औषधीय गुणों और स्वास्थ्य लाभों से भरपूर होते हैं मशरूम

फंफूद, कुकुरमुत्ता
25-01-2025 09:16 AM
औषधीय गुणों और स्वास्थ्य लाभों से भरपूर होते हैं मशरूम

मशरूम, अपने औषधीय गुणों और स्वास्थ्य लाभों के लिए जाने जाते हैं। इनमें सेलेनियम (Selenium), विटामिन डी (Vitamin D) और विटामिन बी 6 (Vitamin B6) जैसे पोषक तत्व होते हैं, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाते हैं। इसके अलावा, मशरूम मस्तिष्क के स्वास्थ्य के लिए भी अच्छे होते हैं और न्यूरोलॉजिकल क्षति से बचाने में मदद कर सकते हैं। कई लोगों के लिए एक आश्चर्यजनक तथ्य हो सकता है कि मशरूम और हमारे जौनपुर के बीच सीधा संबंध है। जौनपुर के पचौली गांव के रहने वाले रामचन्द्र एस दुबे को जौनपुर का मशरूम मैन कहा जाता है। उन्होंने मशरूम उत्पादन व्यवसाय में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। तो आइए, आज मशरूम के पोषण मूल्यों के बारे में विस्तार से समझते हुए भारत में उगाए जाने वाले मशरूम की पोषण संरचना पर कुछ प्रकाश डालते हैं। इसके साथ ही, भारत में औषधीय गुणों वाले कुछ मशरूमों के बारे में जानते हैं। अंत में, हम रामचंद्र एस दुबे और जौनपुर में मशरूम उत्पादन व्यवसाय को बढ़ाने में उनके योगदान के बारे में जानेंगे।
मशरूम के पोषण गुण:
मशरूम को संपूर्ण स्वास्थ्यप्रद भोजन माना जाता है और ये बच्चों से लेकर वृद्धों तक सभी उम्र के लोगों के लिए उपयुक्त होते हैं। मशरूम का पोषण मूल्य कई कारकों जैसे प्रजाति, विकास के चरण और पर्यावरणीय परिस्थितियों पर निर्भर करता है। मशरूम प्रोटीन, आहार फ़ाइबर, विटामिन और खनिजों से भरपूर होते हैं। इनमें लगभग 80% से 90% पानी और 8% से 10% फ़ाइबर होता है। इनके अलावा, मशरूम विटामिन विशेष रूप से C और B ( फ़ोलिक एसिड, थायमिन, राइबोफ्लेविन और नियासिन) और पोटेशियम, सोडियम और फ़ॉस्फ़ोरस जैसे खनिजों का उत्कृष्ट स्रोत होते हैं। इसमें अन्य आवश्यक खनिज (Cu, Zn, Mg) भी उच्च मात्रा में होते हैं लेकिन आयरन और कैल्शियम की कमी होती है। मशरूम के सुपाच्य कार्बोहाइड्रेट प्रोफ़ाइल में स्टार्च, पेंटोज़, हेक्सोज़, डिसैकराइड, अमीनो शर्करा, शर्करा अल्कोहल और शर्करा एसिड शामिल हैं।

विभिन्न मशरूमों में सूखे वजन के आधार पर कुल कार्बोहाइड्रेट सामग्री 26%-82% तक भिन्न होती है। खाने योग्य मशरूम में आमतौर पर लिपिड का स्तर कम होता है और पॉलीअनसेचुरेटेड फ़ैटी एसिड का अनुपात अधिक होता है। मशरूम में कोलेस्ट्रॉल नहीं होता है, इसके बजाय, इनमें एर्गोस्टेरॉल होता है जो मानव में विटामिन-डी संश्लेषण के लिए अग्रदूत के रूप में कार्य करता है। मशरूम में प्रोटीन की मात्रा आमतौर पर अधिक होती है, लेकिन इसमें काफी भिन्नता होती है। मशरूम की अपरिष्कृत प्रोटीन सामग्री प्रजातियों के आधार पर 12% - 35% तक भिन्न होती है। सामान्य तौर पर ये थेरोनिन और वेलिन जैसे मुक्त अमीनो एसिड से भरपूर होते हैं लेकिन सल्फर युक्त अमीनो एसिड (एथिओनिन और सिस्टीन) की कमी होती है।
मशरूम के औषधीय गुण:
मशरूम खाने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित होती है। यह स्वास्थ्य को बनाए रखते हैं और इनसे कैंसर की संभावना को कम हो जाती है। मशरूम शरीर में ट्यूमर की वृद्धि को रोकते हैं और रक्त शर्करा को संतुलित रखते हैं। मशरूम निम्नलिखित बीमारियों में अत्यंत फायदेमंद माने जाते हैं:
- हृदय रोग, 
- मधुमेह रोग और मोटापा, 
- कैंसर

