आइए जानें, भारतीय रेलवे को उन्नत बनाने के लिए अपनाई जा रहीं कुछ पहलों को

य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला
18-02-2025 09:23 AM
आइए जानें, भारतीय रेलवे को उन्नत बनाने के लिए अपनाई जा रहीं कुछ पहलों को

जौनपुर की रेलवे प्रणाली, शहर के बुनियादी ढांचे का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो इसे पूरे भारत के प्रमुख क्षेत्रों से जोड़ती है। जौनपुर जंक्शन, एक प्रमुख रेलवे केंद्र के रूप में कार्य करता है, जो यात्रियों और सामानों की आवाजाही को सुविधाजनक बनाता है। जौनपुर के लोगों के लिए, रेलवे, परिवहन का एक किफ़ायती और विश्वसनीय साधन प्रदान  करती है, जिससे दैनिक आवागमन आसान हो जाता है।  रेलवे, कुशल व्यापार और रसद को सक्षम करके, स्थानीय अर्थव्यवस्था में भी महत्वपूर्ण भूमिका  निभाती है। इसके अतिरिक्त, रेलवे प्रणाली, पर्यटन का समर्थन करती है, क्योंकि, कई यात्री धार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों की यात्रा के लिए, जौनपुर से होकर गुज़रते हैं। हर पहलू में, रेलवे नेटवर्क शहर के लिए संयोजकता और विकास का एक आवश्यक चालक है।

आज, हम भारतीय रेलवे उद्योग के बारे में एक संक्षिप्त चर्चा करेंगे, जो देश के परिवहन और अर्थव्यवस्था में इसकी भूमिका का अवलोकन प्रदान करेगी। फिर हम, भारतीय रेलवे बाज़ार के आकार को देखेंगे, तथा भारतीय अर्थव्यवस्था और इसके विस्तृत नेटवर्क में, इसके योगदान पर प्रकाश डालेंगे। इसके बाद, हम सेवाओं और बुनियादी ढांचे में सुधार लाने के उद्देश्य से, नवीनतम नीतियों और विकास पर ध्यान केंद्रित करते हुए, 2024 में भारतीय रेलवे क्षेत्र में सरकारी पहलों का पता लगाएंगे। अंत में, हम स्वच्छ ऊर्जा और पर्यावरण-अनुकूल प्रथाओं को अपनाने सहित, पर्यावरण की दृष्टि से अधिक टिकाऊ बनने के लिए, भारतीय रेलवे के प्रयासों की जांच करेंगे।

भारतीय रेलवे उद्योग-

भारतीय रेलवे प्रणाली को हमारे अर्थव्यवस्था की नींव और जीवनधारा माना जाता है। भारतीय रेलवे, व्यावहारिक रूप से पूरे देश को कवर करते हुए हज़ारों किलोमीटर तक फ़ैली हुई है, जो इसे अमेरिका, चीन और रूस के बाद दुनिया में चौथा सबसे बड़ा रेलवे नेटवर्क बनाती है। रेलवे बोर्ड, जिसका भारत में रेल सेवाओं के प्रावधान पर एकाधिकार है, इस पूरे बुनियादी ढांचे की देखरेख करता है। अपनी कम लागत और प्रभावी परिचालन के कारण, लंबी दूरी की यात्रा करते समय, रेलवे अधिकांश भारतीयों के लिए परिवहन का सबसे लोकप्रिय साधन बना हुआ है।

Source: Wikimedia

भारत के रेलवे नेटवर्क को एकल प्रबंधन के तहत, दुनिया की सबसे बड़ी रेलवे प्रणालियों में से एक माना जाता है। परिवहन का एक ऊर्जा-कुशल और किफ़ायती साधन होने के अलावा, रेलवे नेटवर्क, लंबी दूरी की यात्रा और थोक वस्तुओं की आवाजाही के लिए भी आदर्श है। भारतीय रेलवे देश में वाहनों भी का पसंदीदा वाहक है।

