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जौनपुर के लोग ये जानते हैं कि, ग्रेफ़ाइट (Graphite) हमारे रोज़मर्रा के जीवन में बहुत काम आता है। हम इसे कई चीज़ों में इस्तेमाल करते हैं, लेकिन शायद ध्यान नहीं देते। पेंसिल, जिससे हम लिखते और चित्र बनाते हैं, उसमें ग्रेफ़ाइट होता है। रिमोट और गैजेट्स में बैटरियाँ होती हैं, जो ग्रेफ़ाइट की मदद से ठीक से चलती हैं। गाड़ियों के ब्रेक, मशीनों में घर्षण कम करने वाले तेल और बिजली से जुड़े उपकरणों में भी इसका उपयोग होता है। यहाँ तक कि नॉन-स्टिक बर्तनों पर भी ग्रेफ़ाइट की कोटिंग होती है, जिससे खाना बनाना आसान हो जाता है।
ग्रेफ़ाइट कार्बन से बना होता है। इसकी खासियत यह है कि यह बिजली और गर्मी सह सकता है और यह मज़बूत भी होता है। यह दुनिया के सबसे मुलायम खनिजों में से एक है, लेकिन हीरा, जो सबसे कठोर होता है, वह भी कार्बन (Carbon) से ही बनता है। इसलिए ग्रेफ़ाइट बहुत खास खनिज है, जिसका उपयोग रोज़मर्रा की चीज़ों से लेकर बड़े उद्योगों तक में होता है।
आज हम जानेंगे कि, ग्रेफ़ाइट कैसे निकाला जाता है और इसके लिए कौन-कौन से तरीके अपनाए जाते हैं। फिर हम ग्रेफ़ाइट के गुणों, इसके उपयोग और अलग-अलग उद्योगों में इसके महत्व को समझेंगे। इसके बाद, दुनिया के उन पाँच देशों के बारे में जानेंगे, जहाँ सबसे ज़्यादा ग्रेफ़ाइट मिलता है। फिर भारत में ग्रेफ़ाइट पैदा करने वाले प्रमुख राज्यों के बारे में जानेंगे। आखिर में, हम देखेंगे कि भारत से ग्रेफ़ाइट किन देशों को भेजा जाता है और इसका व्यापार कैसा होता है।
ग्रेफ़ाइट का खनन कैसे किया जाता है
ग्रेफ़ाइट के खनन के लिए मुख्य रूप से दो चीज़ें महत्वपूर्ण होती हैं: खनिज के तल का मौसम और खनिज का सतह के पास होना। इन आधारों पर, दुनिया भर में ज़्यादातर खनन कंपनियां या तो खुले खदान (ओपन पिट)(Open Pit) विधि या भूमिगत विधि का उपयोग करती हैं। ओपन पिट विधि में खनिज को खुले खदान से निकाला जाता है, जब ग्रेफ़ाइट का खनिज सतह के बहुत करीब होता है। इसमें खनिज निकालने के लिए अक्सर एक प्रक्रिया का उपयोग किया जाता है, जिसे उत्खनन (quarrying) कहते हैं, जिसमें विस्फोटक या ड्रिलिंग (drilling) से चट्टानों को तोड़ा जाता है।
जब ग्रेफ़ाइट खनिज बहुत गहरे होते हैं, तो भूमिगत खनन विधि अपनाई जाती है। इसमें ड्रिफ़्ट माइनिंग (Drift mining), हार्ड रॉक माइनिंग (Hard Rock mining), शाफ़्ट माइनिंग (Shaft Mining) और स्लोप माइनिंग (Slope mining) जैसी प्रक्रियाओं का इस्तेमाल होता है।
ग्रेफ़ाइट के बारे में कुछ ख़ास जानकारी
ग्रेफ़ाइट एक ऐसा खनिज है जो धातु की तरह गर्मी और बिजली को अच्छे से संचारित करता है, लेकिन यह धातु नहीं है। यह प्राकृतिक रूप से मिलता है और इसे कृत्रिम रूप से भी बनाया जा सकता है। शुद्ध प्राकृतिक ग्रेफ़ाइट में ज़्यादा क्रिस्टल (crystal) संरचना होती है, जिससे यह बेहतर तरीके से बिजली और गर्मी को संचारित करता है।
मुख्य तथ्य
ग्रेफ़ाइट के उपयोग
ग्रेफ़ाइट का उपयोग कई महत्वपूर्ण चीजों में किया जाता है:
इसके अलावा, कोटेड स्फ़ेरिकल (coated spherical) ग्रेफ़ाइट का उपयोग लिथियम-आयन बैटरियों में होता है, जिससे बैटरियों की शक्ति और जीवनकाल बढ़ता है। ग्रेफ़ाइट का उपयोग हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहनों में भी किया जाता है, जिससे पर्यावरण को फायदा होता है।
इस तरह, ग्रेफ़ाइट एक बहुत ही महत्वपूर्ण सामग्री है, जो रोज़मर्रा की चीज़ों से लेकर उन्नत तकनीक में काम आती है।
ग्रेफ़ाइट उत्पाद वाले 5 प्रमुख देश
