
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जौनपुर में आने वाली सर्दी, काफ़ी ठंडी हो सकती है। लेकिन, अदरक और दालचीनी जैसे आयुर्वेदिक पौधे, आपको ऐसे समय गर्म और स्वस्थ रहने में मदद कर सकते हैं। अदरक, शरीर में गर्मी पैदा करने की अपनी क्षमता के लिए जाना जाता है, जो इसे सर्दियों की ठंड से लड़ने, गले की खराश से राहत देने, और आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने के लिए एकदम सही बनाता है। दूसरी ओर, दालचीनी, शरीर को गर्म करने और परिसंचरण में सुधार करने के साथ-साथ, सर्दियों में होने वाले संक्रमणों से लड़ने में भी मदद करती है। इन्हें अपने दैनिक आहार में शामिल करने से, आप पूरे सर्दियों में स्वस्थ रह सकते हैं।
आज हम अपने औषधीय गुणों के लिए मशहूर मसाले – अदरक के बारे में चर्चा करेंगे। हम अदरक के स्वास्थ्य लाभों का पता लगाएंगे, जिसमें मतली से राहत, पाचन में सुधार और सूजन को कम करना शामिल है। आगे, हम दालचीनी के बारे में बात करेंगे, जो आमतौर पर खाना पकाने में इस्तेमाल किया जाने वाला, एक अन्य सुगंधित मसाला है। फिर, हम रक्त शर्करा को नियंत्रित करने, हृदय स्वास्थ्य में सुधार, और चयापचय को बढ़ावा देने की इसकी क्षमता, जैसे दालचीनी के स्वास्थ्य लाभों पर चर्चा करेंगे।
अदरक-
अदरक, ज़िंजिबर ऑफ़िसिनेल (Zingiber officinale) पौधे की “जड़” या प्रकंद है, जो हज़ारों वर्षों से एक लोकप्रिय मसाला और जड़ी–बूटी औषधि रही है। इसका एशियाई, भारतीय और अरबी जड़ी–बूटी परंपराओं में उपयोग का, एक लंबा इतिहास है। उदाहरण के लिए, चीन में, अदरक का उपयोग, 2,000 से अधिक वर्षों से पाचन में मदद करने, और पेट की खराबी, दस्त और मतली के इलाज के लिए किया जाता रहा है। अदरक का उपयोग गठिया, उदरशूल, दस्त और हृदय संबंधी समस्याओं के इलाज में भी किया जाता है। साथ ही, इसका उपयोग सामान्य सर्दी, फ़्लू जैसे लक्षणों, सिरदर्द और दर्दनाक मासिक धर्म के इलाज में मदद के लिए किया गया है।
अदरक एशिया का मूल पौधा है, जहां इसका उपयोग कम से कम 4,400 वर्षों से खाना पकाने के मसाले के रूप में किया जाता रहा है। अदरक, एक गांठदार, मोटा व कोरे ऊन के रंग का भूमिगत तना है, जिसे प्रकंद कहा जाता है। इसका तना, ज़मीन से लगभग 12 इंच ऊपर लंबे, संकरे, पसली वाले, हरे पत्ते और सफ़ेद या पीले-हरे फूल उगाता हैं।
अदरक, एक फूल वाला उष्णकटिबंधीय पौधा है, जो चीन (China), भारत, अफ़्रीका (Africa), कैरेबियन (Caribbean) और अन्य गर्म जलवायु में उगता है।
अदरक के स्वास्थ्य लाभ-
हज़ारों वर्षों से, अदरक का उपयोग पूरी दुनिया में खाना पकाने और उपचार के लिए किया जाता रहा है। यह खाना पकाने के व्यंजनों में स्वाद जोड़ने के लिए जाना जाता है, लेकिन, यह कई स्वास्थ्य लाभ भी प्रदान करता है। कई अध्ययनों में पाया गया है कि, अदरक रक्त शर्करा के स्तर में सुधार करने, सूजन को कम करने, दर्द से राहत देने, प्रतिरक्षा प्रणाली को मज़बूत करने और मतली एवं अपच का इलाज करने में मदद कर सकता है।
•रक्त शर्करा के स्तर में सुधार-