भारत सरकार ने, निवेशक-अनुकूल नीतियां बनाकर, रेलवे बुनियादी ढांचे में निवेश पर ध्यान केंद्रित किया है। यह माल ढुलाई और तेज़ ट्रेनों के लिए बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए, रेलवे में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश ( Foreign Direct Investment (एफ़ डी आई)) को सक्षम करने के लिए तेज़ी से आगे बढ़ा है। इस समय, कई  राष्ट्रीय और विदेशी कंपनियां भी भारतीय रेल परियोजनाओं में निवेश करना चाहती हैं।

भारतीय रेलवे का बाज़ार मूल्य-

भारतीय रेलवे ने, वित्तीय वर्ष 2024 के अंत तक, 2.56 लाख करोड़ रुपयों या 30.76 बिलियन अमेरिकी डॉलर का कुल राजस्व इकट्ठा किया है। भारतीय रेलवे ने, 2024 के दौरान, 5100 किलोमीटर का ट्रैक बिछाने का लक्ष्य भी हासिल किया है।

वित्त वर्ष 2023-24 में, रेल यात्रियों की कुल संख्या, 648 करोड़ तक पहुंच गई। वित्त वर्ष 2024 में, माल लदान पिछले वर्ष के 1512 मेट्रिक टन के मुकाबले, 1591 मेट्रिक टन से अधिक हो गया।

इसी वर्ष में, भारतीय रेलवे ने अप्रैल से फरवरी तक 1,434.03 मेट्रिक टन माल ढुलाई की, जो पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में, लगभग 66.51 मेट्रिक टन की वृद्धि थी। साथ ही, रेलवे का राजस्व, लगभग 778 मिलियन अमेरिकी डॉलर (6,468 करोड़ रुपये) बढ़ गया।

2022-23 में, भारतीय रेलवे ने, अपने आंतरिक राजस्व का 69% हिस्सा, माल ढुलाई से और 24% हिस्सा, यात्री यातायात से अर्जित किया। शेष 7%, अन्य विविध स्रोतों जैसे पार्सल सेवा, कोचिंग रसीदें और प्लेटफ़ॉर्म टिकटों की बिक्री से अर्जित किया था।

भारतीय रेलवे, सिग्नलिंग और दूरसंचार जैसे क्षेत्रों में, प्रौद्योगिकी का विकास और निर्माण कर  रही है। इसमें 15,000 किलोमीटर को स्वचालित सिग्नलिंग में परिवर्तित किया जा रहा है, और 37,000 किलोमीटर को देशज स्तर पर विकसित ट्रेन टक्कर बचाव प्रणाली – ‘कवच’ से सुसज्जित किया जाएगा।

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2024 में भारतीय रेलवे क्षेत्र की सरकारी  पहलें -

भारत सरकार ने यात्री सुविधाओं, सुरक्षा उपायों और परिचालन क्षमताओं में सुधार पर ध्यान केंद्रित करते हुए, रेलवे क्षेत्र के आधुनिकीकरण और दक्षता को बढ़ाने के लिए कई पहल की हैं।

•पी एम रेल यात्री बीमा योजना: 

पी एम रेल यात्री बीमा योजना की शुरूआत, रेल यात्रियों की सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। यह बीमा योजना, सभी रेल यात्रियों को कवरेज प्रदान करती है, एवं ट्रेन यात्रा के दौरान, दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं के  मामलों में वित्तीय सुरक्षा भी  उपलब्ध करती है।

•रेलवे के लिए बजट आवंटन: 

वित्तीय वर्ष 2024 के बजट में, केंद्रीय रेल मंत्रालय को 2.55 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए, जो पिछले वर्ष की तुलना में 5.8% की वृद्धि है। यह महत्वपूर्ण अनुदान वृद्धि, देश भर में टिकाऊ और कुशल परिवहन सेवाओं का समर्थन करने के लिए, रेलवे बुनियादी ढांचे, विद्युतीकरण और सुरक्षा उपायों को बढ़ाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।

