‘एक राष्ट्र एक राशन कार्ड’ के द्वारा, भारत में कहीं भी राशन प्राप्त कर सकते हैं आप

आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक
07-03-2025 09:16 AM
‘एक राष्ट्र एक राशन कार्ड’ के द्वारा, भारत में कहीं भी राशन प्राप्त कर सकते हैं आप

क्या आप जानते हैं कि, 1 जनवरी, 2024 तक, भारत में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत,  1.6353 करोड़ मेट्रिक टन अनाज का स्टॉक किया गया, जिसे कुल 5.43 लाख उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से भारत की गरीब जनता को उचित मूल्य पर उपलब्ध कराया गया। पी डी एस (PDS) योजना के तहत, अधिशेष राज्यों से अनाज को खरीदा जाता है, और कम उपज़ वाले क्षेत्रों में पुनर्वितरित किया जाता है। पूरे देश में गरीब लोगों  के लिए खाद्य अनाज का वितरण, राज्य सरकारों द्वारा प्रबंधित किया जाता है। वहीं "एक राष्ट्र एक राशन कार्ड" (One Nation One Ration Card) योजना के तहत, अब भारत के नागरिक पूरे देश में कहीं भी राशन प्राप्त कर सकते हैं। यह भारत सरकार की एक ऐसी योजना है, जिसका उद्देश्य खाद्य सुरक्षा को अधिक सुलभ बनाना है, खासकर प्रवासी श्रमिकों के लिए। तो आइए, आज सार्वजनिक वितरण प्रणाली बारे में समझते हुए, वर्तमान में इसके तकनीकी स्वरूप 'स्मार्ट सार्वजनिक वितरण प्रणाली' (Smart Public Distribution System) के बारे में जानते हैं और देखते हैं कि यह कैसे कार्य करती है और यह महत्वपूर्ण क्यों है। इसके बाद, हम खाद्य अनाज वितरण के डिजिटलीकरण के लिए सरकार द्वारा शुरू की गई विभिन्न सफ़ल पहलों पर चर्चा करेंगे। अंत में, हम 'एक राष्ट्र एक राशन कार्ड' योजना के बारे में जानेंगे।

चित्र स्रोत: Wikimedia 

सार्वजनिक वितरण प्रणाली (Public Distribution System (PDS)):

सार्वजनिक वितरण प्रणाली, एक खाद्य सुरक्षा प्रणाली है, जिसे भारत सरकार द्वारा 'उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय, भोजन और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय' (Ministry of Consumer Affairs, Food and Public Distribution) के तहत गरीब परिवारों को सब्सिडी (Subsidy) की गई दरों पर भोजन और गैर-खाद्य पदार्थों को उपलब्ध कराने के लिए स्थापित किया गया था। देश भर में सभी राज्यों में उचित मूल्य की दुकानों, जिन्हें आम भाषा में राशन की दुकानों के नाम से भी जाना जाता है, के नेटवर्क के माध्यम से गेहूं, चावल, चीनी और मिट्टी का तेल जैसी आवश्यक वस्तुओं का वितरण किया जाता है। पी डी एस प्रणाली को संचालित करने की ज़िम्मेदारी संयुक्त रूप से केंद्रीय और राज्य/केंद्र शासित सरकारों की है। इस प्रणाली के तहत, फूड कॉरपोरेशन ऑफ़ इंडिया (Food Corporation of India (FCI)) के माध्यम से, राज्य सरकारों को खाद्य अनाज की खरीद, भंडारण, परिवहन और थोक आवंटन की ज़िम्मेदारी केंद्र सरकार की है। जबकि, राज्य के भीतर आवंटन, पात्र परिवारों की पहचान, राशन कार्ड संबंधित कार्य और निष्पक्ष मूल्य की दुकानों (Fair Price Shops (FPSs)) आदि जैसे संचालन संबंधी कार्यों की देखरेख की ज़िम्मेदारी राज्य सरकार की है। 

स्मार्ट सार्वजनिक वितरण प्रणाली और इसका महत्व:

स्मार्ट सार्वजनिक वितरण प्रणाली में, प्रौद्योगिकी का उपयोग करके परंपरागत पी डी एस प्रणाली का आधुनिकीकरण और सुधार किया गया है। यह प्रणाली, खाद्य पदार्थों की बर्बादी रोकती है, वितरण श्रृंखला की दक्षता बढ़ाती है और प्रवासियों के लिए अनाज की उपलब्धता सुनिश्चित करती है। राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों में हर दिन बहुत सारा डेटा उत्पन्न और संग्रहित होता है।  स्मार्ट पी डी एस प्रणाली में डेटा एनालिटिक्स (Data Analytics) का उपयोग करके, लाभार्थियों की जानकारी, उनकी खाद्य सुरक्षा आवश्यकताओं और प्रवास के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त की जा सकती है। इस डेटा से समयानुकूल उचित निर्णय लेने में मदद मिलती है। इसे कई अन्य केंद्रीय योजनाओं और कल्याण कार्यक्रमों के लिए भी उपयोग किया जा सकता है।  

चित्र स्रोत : Wikimedia  

 

अनाज वितरण के डिजिटलीकरण के लिए सरकार द्वारा शुरू की गई अन्य सफ़ल पहल:

आज, कुल मासिक आवंटित खाद्य पदार्थों का लगभग 93% वितरण आधार प्रमाणीकरण के माध्यम से किया जाता है। इससे राशन कार्ड का 100% डिजिटलीकरण, लाभार्थियों के डेटा का ऑनलाइन प्रबंधन, सभी राज्यों में खाद्य पदार्थों का आवंटन और आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन प्रणालियों का कम्प्यूटरीकरण जैसे अन्य कार्य भी संभव हो सके हैं। 