अदरक में जिंजरोल (Gingerol) नामक एक शक्तिशाली यौगिक होता है। इसमें शक्तिशाली एंटी-इंफ्लेमेटरी (Anti-inflammatory) और एंटीऑक्सिडेंट (Antioxidant) गुण होते हैं। ये आपके शरीर को ग्लुकोज़ को बेहतर ढंग से अवशोषित करने, और आपके रक्त शर्करा के स्तर में सुधार करने में मदद कर सकते हैं। जिंजरोल, टाइप 2 मधुमेह (Type 2 Diabetes) वाले लोगों में इंसुलिन (Insulin) उत्पादन को नियंत्रित करने में भी मदद कर सकता है।
•सूजन कम करना-
अदरक, गठिया के कारण होने वाले जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करने में भी मदद कर सकता है। कई अध्ययनों से पता चला है कि, अदरक के अर्क का सेवन करने या इसे जोड़ों पर लगाने से, गठिया की सूजन से होने वाले दर्द में सुधार होता है।
•दर्द दूर करना–
कुछ अध्ययनों से पता चला है कि, अदरक, एस्पिरिन (Aspirin) और इबुप्रोफ़ेन (Ibuprofen) जैसी सामान्य दर्द निवारक दवाओं की तरह ही दर्द से राहत देता है। उदाहरण के लिए, ताज़ा अदरक का सेवन, मासिक धर्म की ऐंठन से होने वाले दर्द से राहत दिलाने में मदद करता है। अदरक का प्रभाव देर से होता है। इससे, यह तत्काल निवारक के बजाय, दीर्घकालिक दर्द निवारक बन जाता है।
•प्रतिरक्षा प्रणाली को मज़बूत करना-
अदरक, महत्वपूर्ण विटामिन (Vitamins) और खनिजों का एक बड़ा स्रोत है, जिसमें लौह, मैग्नीशियम, विटामिन बी 6, विटामिन सी और ज़िंक शामिल हैं। अदरक के एंटीऑक्सिडेंट गुणों के साथ, ये विटामिन और खनिज आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को मज़बूत करने में मदद कर सकते हैं। साथ ही, जिंजरोल मांसपेशियों की थकान और गले में खराश जैसे सामान्य सर्दी के लक्षणों को कम करने में, मदद करता है। यह फ़्लू के लक्षणों से लड़ने में भी मदद कर सकता है।
•मतली और अपच का इलाज-
अध्ययनों से पता चला है कि, अदरक विभिन्न प्रकार की मतली में मदद करता है। यह मॉर्निंग सिकनेस (Morning sickness), मोशन सिकनेस (Motion sickness) और कुछ कीमोथेरेपी (Chemotherapy) उपचारों के दुष्प्रभावों में मदद कर सकता है। यह उस प्रक्रिया के बाद, मतली को कम करने में भी मदद कर सकता है, जिसके लिए सामान्य संज्ञाहरण की आवश्यकता होती है। अदरक, जठरांत्र पथ के माध्यम से भोजन के प्रवाह को बढ़ाने में मदद करता है, और अपच से लड़ता है।
दालचीनी-
दालचीनी एक मसाला है, जो कुछ खास प्रकार के पेड़ों से बनाया जाता है। दालचीनी के पेड़ की छाल के साथ-साथ, पत्तियों, फूलों, फ़लों और जड़ों के अर्क का उपयोग, हज़ारों वर्षों से दुनिया भर में पारंपरिक चिकित्सा में किया जाता रहा है। इसका उपयोग, खाना पकाने और बेकिंग में किया जाता है, और इसे कई खाद्य पदार्थों में मिलाया जाता है। दालचीनी एक मसाला है, जो सिनामोमम परिवार (Cinnamomum family) के पेड़ों की शाखाओं से प्राप्त होता है। यह कैरेबियन (Caribbean), दक्षिण अमेरिका (South America) और दक्षिण पूर्व एशिया (Southeast Asia) का एक मूल पौधा है। प्राचीन मिस्र में 2000 ईसा पूर्व से ही, लोग दालचीनी का उपयोग करते आ रहे हैं, जहां वे इसे बहुत महत्व देते थे। मध्यकाल में, डॉक्टर इसका उपयोग खांसी, गठिया और गले में खराश जैसी स्थितियों के इलाज के लिए करते थे।