मशरूमतत्वऔषधीय मूल्य
गैनोडर्मा ल्यूसिडियमगैनोडेरिक एसिड बीटा कुकॉनप्रतिरक्षा प्रणाली को मज़बूत करता है, लीवर की रक्षा करता है और इसकी एंटीबायोटिक प्रकृति, कोलेस्ट्रॉल को बनने से रोकती है।
लैंटिनुला एडोडसएरिटाडानिन लेंटिनुनकोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है और कैंसर प्रतिरोधी है।
एगरिकस बिस्पोरसलैक्टिनसइंसुलिन के स्राव को बढ़ाता है।
प्लूरोटस सरोज काजूलोवास्टैटिनकोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है।
गैनोडर्मा फ्रोंडोसापॉलीसेकेराइड लेक्टिनइंसुलिन के स्राव को बढ़ाता है और रक्त में ग्लूकोज़ की मात्रा कम करने में मदद करता है।
ऑरिक लारिया ऑरिकुलाएसिडिक पेलिकेराइड्सरक्त में ग्लूकोज़ की मात्रा को कम करता है।
कर्डिसेव्स साइनेंसिसकॉर्डिसिपिनतनाव कम करने में मदद करता है और कोशिकाओं को स्वस्थ रखता है।
ट्रैनेंटिस विरसर्कुलरपेलिकेराइड्स के (क्रेसिन)तनाव को कम करता है।
फ्लेमुलिना वैलुटिप्सअर्गथायनिन प्रोफ्लेमिनएंटीऑक्सीडेंट, कैंसर का प्रतिरोध करता है।

.भारत में उगाए जाने वाले मशरूम और उनके स्वास्थ्य लाभ:
सफ़ेद बटन मशरूम (White Button Mushrooms): सफ़ेद बटन मशरूम भारतीय बाज़ार में उपलब्ध सबसे आम और सबसे हल्का स्वाद वाला मशरूम है। इसे कच्चा या पकाकर खाया जा सकता है और इसका उपयोग सूप, सलाद और पिज़्ज़ा में किया जाता है। सफ़ेद बटन मशरूम में कैलोरी और शर्करा की मात्रा कम होती है। वे प्रोटीन से भरपूर होते हैं और सूरज की रोशनी के संपर्क में आने के कारण, ये विटामिन डी2 का एक प्राकृतिक गैर-पशु स्रोत हैं; यह आपके शरीर में कैल्शियम के अवशोषण में मदद करता है और आपकी हड्डियों को मज़बूत रखने में मदद करता है।इसमें विटामिन बी12 भी प्रचुर मात्रा में होता है। सफ़ेद मशरूम को कैंसर प्रतिरोधी होने के लिए भी जाना जाता है और यह रक्त शर्करा के स्तर को कम करने और इंसुलिन प्रतिरोध में सुधार करने में मदद करता है। 
पोर्टोबेलो मशरूम (Portobello Mushrooms): पोर्टोबेलो मशरूम, दुनिया में सबसे अधिक खाए जाने वाले मशरूमों में से एक है। ये मशरूम, अपने आकार, मांसल बनावट और मिट्टी जैसे स्वाद के कारण पसंद किए जाते हैं। पोर्टोबेलो विटामिन, डी कॉपर और सेलेनियम से भरपूर होते हैं जिनकी शरीर को संयोजी ऊतक बनाने, आयरन को चयापचय करने और ऊर्जा और एंटीऑक्सिडेंट का उत्पादन करने के लिए आवश्यकता होती है। इसमें नियासिन या विटामिन B6 भी होता है जो भोजन को ऊर्जा में बदलने में मदद करता है और फैटी एसिड को संश्लेषित करता है। 

शिताके मशरूम (Shiitake Mushrooms): शिताके, मशरूम अपने समृद्ध, स्वादिष्ट स्वाद और विभिन्न स्वास्थ्य लाभों के लिए जाने जाते हैं। शिताके मशरूम में हल्का लकड़ी जैसा स्वाद और सुगंध होती है। इनमें मांसल बनावट होती है और ये चबाने योग्य होते हैं, और लगभग हर चीज के साथ अच्छे लगते हैं। इन्हें ब्लैक फॉरेस्ट, ब्लैक विंटर, ब्राउन ओक, चाइनीज़ ब्लैक, ब्लैक मशरूम आदि के नाम से भी जाना जाता है। इसका उपयोग आमतौर पर सूप, उबले हुए व्यंजनों में और यहां तक कि शाकाहारी व्यंजनों में भी किया जाता है। कैलोरी में कम, फ़ाइबर और विटामिन बी से भरपूर, शिताके मशरूम प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने, रक्त कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने, धमनियों को सख्त करने, मधुमेह प्रतिरोधी और एक एंटी-एजिंग एजेंट के रूप में अच्छे माने जाते हैं। 
ऑयस्टर मशरूम (Oyster Mushrooms): ऑयस्टर मशरूम में थोड़ी मीठी, सौंफ जैसी गंध होती है, जबकि इसका गूदा कोमल, मखमली बनावट और हल्के स्वाद वाला होता है। इस मशरूम को इसका नाम सीप के समान दिखने के कारण मिला है। ऑयस्टर मशरूम ज़्यादातर वसा रहित होते हैं और नियासिन, राइबोफ़्लेविन, विटामिन बी 6 और थायमिन सहित आवश्यक खनिज और विटामिन का अच्छा स्रोत होते हैं। इसके कई स्वास्थ्य लाभ भी हैं जैसे कि ये कोलेस्ट्रॉल कम करते हैं, हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं, प्रतिरक्षा प्रणाली को मज़बूत बनाते हैं और चयापचय स्वास्थ्य में सुधार करते हैं।