ग्रेफ़ाइट एक खास खनिज है जो न केवल गर्मी और बिजली का अच्छे से संचार करता है, बल्कि यह बहुत मज़बूत भी होता है। यह खनिज कई महत्वपूर्ण उद्योगों में उपयोग किया जाता है, जैसे बैटरियां, इलेक्ट्रोड्स, लुब्रिकेंट्स (घर्षण घटाने वाली सामग्री) और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में। आइए, जानते हैं दुनिया के 5 प्रमुख ग्रेफ़ाइट उत्पादक देशों के बारे में:
1. चीन
चीन 2023 में दुनिया का सबसे बड़ा ग्रेफ़ाइट उत्पादक देश था, जहाँ 1.23 मिलियन टन ग्रेफ़ाइट का उत्पादन हुआ। चीन के पास दुनिया के सबसे बड़े ग्रेफ़ाइट भंडार हैं, और यह खनिज उद्योग में प्रमुख भूमिका निभाता है। चीन के ग्रेफ़ाइट का इस्तेमाल मुख्य रूप से बैटरियों, इलेक्ट्रोड्स, और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में होता है। चीन के पास ग्रेफ़ाइट के विशाल भंडार और उन्नत खनन तकनीकें हैं, जिससे वह इस उद्योग में अग्रणी है।
2. मेडागास्कर (Madagascar)
मेडागास्कर अफ़्रीका का एक प्रमुख ग्रेफ़ाइट उत्पादक देश है, और इसका उत्पादन 2023 में पिछले साल की तुलना में कम हुआ, लेकिन फिर भी यह दूसरे स्थान पर रहा। इस देश में बड़े पैमाने पर ग्रेफ़ाइट खनन परियोजनाएँ चल रही हैं। मेडागास्कर के पास विश्व के चौथे सबसे बड़े ग्रेफ़ाइट भंडार हैं। ग्रेफ़ाइट का इस्तेमाल खासकर बैटरियों, उच्च तापमान वाले रिएक्टरों, और लुब्रिकेंट्स में होता है।
3. मोज़ाम्बिक (Mozambique)
मोज़ाम्बिक 2023 में तीसरे स्थान पर रहा, हालांकि यहाँ का उत्पादन पिछले साल के मुकाबले 42 प्रतिशत घटा है। मोज़ाम्बिक में दो प्रमुख ग्रेफ़ाइट खनन कंपनियाँ हैं: सिरह रिसोर्सेज़ (Syrah Resources) और ट्राइटन मिनरल्स (Triton Minerals)। यहाँ के ग्रेफ़ाइट का उपयोग बैटरियों, उच्च तापमान रिएक्टरों, और इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग में बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए किया जाता है।
4. ब्राज़ील (Brazil)
ब्राज़ील का ग्रेफ़ाइट उत्पादन पिछले कुछ वर्षों में घटा है, लेकिन फिर भी यह महत्वपूर्ण उत्पादक देश है। 2021 में ब्राज़ील ने 82,000 टन ग्रेफ़ाइट का उत्पादन किया था, लेकिन 2022 में इसमें कमी आई। ब्राज़ील के पास विशाल ग्रेफ़ाइट भंडार हैं, और यहाँ का ग्रेफ़ाइट लिथियम-आयन बैटरियों, रिफ़्रैक्टरी (उच्च तापमान वाले) पदार्थों और ग्रेफ़ाइट इलेक्ट्रोड्स के निर्माण में इस्तेमाल होता है।
5. दक्षिण कोरिया (South Korea)
दक्षिण कोरिया ने हाल के वर्षों में अपनी ग्रेफ़ाइट उत्पादन क्षमता बढ़ाई है। 2021 में इसका उत्पादन 10,500 टन था, जो 2022 में बढ़कर 23,800 टन हो गया। दक्षिण कोरिया में हाई-टेक उत्पादों की मांग तेज़ी से बढ़ रही है, जिससे ग्रेफ़ाइट का उपयोग बढ़ा है। इस देश में मुख्य रूप से इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों, सेमीकंडक्टर्स, और बैटरियों के निर्माण के लिए ग्रेफ़ाइट का उपयोग किया जाता है।
भारत में ग्रेफ़ाइट उत्पादक प्रमुख राज्य
भारत फ़्लेक ग्रेफ़ाइट का एक बड़ा उत्पादक है।
कुल भारतीय फ़्लेक ग्रेफ़ाइट (Flake Graphite) संसाधन:
संचालित भारतीय ग्रेफ़ाइट संसाधन:
ग्रेफ़ाइट का सबसे ज़्यादा उत्पादन, भारत के इन राज्यों में होता है:
भारत में इन राज्यों में ग्रेफ़ाइट की बड़ी खदानें हैं, जो देश के ग्रेफ़ाइट उत्पादन में मदद करती हैं।
भारत कहां- कहां निर्यात करता है प्राकृतिक ग्रेफ़ाइट ?
भारत, 2023 में प्राकृतिक ग्रेफ़ाइट का निर्यात जिन प्रमुख देशों में करता है, वे हैं:
भारत इन देशों को प्राकृतिक ग्रेफ़ाइट निर्यात करता है, जो विभिन्न उद्योगों में इस्तेमाल होता है।
संदर्भ
मुख्य चित्र: ग्रेफ़ाइट का एक टुकड़ा और विश्व का मानचित्र (Wikimedia, flickr)
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