सरकार ने लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (Targeted Public Distribution System (TPDS)) के कम्प्यूटरीकरण द्वारा लाए गए सुधारों को बनाए रखने के लिए, 'सार्वजनिक वितरण प्रणाली का एकीकृत प्रबंधन' (IM-PDS) नामक एक केंद्रीय क्षेत्र योजना भी शुरू की है। इस योजना के मुख्य उद्देश्य हैं: 'एक राष्ट्र एक राशन कार्ड' योजना का कार्यान्वयन, राशन कार्ड डेटा के लिए एक राष्ट्रीय स्तर के डेटा संग्रहालय का निर्माण; राशन कार्ड प्रबंधन में एकीकृत डेटा अवसंरचना का निर्माण। 

'एक राष्ट्र एक राशन कार्ड' योजना, देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मूल रूप से कार्यात्मक है और इसके तहत देश भर में लगभग 3.5 करोड़ मासिक लेनदेन किए जाते हैं। इस प्रक्रिया के दौरान, उत्पन्न डेटा अब कई अन्य केंद्रीय मंत्रालयों और राज्य सरकारों के लिए एक उपकरण बन गया है। इसमें ई-श्रम पोर्टल, आयुष्मान भारत और पीएम-सानिधी योजना के लिए लाभ भी शामिल हैं।

'एक राष्ट्र एक राशन कार्ड' योजना:

'एक राष्ट्र एक राशन कार्ड' योजना, लोगों को अपने मौजूदा राशन कार्ड का उपयोग करके देश में कहीं भी सब्सिडी वाले खाद्य अनाज तक पहुंचने की अनुमति देती है। इस योजना का उद्देश्य खाद्य सुरक्षा को अधिक सुलभ बनाना है, खासकर प्रवासी श्रमिकों के लिए। वास्तव में, यह योजना केवल भोजन के बारे में नहीं है; यह चीज़ों को आसान और अधिक कुशल बनाने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के बारे में भी है। इस योजना में प्रौद्योगिकी की महत्वपूर्ण भूमिका है, जिसमें आधार और ई-पी ओ एस (e-PoS) प्रणाली अभिन्न हैं। यह योजना विशेष रूप से प्रवासी श्रमिकों को लाभान्वित करते हुए, सब्सिडी वाले खाद्य अनाज तक राष्ट्रव्यापी पहुंच सुनिश्चित करती है। हालांकि, इस योजना के साथ कुछ डेटा गोपनीयता संबंधी चिंताओं जैसी चुनौतियां भी जुड़ी हुई हैं।

 योजना की प्रमुख विशेषताएं:

  • सुलभ: यह योजना, लाभार्थियों को देशभर में किसी भी उचित मूल्य की दुकान से सब्सिडी वाले खाद्य अनाज को खरीदने की अनुमति देती है, चाहे वे किसी भी राज्य के निवासी हों।
  • प्रौद्योगिकी-चालित: इस योजना में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के एकीकृत प्रबंधन और सहज पहुंच के लिए, आधार  कार्ड का उपयोग किया जाता है।
  • राष्ट्रव्यापी समावेशन: वर्तमान में, यह योजना, सभी राज्यों और केंद्र क्षेत्रों में कार्यान्वित है, जिससे 77 करोड़ से अधिक व्यक्ति लाभान्वित होते हैं।

योजना का उद्देश्य:

इस योजना का प्राथमिक उद्देश्य सभी के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना है, विशेष रूप से उन लोगों के लिए जो काम के लिए इस दूसरे राज्यों में जाते हैं। राशन कार्ड की सुवाह्यता की अनुमति देकर, यह योजना, भौगोलिक बाधाओं को समाप्त कर लोगों की अपने भोजन के अधिकारों तक पहुंच सुनिश्चित करती है। इसके अलावा, इस योजना के उद्देश्य निम्नलिखित हैं:

  • खाद्य अनाज तक राष्ट्रव्यापी पहुंच के साथ लाभार्थियों को सशक्त बनाना।
  • कई विकल्प प्रदान करके एक ही ए फ पी एस पर निर्भरता कम करना।
  • सार्वजनिक वितरण प्रणाली में पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देना।
चित्र स्रोत : Wikimedia 

प्रवासी श्रमिकों के लिए महत्व:

जब प्रवासी श्रमिक रोज़गार के लिए विभिन्न राज्यों में जाते हैं, तो अक्सर उन्हें खाद्य सुरक्षा लाभों तक पहुंचने में चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। यह योजना भारत में कहीं भी खाद्य अनाज तक पहुंचने के लिए अपने मौजूदा राशन कार्ड का उपयोग करने की अनुमति देकर इस समस्या को संबोधित करती है। यह पहल यह सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है कि प्रवास के कारण खाद्य अनाज तक पहुंचने में असमर्थता के कारण कोई भी भूखा नहीं है। यह योजना, न केवल प्रवासी आबादी का समर्थन करती है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करती है कि प्रवासी का परिवार उसी राशन कार्ड का उपयोग करके खाद्य अनाज का अपना हिस्सा प्राप्त कर सकता है। यह दोहरी लाभ प्रणाली स्थान की परवाह किए बिना, पूरे परिवारों के लिए खाद्य सुरक्षा बनाए रखने में मदद करती है।

वास्तव में, यह पहल, राष्ट्रव्यापी खाद्य सुरक्षा प्राप्त करने, लाभार्थियों को लचीलापन प्रदान करने और यह सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के लाभ देश के हर कोने तक पहुंचते हैं।

 

संदर्भ 

https://tinyurl.com/4rnar675

https://tinyurl.com/3aujhfen

https://tinyurl.com/yb3yh68e

मुख्य चित्र: आधुनिक राशन कार्ड (Wikimedia) 

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