एनोकी मशरूम (Enoki Mushrooms): एनोकी, जिसे विंटर मशरूम, या विंटर फंगस के नाम से भी जाना जाता है, आमतौर पर पूर्वी एशियाई भोजन में उपयोग किए जाते हैं। ये अपने हल्के और नाज़ुक फल स्वाद के लिए जाने जाते हैं। इन मशरूमों को कच्चा और पकाकर दोनों प्रकार से खाया जा सकता है और साथ ही सलाद, सूप, सैंडविच और पास्ता सॉस में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इसकी दो अलग-अलग किस्में होती हैं, जंगली और खेती की गई। मशरूम की यह किस्म कई खनिजों जैसे फॉस्फोरस, आयरन, सेलेनियम, थायमिन, कैल्शियम और कॉपर एवं विटामिन जैसे विटामिन बी3, विटामिन बी5, विटामिन बी1, विटामिन बी 2 (Vitamin B2) , से भरपूर होती है। मशरूम में स्वस्थ अमीनो एसिड और आहार फ़ाइबर भी होते हैं जो कोलेस्ट्रॉल कम करते हैं और प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। यह मशरूम शरीर में वसा को कम करता है और चयापचय को बढ़ाता है। 
शिमेजी मशरूम (Shimeji Mushrooms): ये मशरूम मृत बीच के पेड़ों पर उगते हैं। कच्चा खाने पर इनका स्वाद कड़वा होता है जबकि पका कर खाने पर, ये इनका स्वाद कुरकुरा और मीठा अखरोट जैसा होता है। इनका उपयोग आमतौर पर तले हुए खाद्य पदार्थों और सूप, स्टू और सॉस में किया जाता है। ये मशरूम गुआनाइलिक एसिड, ग्लूटामिक एसिड और एसपारटिक एसिड जैसे उमामी स्वाद वाले यौगिकों से समृद्ध होते हैं। ये कोलेस्ट्रॉल और सोडियम मुक्त, वसा में कम और आहार फ़ाइबर में भी उच्च होते हैं। साथ ही ये प्रोटीन, जिंक, विटामिन बी और कॉपर का भी अच्छा स्रोत हैं। शिमेजी मशरूम कोलेस्ट्रॉल कम करता है, वजन घटाने में सहायता करता है, मधुमेह का प्रबंधन करता है। यह सूजनरोधी, रोगाणुरोधी और परजीवीरोधी भी है।

पॉर्सिनी मशरूम (Porcini Mushrooms): पॉर्सिनी मशरूम टोपी वाले बड़े मशरूम हैं जिनका व्यास 12 इंच तक हो सकता है। पॉर्सिनी मशरूम की कुछ अलग-अलग किस्में होती हैं, ये थोड़े लाल-भूरे रंग के होते हैं, इनका तना मोटा होता है और छूने पर थोड़े चिपचिपे होते हैं। इसमें सुगंधित, लकड़ी जैसा और अखरोट जैसा स्वाद है। पॉर्सिनी मशरूम का उपयोग मांस व्यंजन, सॉस, शोरबा, अंडे, पास्ता और शाकाहारी व्यंजन बनाने के लिए किया जा सकता है। ये मशरूम पेट के स्वास्थ्य के लिए फ़ाइबर, प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने वाले एंटीऑक्सिडेंट, मांसपेशियों के लिए प्रोटीन, आयरन से भरपूर होते हैं और इनमें कोलेस्ट्रॉल, ट्रांस वसा या संतृप्त वसा नहीं होती है।
पैडी स्ट्रॉ मशरूम (Paddy Straw Mushrooms): यह खेती करने में सबसे आसान मशरूमों में से एक है। पैडी स्ट्रॉ मशरूम की खेती पहली बार भारत में वर्ष 1940 में की गई थी। यह अपने स्वाद, सुगंध, नाजुकता और पोषक तत्वों के लिए सफेद बटन मशरूम के समान ही लोकप्रिय है। ये स्ट्रॉ मशरूम गर्मी के मौसम के लिए अच्छे होते हैं। वे प्रोटीन, फ़ाइबर, आयरन, विटामिन बी और विटामिन सी से भरपूर होते हैं, इनमें फोलिक एसिड, पोटेशियम और कॉपर भी होता है। इनमें प्राकृतिक इंसुलिन होता है जो मधुमेह रोगियों के लिए अच्छा है, बीटा-ग्लूकन कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकता है और विटामिन डी हड्डियों को मजबूत बनाता है। यह एनीमिया से भी बचाता है और हृदय स्वास्थ्य के लिए अच्छा है।