•मिशन रफ़्तार: 

मिशन रफ़्तार का उद्देश्य, चुनिंदा गलियारों पर ट्रेन की गति बढ़ाना, यात्रा का समय कम करना और परिचालन दक्षता बढ़ाना है। यह परियोजना, दिल्ली-मुंबई, दिल्ली-हावड़ा और चेन्नई-मुंबई जैसे उच्च-यातायात मार्गों को लक्षित करती है, जिसका लक्ष्य, तेज़ और सुरक्षित रेल सेवाओं के साथ, यात्रियों और माल परिवहन की बढ़ती मांगों को पूरा करना है।

•भारत विकसित रेलवे कार्यक्रम: 

भारत विकसित रेलवे कार्यक्रम के तहत, सरकार 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी (Multi-modal connectivity) वाले, मेगा रेलवे टर्मिनल विकसित करने की योजना बना रही है। यह पहल, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की ‘विकसित भारत’ पहल के तहत, रेलवे के बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने के दृष्टिकोण का हिस्सा है, जिसका लक्ष्य, देश भर में रेल परिवहन और संयोजकता को बदलना है।

•रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास: 

अमृत भारत स्टेशन योजना, देश भर में, 553 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास पर केंद्रित है, जिसमें 19,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना का उद्देश्य, स्टेशन के बुनियादी ढांचे का आधुनिकीकरण करना, यात्री सुविधाओं को बढ़ाना और प्रमुख रेलवे जंक्शनों और टर्मिनलों पर विश्व स्तरीय सुविधाएं बनाना है।

 भगवा रंग में मिनी वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन | Source: Wikimedia

गो ग्रीन (Go Green) हरित रणनीति अपनाना-

नीति आयोग के अनुसार, 2014 में भारतीय रेलवे से, कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन, लगभग 6.84 मिलियन टन था।  पिछले दस वर्षों में, भारतीय रेलवे को 100% हरित रेलवे में बदलने के लक्ष्य के साथ,  काफ़ी काम किया गया। वास्तव में, पर्यावरण प्रदूषण को कम करने में मदद करने के लिए, भारतीय रेलवे को दुनिया की पहली नेट-ज़ीरो रेलवे (Net Zero) बनाने की दिशा में काम पहले से ही चल रहा है। भारतीय रेलवे ने 2022 तक, अपने ट्रैक के 100% विद्युतीकरण का लक्ष्य रखा है। इससे न केवल कार्बन  फ़ुटप्रिंट को कम करने में मदद मिलेगी, बल्कि ईंधन लागत में कमी के माध्यम से वित्तीय बचत भी होगी।

भारतीय रेलवे ने सभी रेलवे स्टेशनों पर 100% एलईडी लाइटिंग और कई स्टेशनों पर सौर पैनल उपलब्ध करा दिए हैं। हरित कवरेज में सुधार के लिए, भारतीय रेलवे,  हर साल, एक करोड़ पौधे लगा रही है और लगभग 15,000 वर्ग किलोमीटर भूमि को हरित कवरेज प्रदान किया गया है।

ऊर्जा स्थिरता पहल को बढ़ावा देने के लिए, भारतीय रेलवे द्वारा उठाए गए कुछ अन्य कदमों में, ऊर्जा दक्षता प्रथाओं को अपनाना; ईंधन दक्षता को सक्षम करना;  ऊर्जा प्रतिष्ठानों की स्थापना और बायो-डीज़ल पर ध्यान केंद्रित करना शामिल है।

संदर्भ 

https://tinyurl.com/36mu9uf9

https://tinyurl.com/36mu9uf9

https://tinyurl.com/3spa9f5p

https://tinyurl.com/4s9z3tep

https://tinyurl.com/msckn7rp

मुख्य चित्र: वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन की सीटें (Wikimedia)

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