यूनिट्स के मुकाबले 13.33% ज़्यादा है, जैसा कि राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया।

इससे पहले, उत्तर प्रदेश के पावर प्लांट्स ने 2018-19 में सबसे ज़्यादा बिजली उत्पन्न की थी, जब 37,657 मिलियन यूनिट्स का उत्पादन हुआ था। इस तरह, राज्य ने 2018-19 के मुकाबले 5.40% ज़्यादा बिजली उत्पन्न की।

हमारे राज्य के पावर प्लांट्स ने 76.44% की प्लांट लोड फ़ैक्टर (Plant Load Factor (PLF)) पर काम किया। यह 2019-20 (68.80%), 2020-21 (69.71%) और 2021-22 (71.82%) के मुकाबले ज़्यादा था। अनपरा थर्मल पावर स्टेशन के 2x500 MW यूनिट्स ने 95.75% की रिकॉर्ड प्लांट लोड फैक्टर पर बिजली का उत्पादन किया और 8388 मिलियन यूनिट्स का अब तक का सबसे ज़्यादा उत्पादन किया।

ओडिशा में स्थित इंदिरावती बांध। | चित्र स्रोत : wikimedia

भारत में जलविद्युत पावर प्लांट्स के प्रकार

1.) इंपाउंडमेंट (Impoundment): जलविद्युत ऊर्जा संयंत्र का सबसे सामान्य प्रकार इंपाउंडमेंट है। इसमें, एक बड़ी जल-ऊर्जा प्रणाली, एक बांध का उपयोग करके नदी के पानी को एक जलाशय में संग्रहित करती है। जलाशय से पानी छोड़ने पर वह एक टरबाइन से होकर गुज़रता है, जो उसे घुमाता है। इससे जनरेटर शुरू होता है और बिजली उत्पन्न होती है।

2.) डायवर्ज़न (Diversion): डाइवर्जन, जिसे कभी-कभी रन-ऑफ़-रिवर (run-of-river) सुविधा कहा जाता है, नदी के एक हिस्से को एक नहर या पेनस्टॉक के माध्यम से चैनल करता है और फिर वह पानी टरबाइन से होकर गुजरता है, जिससे टरबाइन घूमता है और जनरेटर एक्टिवेट होता है। इसमें बांध की आवश्यकता नहीं होती है।

3.) पंप्ड स्टोरेज (Pumped Storage): यह एक बैटरी की तरह काम करता है, जो अन्य ऊर्जा स्रोतों जैसे सौर, पवन और परमाणु द्वारा उत्पन्न बिजली को बाद में उपयोग के लिए संग्रहित करता है। जब बिजली की मांग कम होती है, तो पंप्ड स्टोरेज सुविधा, पानी को एक निचले जलाशय से ऊपरी जलाशय में पंप करके ऊर्जा संग्रहित करती है। उच्च विद्युत मांग के समय, पानी को फिर से निचले जलाशय में छोड़ दिया जाता है और वह टरबाइन को घुमाता है, जिससे बिजली उत्पन्न होती है।

नागार्जुन सागर बांध कृष्णा नदी पर एक चिनाई वाला बांध है जो तेलंगाना में नलगोंडा ज़िले और आंध्र प्रदेश में पालनाडु ज़िले के बीच की सीमा पर फैला है | चित्र स्रोत : wikimedia

भारत में जलविद्युत ऊर्जा संयंत्रों के आकार के आधार पर वर्गीकरण

जलविद्युत संयंत्रों का आकार बहुत विविध होता है, जिसमें बड़े पावर संयंत्र होते हैं, जो कई उपभोक्ताओं को बिजली प्रदान करते हैं, और छोटे तथा ‘सूक्ष्म’ प्लांट्स भी होते हैं, जो व्यक्ति अपनी ऊर्जा की जरूरतों के लिए या उपयोगिता कंपनियों को बिजली बेचने के लिए संचालित करते हैं।

