
हमारा मानसिक स्वास्थ्य, हमारी सोच, भावनाओं, हमारे आसपास की दुनिया की धारणा और हमारे कार्यों को प्रभावित करता है। वहीं, मानसिक स्वास्थ्य विकार, या मानसिक बीमारी एक चिकित्सीय स्थिति है, जो आपके सोचने और व्यवहार करने के तरीके को प्रभावित करती हैं। मानसिक स्वास्थ्य विकार, कभी कभी गंभीर भी हो सकते हैं और सामाजिक, कार्य या पारिवारिक गतिविधियों में कार्य करना कठिन बना सकते हैं। मानसिक स्वास्थ्य विकारों में अवसाद, चिंता, मनोविदलता शामिल हैं। 2017 में भारत में 197.3 मिलियन लोग मानसिक विकार से पीड़ित थे। इसमें 45.7 मिलियन लोग अवसादग्रस्त विकारों वाले और 44.9 मिलियन लोग चिंता विकारों वाले थे। तो आइए, आज भारत में प्रचलित कुछ सामान्य मानसिक विकारों के बारे में जानते हुए, इन विकारों के लक्षणों और कारणों पर कुछ प्रकाश डालेंगे। इसके साथ ही, हम भारत में इन चिकित्सीय स्थितियों के निदान और उपचार के विभिन्न तरीकों के बारे में जानेंगे। अंत में, हम उत्तर प्रदेश में इन बीमारियों से पीड़ित लोगों से सम्बंधित आंकड़ों पर नज़र डालेंगे।
भारत में प्रचलित मानसिक विकारों के प्रकार:
मानसिक स्वास्थ्य विकारों के कुछ सामान्य कारण:
मानसिक स्वास्थ्य विकार के लक्षण:
भारत में मानसिक विकारों के निदान के तरीके:
भारत में मानसिक विकारों के उपचार के तरीके:
मनोचिकित्सा या परामर्श: मानसिक स्वास्थ्य विकारों के लिए यह सबसे आम उपचारों में से एक है। इसे टॉक थेरेपी (talk therapy) भी कहा जाता है। इसमें एक मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर के साथ, अपनी समस्याओं के बारे में बात करना शामिल है। टॉक थेरेपी, कई प्रकार की होती है। इसमें मुख्य रूप से संज्ञानात्मक व्यवहार थेरेपी या द्वंद्वात्मक व्यवहार थेरेपी का प्रयोग किया जाता है। टॉक थेरेपी, अक्सर मनोचिकित्सक और रोगी के बीच प्रत्यक्ष की जाती है। इसे समूह में या परिवार के साथ भी किया जा सकता है। इस प्रकार की थेरेपी उन लोगों के लिए उपयोगी हो सकती है जिनकी कोई मानसिक स्वास्थ्य स्थिति नहीं है और वे चुनौतीपूर्ण जीवन स्थितियों (दुःख, तलाक, आदि) से गुजर रहे हैं।
दवाएं: मानसिक विकारों के लिए दवाएं, भावनाओं और विचार पैटर्न को प्रभावित करने वाले मस्तिष्क के रसायनों में बदलाव लाती हैं। दवाएं मनोरोग स्थितियों या स्वास्थ्य समस्याओं का इलाज नहीं करती हैं। लेकिन वे आपके लक्षणों में सुधार कर सकती हैं और परामर्श जैसे अन्य उपचारों को अधिक प्रभावी बना सकती हैं।
सहायता समूह: स्वयं सहायता और सहायता समूह (Self Help Groups), आपकी स्थिति के बारे में जानकारी प्राप्त करने में आपकी सहायता कर सकते हैं। वे आपकी स्थिति के संबंध में मित्रता, सहायता, संसाधन और सुझाव प्रदान कर सकते हैं। वे अलगाव की भावनाओं को दूर करने में भी मदद करते हैं, जो अक्सर मानसिक स्वास्थ्य स्थितियों के साथ जुड़ी होती हैं।
इलेक्ट्रोकन्वल्सिव थेरेपी (Electroconvulsive therapy (ECT)) या अन्य मस्तिष्क उत्तेजना चिकित्सा: ई सी टी, एक ऐसी सुरक्षित प्रक्रिया है जो मस्तिष्क में विद्युत धाराएं भेजती है। इससे मस्तिष्क में ऐसे बदलाव आते हैं जिनसे सुधार हो सकता है और यहां तक कि परेशान करने वाले लक्षणों को उलटा भी किया जा सकता है। ईसीटी और अन्य मस्तिष्क उत्तेजना उपचारों का उपयोग अक्सर तब किया जाता है जब अन्य प्रकार के उपचार काम नहीं करते हैं।
आई मूवमेंट डिसेन्सिटाइजेशन एंड रीप्रोसेसिंग (Eye Movement Desensitization and Reprocessing (EMDR)) थेरेपी: इस प्रकार की थेरेपी का उपयोग, मनोवैज्ञानिक तनाव को दूर करने के लिए किया जाता है। यह आघात, विशेषकर पोस्ट-ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (post-traumatic stress disorder (PTSD)) के इलाज में मदद करने का एक प्रभावी तरीका है।
अन्य उपचार: मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज में मदद के लिए लोग कई प्रकार की अन्य थेरेपी का उपयोग भी करते हैं। इनमें व्यायाम या योग जैसी शारीरिक गतिविधियां शामिल हो सकती है। इनमें रचनात्मक उपचार भी शामिल हो सकते हैं। इनमें कला, संगीत या लेखन का उपयोग शामिल हो सकता है।
उत्तर प्रदेश में लोग मानसिक रोग से पीड़ितों का आंकड़ा:
मानसिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण द्वारा 2017 में उत्तर प्रदेश में एक रिपोर्ट जारी की गई थी, जिसके अनुसार, उत्तर प्रदेश की 8.7% से अधिक आबादी कम से कम एक मानसिक बीमारी से पीड़ित थी। जबकि, विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization (WHO)) द्वारा प्रलेखित राष्ट्रीय औसत 7.5% था। अध्ययन के निष्कर्षों के अनुसार, उस दौरान, उत्तर प्रदेश की 22.4 करोड़ की आबादी में से 1.95 करोड़ लोग किसी न किसी तरह की मानसिक बीमारी से पीड़ित थे। इसमें उच्च आत्मघाती जोखिम वाले 20 लाख से अधिक लोग शामिल थे। अध्ययन से यह भी पता चला कि 8.9 लाख से अधिक लोग डिस्लेक्सिआ (Dyslexia) ऑटिज़्म (Autism) और अटेंशन डेफ़िसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर (Attention Deficit Hyperactivity Disorder (ADHD)) जैसे बौद्धिक विकारों से पीड़ित थे।
संदर्भ:
मुख्य चित्र स्रोत : pexels
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