दालचीनी के फ़ायदे-
दालचीनी में पोटैशियम (potassium), मैग्नीशियम (magnesium) और कैल्शियम (calcium) होता है। पोटैशियम रक्तचाप पर सोडियम के प्रभाव का प्रतिकार करने में मदद करता है, और हृदय गति को नियंत्रित करता है। पोटैशियम तंत्रिका क्रिया में भी शामिल होता है। दिल की धड़कन को स्वस्थ बनाए रखने के लिए, मैग्नीशियम और कैल्शियम मिलकर काम करते हैं। ये दो खनिज़, हमारे कंकाल या हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक हैं। वे हड्डियों को कमज़ोर होने से रोकते हैं, जिसे ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis) कहा जाता है।
•सूजनरोधी-
दालचीनी एक प्रभावी सूजन-रोधी दवा है। शोधकर्ताओं ने दालचीनी में पाए जाने वाले, फ़ाइटोकेमिकल्स (Phytochemicals) का परीक्षण किया, और एंटीऑक्सिडेंट (Antioxidant) और सूजन-रोधी प्रभावों की खोज की। एक अध्ययन में, कुछ दालचीनी यौगिकों ने आशाजनक परिणामों के साथ मुक्त कणों को भी लक्षित किया।
•कैंसर से बचाव-
एंजियोजेनेसिस (Angiogenesis), ट्यूमर(Tumour) को पोषण देने के लिए, नई रक्त वाहिकाओं के निर्माण की प्रकिया है। कैंसर के इलाज की कुंजी में से एक कदम, एंजियोजेनेसिस को रोकना है। एक अध्ययन से पता चला है कि, दालचीनी एंजियोजेनेसिस, कोशिका वृद्धि और कोशिकीय संकेतन को धीमा कर सकती है या रोक सकती है। इससे पता चलता है कि, दालचीनी, कैंसर को रोकने या उसका इलाज करने में एक उपकरण हो सकती है।
•एंटीबायोटिक गुण(Antibiotic properties)-
दालचीनी की विशिष्ट गंध और स्वाद के लिए, सिनामाल्डिहाइड(Cinnamaldehyde) यौगिक ज़िम्मेदार है। इस फ़ाइटोकेमिकल ने व्यापक एंटीबायोटिक प्रभाव भी सिद्ध किया है। सिनामाल्डिहाइड का परीक्षण स्टैफ़िलोकोकस(Staphylococcus), ई. कोली(E. coli), साल्मोनेला(Salmonella) और कैंडिडा(Candida) सहित कई बैक्टीरिया और वायरस के खिलाफ़ किया गया था। शोधकर्ताओं ने पाया कि, यह घटक इन जीवाणुओं को बढ़ने से रोकने में सक्षम था।
•ऑक्सीडेटिव तनाव(Oxidative stress) से सुरक्षा-
दालचीनी में पॉलीफ़ेनोल्स(Polyphenols) जैसे ढेर सारे एंटीऑक्सिडेंट होते हैं। ये आपके शरीर को ऑक्सीडेटिव क्षति से बचने में मदद कर सकते हैं। दालचीनी में एंटीऑक्सिडेंट इतने मज़बूत होते हैं कि, इसका कभी-कभी प्राकृतिक खाद्य परिरक्षक के रूप में उपयोग किया जा सकता है।
•हृदय रोग से बचाव-
दालचीनी, आपके ट्राइग्लिसराइड्स (Triglycerides) और आपके कुल कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) के स्तर को कम कर सकती है, जिससे हृदय रोग को रोकने में मदद मिल सकती है। यदि आप प्रतिदिन कम से कम 1.5 ग्राम दालचीनी की खुराक लेते हैं, और यदि आपको चयापचय संबंधी रोग है, तो यह आपके कुल कोलेस्ट्रॉल, एल डी एल कोलेस्ट्रॉल (LDL cholesterol), ट्राइग्लिसराइड्स और रक्त शर्करा को कम कर सकता है। यदि, आप इसे लगातार 7 सप्ताह तक लेते हैं, तो यह रक्तचाप भी कम कर सकता है।
संदर्भ
मुख्य चित्र स्रोत: Pexels
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