  • बड़े जलविद्युत  ऊर्जा संयंत्र: हालांकि परिभाषाएं अलग-अलग हो सकती हैं, लेकिन DOE (ऊर्जा विभाग) के अनुसार,  ये वो ऊर्जा संयंत्र होते हैं जिनकी क्षमता 30 मेगावाट (MW) से अधिक होती है।
  • छोटे जलविद्युत  ऊर्जा संयंत्र: छोटे जलविद्युत पावर प्लांट्स ऐसे प्रोजेक्ट्स होते हैं जो 100 किलोवाट से लेकर 10 मेगावाट (MW) तक बिजली उत्पन्न करते हैं।
  • सूक्ष्म जलविद्युत  ऊर्जा संयंत्र: एक सूक्ष्म जलविद्युत पावर प्लांट की क्षमता, 100 किलोवाट तक होती है। एक छोटा या सूक्ष्म जलविद्युत पावर सिस्टम, एक घर, खेत, रेंच या गांव के लिए पर्याप्त बिजली उत्पन्न कर सकता है।

उत्तर प्रदेश के जलविद्युत पावर प्लांट्स

  • रिहन्द - 300 मेगावाट (MW)
  • ओबरा - 99 मेगावाट (MW)
  • खारा - 72 मेगावाट (MW)
  • माताटीला - 30.6 मेगावाट (MW)
  • निरगजनी - 5 मेगावाट (MW)
  • चितौड़ा - 3 मेगावाट (MW)
  • सलावा - 3 मेगावाट (MW)
  • भोला - 2.7 मेगावाट (MW)
  • शीला - 3.6 मेगावाट (MW)
  • बेलका - 3.0 मेगावाट (MW)
  • बबैल - 3.0 मेगावाट (MW)

पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र में आगामी जलविद्युत ऊर्जा संयंत्र

उत्तर प्रदेश सरकार ने हरित ऊर्जा (Green Energy) के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को मजबूत करते हुए, पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र में तीन जलविद्युत पावर प्रोजेक्ट्स की योजना बनाई है, जिनकी कुल क्षमता 3,250 मेगावाट (MW) होगी। इन तीन पावर प्लांट्स को निजी कंपनियां, जिनमें टोरेंट पावर भी शामिल है, स्थापित करेंगी। इसके लिए सोनभद्र, चंदौली और मिर्ज़ापुर ज़िलों में 1,000 हेक्टेयर से अधिक भूमि की आवश्यकता होगी।

इन तीन जलविद्युत प्रोजेक्ट्स पर लगभग 15,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा और करीब 10,000 नई नौकरियां उत्पन्न होंगी।

पोलावरम परियोजना, भारत के आंध्र प्रदेश के एलुरु ज़िले और पूर्वी गोदावरी ज़िले में गोदावरी नदी पर एक निर्माणाधीन बहुउद्देश्यीय सिंचाई परियोजना है | चित्र स्रोत : wikimedia

गुरुग्राम स्थित एक निजी कंपनी चंदौली और मिर्जापुर जिलों में 900 मेगावाट और 600 मेगावाट की क्षमता वाले दो पंप्ड स्टोरेज हाइड्रो पावर (PSH) संयंत्र स्थापित करेगी, जिनके लिए कुल 670 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता होगी। इस परियोजना के लिए कंपनी ने अप्रैल 2023 में राज्य के साथ समझौता किया था।

 पंप्ड स्टोरेज हाइड्रो पावर सिस्टम, एक बैटरी की तरह काम करता , और बिजली को स्टोर कर के जरूरत के हिसाब से उसे जारी करता है। इसमें दो जलाशय होते हैं, जो अलग-अलग ऊचाई पर स्थित होते हैं। जब पानी एक जलाशय से दूसरे जलाशय में बहता है, तो यह पावर जनरेट करता है। जब पावर की जरूरत नहीं होती, तो पानी को फिर से ऊपरी जलाशय में पंप कर लिया जाता है। खास बात यह है कि ये परियोजनाएं किसी भी नदी प्रणाली से जुड़ी नहीं हैं, जिससे स्थानीय जल पारिस्थितिकी पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

इसके अलावा, टोरेंट पावर सोनभद्र जिले में एक जलविद्युत पावर प्लांट बनाएगा, जिसका पानी सोन नदी से लिया जाएगा। इस प्रोजेक्ट के लिए 375 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता होगी।

 

संदर्भ: 

https://tinyurl.com/mwpvbdmx 

https://tinyurl.com/2s3ybt4y 

https://tinyurl.com/4sp4cha3 

https://tinyurl.com/dybccudt 

https://tinyurl.com/4pakz6mx 

मुख्य चित्र: ज़िला मुज़फ़्फ़रनगर, उत्तर प्रदेश में नागला कबीर नामक गंगा नहर पर एक लघु जलविद्युत बांध (Wikimedia)


 

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