जौनपुर के मशरूम मैन: रामचन्द्र एस दुबे और मशरूम उत्पादन में उनका योगदान:
जौनपुर ज़िले के पचौली गांव के रहने वाले रामचन्द्र एस दुबे को जौनपुर के मशरूम मैन के नाम से जाना जाता है और उनके ब्रांड का नाम, अन्नपूर्णा एग्रो एंटरप्राइज़ेज है। पिछले चालीस वर्षों से, उन्होंने विभिन्न उद्योगों में विभिन्न भूमिकाओं में काम किया है। 2017 में, अपने गांव लौट के बाद, उन्होंने स्थानीय कृषि विज्ञान केंद्र में मशरूम उगाने के लिए 5-दिवसीय पाठ्यक्रम में भाग लिया। प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद, उन्होंने किसानों का एक समूह बनाया और उन्हें मशरूम उगाना सिखाया। वह तब से ही, स्थानीय कृषि विज्ञान केंद्र से जुड़े हुए हैं। वर्तमान में बहुत सारे किसान उनके साथ जुड़े हुए हैं और मशरूम उगा रहे हैं। वह अन्नपूर्णा एग्रो एंटरप्राइज़ेज के प्रमुख हैं, जहां किसानों को मशरूम की खेती का प्रशिक्षण भी दिया जाता है। ब्रांड अन्नपूर्णा एग्रो एंटरप्राइजेज में न केवल कच्चे मशरूम उगाए और बेचे जाते हैं, बल्कि उन्हें मशरूम अचार, मशरूम पकोड़ा, मशरूम नमकीन, मशरूम बिस्कुट में भी संसाधित किया जाता है, जिन्हें बाद में बाज़ार में बेचा जाता है।
रामचन्द्र एस दुबे कहते हैं कि "वह मशरूम के लिए जीते हैं, मशरूम के साथ सोते हैं, मशरूम के साथ जागते हैं और मशरूम ही एकमात्र विषय है जिसके बारे में वह बात करते हैं। उन्हें मशरूम की खेती के माध्यम से युवाओं के लिए अधिक रोजगार पैदा करने की उम्मीद है। स्थानीय कृषि विज्ञान केंद्र वह मंदिर है जहां यदि किसान प्रार्थना करता है, तो देवता निश्चित रूप से उत्तर देते हैं।" वे बताते हैं कि जब उन्होंने जौनपुर ज़िले में मशरूम की खेती शुरू की, तो उनका लक्ष्य अधिक से अधिक किसानों के साथ काम करना था। मशरूम के बारे में उत्साही लोगों को शिक्षित करना उनके लिए बहुत आनंददायक कार्य बन गया है। उनका कहना है कि मशरूम एक दिलचस्प विषय है और उन्हें उम्मीद है कि ज़िले में कई और किसान मशरूम की खेती करेंगे। इससे न केवल आर्थिक लाभ होगा, बल्कि जो भी किसान इसे खाएंगे, वे सभी स्वस्थ रहेंगे। उन्होंने कहा कि बिना या बहुत कम आय वाले गरीब किसान आसानी से मशरूम उगा सकते हैं और उस पर निर्भर रहकर स्वस्थ रह सकते हैं।

संदर्भ
https://tinyurl.com/bdft7w5b
https://tinyurl.com/nhjpybcw
https://tinyurl.com/mv3sp7vp
https://tinyurl.com/ytz56bkw

चित्र संदर्भ

1. सब्ज़ियों के साथ रखे मशरूमों को संदर्भित करता एक चित्रण (Pexels)
2. प्लेट में मशरूम युक्त खाना खा रहे व्यक्ति को संदर्भित करता एक चित्रण (Pexels)
3. सफ़ेद बटन मशरूमों को संदर्भित करता एक चित्रण (Pexels)
4. शिताके मशरूमों को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
5. एनोकी मशरूमों को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
6. पॉर्सिनी मशरूमों को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
7. मशरूम के एक फ़ार्म को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
 

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